रविवार को संभल पहुंच रही न्यायिक जांच आयोग की टीम, जानिए किन बिंदुओ पर होगी घटना की जांच
योगी सरकार द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय न्यायिक जांच टीम के दो सदस्य विवार को संभल का दौरा करेंगे।
उत्तर प्रदेश के संभल स्थित शाही जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर 24 नवंबर को सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के मामले में योगी सरकार द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय न्यायिक जांच टीम के दो सदस्य रविवार को संभल पहुंचे और अपनी जाँच को शुरू कर दिया है। फ़िलहाल जाँच टीम इलाक़े का मुआयना कर रही है। इस हिंसा को लेकर एक तरफ़ जहाँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ द्वारा अधिकारियों को दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कारवाई के निर्देश दिए गए है वही दूसरी तरफ़ इस प्रकरण पर विपक्षी पार्टी राज्य सरकार पर तमाम आरोप भी लगा रही है।
किन बिन्दुओं को लेकर जांच करेगी न्यायिक टीम
हिंसा मामले में लगातार बढ़ती सियासी बयानबाज़ी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद टीम में शामिल सदस्य इस घटना की वजह को तलाशने में जुट गए है। तीन सदस्यीय न्यायिक जांच की टीम इस घटना की जांच मुख्य रूप से चार बिंदुओं को ध्यान में रखकर करने वाली है। पहला बिंदु ये जांच का यह होगा कि क्या हिंसा किसी साज़िश के तहत हुई थी। दूसरा बिंदु में पुलिस की भूमिका इस प्रकरण में या रही यह खंगाला जाएगा। तीसरा बिंदु संभल की हिंसा का मुख्य कारण क्या रहा और किन हालात में यह हिंसा हुई उसकी मुख्य वजह खोजी जाएगी। चौथा बिंदु न्यायिक टीम इस घटना के तमाम पहलुओं को समझने के बाद यह देखेगी कि भविष्य में इस तरह की घटना न हो इसके लिए क्या उपाय हो सकते है। बताते चले की संभल घटना की जांच के लिए 28 नवंबर को गठित न्यायिक आयोग को अधिसूचना के दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। जामा मस्जिद के अदालत के आदेश पर किए गए सर्वेक्षण को लेकर टकराव के बाद चार लोगों की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों सहित करीब 25 लोग घायल हो गए थे।
वही न्यायिक टीम के संभल पहुँचने को लेकर मुरादाबाद रीज़न के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने जानकारी दी कि "आयोग के दो सदस्य शनिवार को मुरादाबाद पहुंचे। तीसरे सदस्य रविवार को संभल जाते समय उनसे मिलकर अपना योगदान देंगे।" आंजनेय कुमार सिंह ने आगे बताया कि "जांच समिति अपना काम करेगी, वही तय करेगी कि क्या करना है, हमें बस उनकी सहायता करनी है. सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिस स्थान पर वे जाएंगे वहां सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। उसके बाद वे अगली प्रक्रिया तय करेंगे। जांच समिति के अनुरूप ही हम व्यवस्थाएं करेंगे. संभल की स्थिति पर निगरानी की जा रही है।"
ग़ौरतलब है कि पूरा मामला एक याचिका को लेकर है। जो संभल की अदालत में दाख़िल किया गया था। इस याचिका में दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक समय हरिहर नाथ मंदिर था। जिसे क्षतिग्रस्त करके मस्जिद बनाया गया। यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार संभल हिंसा के लिए गठित जांच आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार अरोड़ा हैं, जबकि अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन शामिल हैं।