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Israel-Lebanon War: हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद पैदा हुए 100 नवजातों का नाम रखा नसरल्लाह

Israel-Lebanon War: इजरायल और लेबनान के बीच चल रहे संघर्ष ने एक नई दिशा तब ली जब इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई। नसरल्लाह की हत्या ने पूरे अरब क्षेत्र में आक्रोश फैला दिया। शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार होगा, जिसे लेकर बड़ी संख्या में शोक सभाएं आयोजित हो रही हैं। इराक में नसरल्लाह की मौत के बाद 100 से ज्यादा नवजातों का नाम उनके नाम पर रखा गया है।
Israel-Lebanon War: हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद पैदा हुए 100 नवजातों का नाम रखा नसरल्लाह

Israel-Lebanon War27 सितंबर को हुए इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद मध्य पूर्व की राजनीति में भारी उथल-पुथल मच गई। यह हमला लेबनान की राजधानी बेरूत के दहियेह क्षेत्र में स्थित हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर हुआ, जिसने इजरायल-लेबनान संघर्ष को नए स्तर पर पहुंचा दिया। नसरल्लाह की हत्या से इराक और अन्य अरब देशों में तीव्र आक्रोश फैल गया, विशेष रूप से बगदाद में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। इसके अलावा नसरल्लाह की मौत पर शोक सभाएं आयोजित हो रही हैं। इराक में नसरल्लाह की मौत के बाद 100 से ज्यादा नवजातों का नाम उनके नाम पर रखा गया है,और ऐसा हसन नसरल्लाह को सम्मान और समर्थन देने को लेकर किया गया।

हिजबुल्लाह में नसरल्लाह का योगदान

1992 में हिजबुल्लाह के पिछले प्रमुख अब्बास अल-मुसावी की इजरायली हमले में हत्या के बाद, हसन नसरल्लाह ने संगठन की बागडोर संभाली। नसरल्लाह के नेतृत्व में, हिजबुल्लाह ने लेबनान में केवल एक आतंकवादी संगठन के रूप में ही नहीं बल्कि एक राजनीतिक ताकत के रूप में भी अपनी जगह बनाई। नसरल्लाह ने ईरान के साथ गहरे संबंध बनाए रखे और इजरायल के खिलाफ प्रतिरोध को मजबूत करने के लिए हमास, हूती, और इराक-यमन के अन्य संगठनों को हथियारों की आपूर्ति भी की।

नसरल्लाह की मौत के बाद, ईरान में भारी शोक मनाया गया और इसे "शहीद" का दर्जा दिया गया। इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने नसरल्लाह को "नेक के रास्ते पर चलने वाला शहीद" कहा और इजरायली हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। तीन दिन का राजकीय शोक मनाया गया, जिसमें देशभर में कई मोमबत्ती जलाने के कार्यक्रम और विरोध प्रदर्शन आयोजित हुए। नसरल्लाह की हत्या को अरब देशों में इजरायल और पश्चिमी प्रभावों के खिलाफ लड़ाई के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।

इजरायल-लेबनान संघर्ष में बढ़ती तनाव

नसरल्लाह की हत्या के बाद इजरायल ने लेबनान में सीमित जमीनी आक्रमण की शुरुआत की। पिछले लगभग एक साल से चल रहे इस संघर्ष में लेबनान सरकार के अनुसार 1,900 से अधिक लोग मारे गए और 9,000 से अधिक घायल हुए हैं, जिसमें से ज्यादातर मौतें हाल ही के दो हफ्तों में हुई हैं। इस संघर्ष के दौरान, हिजबुल्लाह ने अपने मिसाइल हमले तेज कर दिए और इजरायल के कई क्षेत्रों में हमले किए।

वैसे आपको बता दें कि बीते गुरुवार की रात को बेरूत पर हुए इजरायली हमले ने एक बार फिर से मध्य पूर्व के राजनीतिक और सैन्य तनाव को बढ़ा दिया है। दरअसल इस हमले में हिजबुल्लाह के वरिष्ठ नेता हाशिम सफीद्दीन की भी मौत की खबर सामने आई है। हाशिम सफीद्दीन को हिजबुल्लाह के सबसे संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था, खासकर उसके वर्तमान प्रमुख हसन नसरल्लाह के निधन के बाद।

जिसके बाद अब हसन नसरल्लाह और हाशिम सफीद्दीन की हत्या ने हिजबुल्लाह और उसके समर्थकों के बीच गहरा शोक और आक्रोश पैदा किया है। यह घटना न केवल इजरायल-लेबनान संघर्ष को और भड़काने का संकेत देती है, बल्कि पूरे मध्य पूर्व में जियोपॉलिटिकल अस्थिरता को भी बढ़ा सकती है। नसरल्लाह के बाद हिजबुल्लाह का नेतृत्व कौन करेगा और वह संगठन को किस दिशा में ले जाएगा, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
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