Yogi के UP में कौन मारेगा बाजी, माहौल क्या है वाले पत्रकार Rajiv Ranjan ने बता दिया
वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन ने बताया माहौल
दरअसल लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे अहम राज्य माना जाता है।क्योंकि इस राज्य में लोकसभा की अस्सी सीटें आती हैं और साल 2014 के चुनाव से ही बीजेपी यूपी में बेहतर प्रदर्शन करती आ रही है।साल 2014 के चुनाव में बीजेपी ने जहां अस्सी में से 73 सीटों पर जीत का भगवा लहराया था, तो वहीं साल 2019 के चुनाव में 64 सीटों पर जीत हासिल की थी और इस बार तो खुद सीएम योगी दावा कर रहे हैं कि हम यूपी की अस्सी की अस्सी सीटें जीतने जा रहे हैं। योगी के इन दावों में कितनी सच्चाई है। क्या वाकई बीजेपी इस बार भी यूपी में चौंका सकती है ? क्या I.N.D.I.A गठबंधन यूपी में बीजेपी को पछाड़ देगा ?इन सारे सवालों का जवाब वही बता सकता है, जो यूपी के कोने कोने में घूमा हो और जनता के दिलों की बात जानने की कोशिश की हो , ऐसे में माहौल क्या है वाले वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन (Rajiv Ranjan) से बेहतर भला कौन हो सकता है।
जिन्होंने पूरे चुनाव में यूपी के कोने कोने में घूम कर लोगों से चुनावों पर बात की और अब नतीजों से पहले उन्होंने बता दिया कि इस बार यूपी में किसका माहौल है ।एक वीडियो में पत्रकार राजीव रंजन ने बताया - BJP को उत्तर प्रदेश में बहुत ज्यादा नुकसान मुझे दिखाई नहीं दे रहा है इसकी 4-5 वजहें मैं आपको बता देना चाहता हूं, पहली वजह ये है कि महिला वोटरों का रुझान धर्म। जाति सबसे अलग अभी भी मोदी सरकार, योगी सरकार की तरफ दिखाई देता है। दूसरी वजह है ये है कि सोशल मीडिया पर और समाज में जिस तरह का आक्रामक रवैया इंडिया अलायंस के लोगों का है वो ये गलतफहमी पैदा करता है कि जमीन पर बहुत आक्रोश है दरअसल ऐसा बिल्कुल नहीं है। तीसरी वजह ये है कि अखिलेश यादव ने जबरदस्त जातिगत समीकरण के आधार पर टिकटों का बंटवारा किया है, जो बीजेपी की सांस फुलाने के लिए काफी है लेकिन इसके बावजूद लोगों ने अपनी जाति के लोगों से ज्यादा प्राथमिकता बीजेपी और कमल के फूल को दी है ।और अगर ऐसा होता है तो बीजेपी अपनी टैली से पीछे नहीं जाती है ।
बीजेपी ने जातिगत समीकरण को साधने के लिए भी खूब मेहनत की है ।बीजेपी ने हर सीट पर जातिगत समीकरण दुरुस्त करने की कोशिश कर रही है, दूसरी तरफ के किस नेता को चुनाव से पहले अपनी तरफ मिला सकती है। आपने जौनपुर में धनंजय सिंह को देखा, बलिया में नारद राय को देखा, राम इकबाल सिंह को देखा, तमाम पार्टियों के डैमेज करने वाले लोगों को बीजेपी किसी ना किसी तरह से अपने खेमे में लाने की कोशिश परसेप्शन के लिए कर रही है।
इंडिया गठबंधन ये माहौल बनाने में जुटा हुआ है कि बीजेपी को यूपी में बहुत बड़ा नुकसान होने जा रहा है। जिसे आत्ममंथन की सलाह देते हुए पत्रकार राजीव रंजन ने कहा -इंडिया गठबंधन के लोगों को सारे शोरशराबे के बाद भी ये आत्ममंथन करना होगा कि 2014 और 2019 के मुकाबले 2019 में कौन सा नया वोट उनके साथ जुड़ रहा है और किस बात पर 2014 और 2019, 2017 और 2022 में मिले बीजेपी को वोट उनसे छिटक रहे हैं, क्या संविधान के नाम पर, क्या बेरोजगारी के नाम पर, क्या महंगाई के नाम पर ? ये बातें चट्टी चौराहों पर आक्रोश व्यक्त करने के लिए तो सही है लेकिन यही आक्रोश वोटर क्या पोलिंग बूथ तक लेकर जा रहा है। मेरी नजर में यूपी में बीजेपी को कोई नुकसान होता नहीं दिखाई दे रहा है। अगर मान लीजिये 2019 में 62 सीटें पाई थी अगर 59 या 60 सीटें हो जाती हैं तो इसे मैं कोई नुकसान नहीं मानता हूं और मैं मानता हूं इससे ज्यादा नुकसान बीजेपी को होगा भी नहीं।
यूपी के कोने कोने में जाकर जनता से चुनाव पर बात करने वाले पत्रकार राजीव रंजन भी ये बात मानते हैं कि कम से कम यूपी में बीजेपी को सीटों का बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होने जा रहा है। और अगर वाकई चार जून को आने वाले नतीजों में भी यही तस्वीर दिखती है, तो इसकी सबसे बड़ी वजह मोदी के साथ साथ योगी भी होंगे ।क्योंकि जिस तरह से उन्होंने केंद्र की योजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारा है और कानून व्यवस्था को भी सुधारा है।यूपी के लोगों पर इसका बड़ा असर पड़ा है, लोग ये बात मानते हैं कि योगी राज में पहली की तुलना में यूपी की कानून व्यवस्था सुधरी है। जिसके लिए खुद पीएम मोदी सीएम योगी की तारीफ कर चुके हैं।