जम्मू-कश्मीर: किश्तवाड़ में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, चार जवान घायल
भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लगातार सख्त अभियान चला रही है।सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियों को पकड़ने के लिए सघन तलाशी अभियान जारी है। इस घटना के दौरान भारतीय सेना के चार जवान घायल हो गए है।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हुई, जिसमें भारतीय सेना के चार जवान घायल हो गए। आतंकियों के खिलाफ यह ऑपरेशन किश्तवाड़ के चटरू इलाके में चल रहा है। सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियों को पकड़ने के लिए सघन तलाशी अभियान जारी है। इस घटना के दौरान भारतीय सेना के चार जवान घायल हो गए है, जिनमें से एक को नजदीकी कमांड अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया गया है, जबकि तीन अन्य जवानों का स्थानीय स्तर पर उपचार किया जा रहा है।
Four Indian Army soldiers have been injured in the ongoing encounter with terrorists in Kishtwar. One of the injured has been evacuated to the nearby Command Hospital for treatment while three are being treated locally. The security forces have cordoned off the area and… https://t.co/rCpaawxnD7 pic.twitter.com/N0hTLMQ4SV
— ANI (@ANI) September 13, 2024
आपको बता दें कि सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि किश्तवाड़ के चटरू इलाके में आतंकियों की मौजूदगी है। इसी सूचना के आधार पर शुक्रवार को सेना और पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाया। अभियान के दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं, जिसका जवाब सेना ने भी ताबड़तोड़ फायरिंग से दिया।
किश्तवाड़ का यह इलाका रणनीतिक दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील है और आतंकियों के छुपने के लिए पहाड़ी और घने जंगलों वाला क्षेत्र है। यही कारण है कि सुरक्षाबलों को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सेना के अधिकारी इस मुठभेड़ को पूरी सतर्कता के साथ अंजाम दे रहे हैं ताकि किसी भी आम नागरिक को नुकसान न पहुंचे।
इसके अलावा इस इलाके में घुसपैठ करके आतंकी संगठन चुनावों से पहले राज्य में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव, जो पिछले 10 वर्षों में राज्य में होने वाले पहले चुनाव हैं, इन्हीं कारणों से सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
वैसे आपको बता दें कि किश्तवाड़ की मुठभेड़ से पहले, बुधवार को कठुआ-उधमपुर सीमा के पास बसंतगढ़ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए थे। यह घटनाएं बताती हैं कि आतंकवादी अपनी गतिविधियों को तेज कर रहे हैं, लेकिन भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।