Advertisement

Nitish राज में हर जगह मारे जा रहे JDU नेता, कब लगेगी अपराध पर लगाम ?

नीतीश राज में हर जगह मारे जा रहे JDU नेता, कब लगेगी अपराध पर लगाम ?
Nitish राज में हर जगह मारे जा रहे JDU नेता, कब लगेगी अपराध पर लगाम ?

4 जून को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो बीजेपी को बहुमत नहीं मिला, यही वजह रही कि, मोदी के तीसरे कार्यकाल में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की भूमिका अहम हो गई। तीसरी बार पीएम नरेंद्र मोदी बने, लेकिन एक डर ये लगा रहा कि नीतीश कुमार कब पलटी मार देंगे किसी को पता नहीं, लेकिन नीतीश ने आश्वत किया कि वो अबकी कहीं जाने वाले नहीं है और पीएम मोदी के साथ मिलकर काम करेंगे वो जो कहेंगे ।

नीतीश कुमार की तरफ़ से आश्वसन मिला तो बीजेपी और एनडीए के बाक़ी दलों ने राहत की सांस ली, फिर तीसरे कार्यकाल की सरकार का काम शुरु हो गया। सबकुछ ठीक-ठाक चल ही रहा था कि, नीतीश कुमार पर बड़ी आफ़त टूट पड़ी, जिसके बाद अब पीएम मोदी और अमित शाह को इस मामले पर सोचना पड़ेगा। क्योंकि नीतीश कुमार को इस मुसीबत से निकाला बेहद जरुर है ताकि आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अच्छे से काम कर सकें और एनडीए को जीत दिला सके  ।

दरअसल बिहार में तमाम सरकारें आई और गई, लेकिन बिहार की बदहाली जस की तस रही अपराध पर लगान नहीं लगा। यही वजह है कि, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर सवाल उठा रहे हैं। तेजस्वी का ये सवाल जायज़ भी है, क्योंकि नीतीश की अगुवाई वाली एनडीए की सरकार में जदयू नेता भी सुरक्षित नहीं।पिछले कुछ महीनों में JDU नेताओं को लगातार निशाना बनाया गया और उनकी जान ले ली गई, जिसकी वजह से नीतीश कुमार भी टेंशन में हैं।

JDU नेताओं पर हमला 

  • 7 अगस्त 2024 को जेडीयू नेता विभव राय सैलून में दाढ़ी बनवा रहे थे,  उसी समय अपराधियों ने उनपर हमला करके जान ले ली। विभव राय भीतहां प्रखंड के जेडीयू के वर्तमान में अध्यक्ष थे और वो मुखिया भी रह चुके थे।
  • 3 जून 2024 को नालंदा में जेडीयू नेता पर हमला हुआ, अपराधियों ने अनिल कुमार को पीट-पीटकर मार दिया। अनिल लोकसभा चुनाव के दौरान पोलिंग एजेंट बने थे।
  • 3 महीने पहले जेडीयू के नेता सौरभ को मार दिया गया, ये मामला राजधानी पटना का है। जहां जेडीयू के युवा नेता सौरभ कुमार को अपराधियों मार दिया, सौरभ एक शादी समारोह से वापस घर जा रहे थे। तभी बाइक सवार चार बदमाशों ने उनपर फायरिंग कर दी, जिसमें उनकी जान चली गई।

अब पिछले कुछ ही महीनों में जेडीयू के नेताओं के पर जिस तरह से हमले हुए है उससे नीतीश कुमार की मुसीबत बढ़ गई है।एक तो राज्य की क़ानून व्यवस्था पर सवाल तेजस्वी उठाने लगे हैं, दूसरी तरफ़ ख़ुद के नेताओं पर हो रहे जानलेवा हमले से नीतीश परेशान हो उठे है। उन्हें राज्य की क़ानून व्यवस्था संभालने के साथ ही साथ अपने नेताओं को भी बचाना है। क्योंकि कुछ ही महीने में बिहार में चुनाव है ऐसे में अगर मोदी-शाह को बिहार में एनडीए को जीताना है तो नीतीश कुमार की मुश्किल को आसान करना होगा, वरना बड़ी देर हो जाएगी ।

Advertisement

Related articles

Advertisement