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Yogi के फ़ैसले से चिढ़ गए Jayant Chaudhary , जानिए क्या है रणनीति

Modi के धाकड़ मंत्री बार बार Yogi को दे रहे धमकी ‘इस’ शख़्स के रहते कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे
Yogi के फ़ैसले से चिढ़ गए Jayant Chaudhary , जानिए क्या है रणनीति
Yogi Sarkar यूपी की Yogi Sarkar ने एक फ़ैसला क्या लिया पूरे प्रदेश में बवाल मचा हुआ है। विरोधी दल तो छोड़ दीजिए ख़ुद NDA के साथियों ने भी अब योगी सरकार को निशाने पर लेना शुरु कर दिया है। समझ से परे है कि आख़िर इस फ़ैसले से भेदभाव वाली स्थिति कैसे बन रही है जबकि यूपी के मुस्लिम ख़ुद कह रहे हैं कि इससे हमारी बिक्री पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ रहा है, कस्टमर पहले भी आकर सामान ख़रीद रहा था और अब भी उसी तरह से आ रहा है।


इस मुस्लिम फल विक्रेता की बातों से तो ऐसा कहीं नहीं लगा कि दुकानदारी पर कोई फ़र्क़ पड़ा है और क्यों पड़ेगा ? बात बस इतनी सी है कि कांवड़ियों की आस्था पर चोट ना पहुंचे। बात बस इतनी सी है कि कांवड़िये के साथ विश्वासघात ना हो। बात बस इतनी सी है कि कांवड़िए को पता हो कि वो अपना सामान किससे ख़रीद रहा है, कहां वो कुछ खा रहा है और कहां पर अपनी कांवड़ को झुला रहा है।

लेकिन बवाल ऐसा मचा है कि ना जाने मुसलमानों के साथ कौन सा भेदभाव हो गया, वैसे दिलचस्प बात ये है कि जनता सब समझने लगी है तभी तो ख़ुद मुसलमान तो कह रहे हैं कि भाईचारा बना रहेगा, जबकि राजनेता इस पर ज़बरदस्त राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। अब देखिए ना जयंत चौधरी की RLD जो कि NDA के साथ है वो इस फ़ैसले पर खुलकर योगी का विरोध कर रहे हैं। कल तक तो RLD नेता कर रहे थे, अब ख़ुद जयंत भी मैदान में कूद गए हैं।

जयंत ने हाल ही में एक बयान दिया जिसमें इस फ़ैसले की कड़ी निंदा की और आपत्ति जताई। उन्होंने तो ये तक कह दिया कि अब क्या अपने कुर्ते पर भी लिख लें अपना नाम ? जयंत ने नाराज़गी दर्ज कराते हुए कहा- "कांवड़ यात्री जाति धर्म की पहचान करके सेवा नहीं लेता है। इस मुद्दे को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। बीजेपी ने ज़्यादा समझकर फ़ैसला नहीं किया। बस फ़ैसला ले लिया इसलिए अब उसके ऊपर टिकी हुई है सरकार। अभी भी समय है कि सरकार को फ़ैसला वापस लेना चाहिए। अब कहां कहां लिखें अपना नाम ? क्या अपने कुर्ते पर भी लिख लें अपना नाम कि नाम देखकर हाथ मिलाओगे मुझसे ?"

सिर्फ़ जयंत ही नहीं नीतीश की JDU हो या चिराग़ की LJP हर कोई इस फ़ैसले का विरोध कर रहा है लेकिन योगी को रत्तीभर फ़र्क़ नहीं पड़ता, तभी तो इस फ़ैसले का पालन ठीक से हो रहा है या नहीं योगी और अधिकारियों की नज़र उस पर है, ना कि कौन क्या कह रहा है इस पर। खैर, फ़िलहाल योगी के लिए जितनी भी साज़िश हो रही हैं, जितने भी प्रपंच रचे जा रहे हैं। जितना भी विरोध हो रहा है। उनको शायद ही कोई टस से मस कर पाए क्योंकि उनके साथ मोहन भागवत खड़े हैं मतलब पूरा RSS। और ये एक शख्स योगी को ज़बरदस्त मज़बूत बना रहा है। यूपी सरकार के इस फ़ैसले का जिस तरह से सहयोगी दल विरोध कर रहें हैं ।
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