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गलती से दान पात्र में गिरा iPhone, मंदिर प्रशासन ने कहा- भगवान का हुआ!

Chennai के एक मंदिर में चढ़ावे के दौरान भक्त का Iphone दान पात्र में जा गिरा. इसके बाद पुजारियों ने कहा, फ़ोन तो अब भगवान का हो गया. आप भले ही उससे सिम और डेटा वापस ले सकते हैं
गलती से दान पात्र में गिरा iPhone, मंदिर प्रशासन ने कहा- भगवान का हुआ!
आमिर खान और अनुष्का शर्मा की फिल्म आई थी PK। जिसमें गलती से अनुष्का का पर्स मंदिर के दान पात्र में गिर जाता है। इसके बाद जब अनुष्का मंदिर के पुजारी से कहती है कि उनका पर्स गलती से दान पात्र में गिरा अब उसे वापस चाहिए। पुजारी दान पात्र में पर्स चेक करते हैं तो उसमें अनुष्का का पर्स उन्हें मिल जाता है और जब पर्स चेक करते हैं उसमें आईडी कार्ड और कुछ पैसे होते हैं। पुजारी पर्स से पैसे निकालकर पर्स अनुष्का को वापस लौटा देतें हैं जब अनुष्का बोलती है कि वो पैसे मेरे हैं तो पुजारी ने जवाब दिया एक बार भगवान को अर्पण कर दिए तो कर दिए, अब वे उनके हुए।

ये सारी कहानी हम आपको इसलिए सुना रहे हैं क्योंकि चेन्नई के एक मंदिर में भक्त के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। यहां दिनेश नाम का शख्स परिवार के साथ थिरूरपुरुर के अरुलमिगु मंदिर आया था। मंदिर की हुंडी यानी दान पेटी में चढ़ावा चढ़ाने के लिए जब उन्होंने अपनी जेब से पैसे निकाले तो दिनेश का आईफ़ोन भी दान पेटी में गिर गया। जब दिनेश ने मंदिर प्रशासन से अपना आईफ़ोन वापस मांगा तो उन्होंने PK मूवी वाला डायलॉग ही सुना दिया। यानी एक बार फ़ोन भगवान को अर्पण कर दिया तो अब फोन उनका हुआ।

 दो महीने में खुली दान पेटी ।


हुंडी में फोन गिरते ही दिनेश ने मंदिर प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी। मंदिर का नियम है हुंडी दो महीने में एक बार खोली जाती है। इसलिए पुजारी ने दिनेश को ये कहकर लौटा दिया कि वे दो महीने बाद आएं। जब दो महीने बाद मंदिर की हुंडी खोली गई तो दिनेश को बुलाया गया। दिनेश का फोन हुंडी में ही मिला था। लेकिन पुजारियों ने उन्हें फ़ोन वापस नहीं दिया। हालांकि उन्होंने दिनेश को फ़ोन का डेटा और सिम कार्ड लौटाने की बात ज़रूर कही। लेकिन दिनेश की मांग है कि उन्हें उनका आईफ़ोन वापस मिले। दिनेश के बार बार गुहार लगाने के बाद भी उन्हें फ़ोन वापस नहीं मिला।

 मंत्री तक पहुंची गुहार 


जब मंदिर प्रशासन ने दिनेश की मांग ठुकरा दी तो मामला तमिलनाडु के मानव संसाधन मंत्री पीके शेखर बाबू तक पहुंचा। लेकिन इस मामले में मंत्री पीके शेखर ने भी मंदिर प्रशासन के नियमों के खिलाफ जाने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि, हुंडी या दान पात्र में जो कुछ एक बार जमा हो जाता है वो वापस नहीं किया जा सकता क्योंकि वो भगवान का मान लिया जाता है। नियम भी यहीं कहते हैं। कोई ऐसा नियम नहीं है जिससे दान पेटी में गई हुई चीजें वापस दी जाएं। हालांकि उन्होंने मंदिर प्रशासन से बात कर दिनेश को मुआवज़ा देने की संभावना ज़रूर जताई।

दरअसल, जिन नियमों का हवाला मंदिर प्रशासन दे रहा है वे 1975 में बनाए गए हुंडियाल स्थापना सुरक्षा और लेखा नियम हैं। नियम के मुताबिक़, 

हुंडियाल (दान पेटी) में आई हर वस्तु भगवान के खाते में जाती है। दान पेटी में एक बार आई वस्तु वापस नहीं लौटाई जा सकती।  दान पात्र महीने में एक या जरूरत पड़ने पर दो बार ही खोले जाएंगे । अस्थाई हुंडी को त्यौहार पर लॉकर में सील किया जाएगा।

तमिलनाडु की ही तरह पहले केरल में भी इस तरह का मामला सामने आया था। जब एक महिला की सोने की चेन दान पेटी में गलती से गिर गई थी। महिला चढ़ावे के लिए अपने गले से तुलसी की माला उतार रही थी ।तभी सोने की चेन भी साथ आ गई और हुंडी में जा गिरी। CCTV खंगाला गया तो महिला का दावा सही निकला। इसके बाद मंदिर प्रशासन ने महिला को हुंडी में गिरी हुई चेन तो वापस नहीं कि लेकिन अपने खर्चे से उसे नई चेन ख़रीद कर ज़रूर लौटाई।

वहीं, दिनेश के मामले पर लोगों ने सोशल मीडिया पर बवाल काट रखा है। लोगों ने कमेंट में पूछा कि, क्या भगवान IPHONE का इस्तेमाल करेंगे ? तो वहीं, कुछ ने पूछा मोबाइल भगवान रखेंगे या पुजारी ? कुछ ने तो ये तक कह दिया कि मोबाइल की जगह लोन के कागजात दान पेटी में गिर जाते तो क्या वे भी भगवान के हो जाते ? तो कुछ ने मंदिर प्रशासन से दिनेश का फोन वापस करने की मांग की। कुछ ऐसे भी लोग थे जिन्होंने दिनेश को सांत्वना देते हुए कहा, अब अपना फोन दान समझकर भूल जाओ।वैसे दान दक्षिणा तो श्रद्धा का विषय है।जिसकी जैसी श्रद्धा वैसा दान। 
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