Advertisement

Kadak baat : बंगाल में गृहमंत्रालय का DCP-CP पर बड़ा एक्शन, ममता की बढ़ी टेंशन

राज्यपाल भवन के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में गृहमंत्रालय ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और एक डीसीपी के खिलाफ एक्शन लिया है।
Kadak baat : बंगाल में गृहमंत्रालय का DCP-CP पर बड़ा एक्शन, ममता की बढ़ी टेंशन
Bangal : ईडी सीबीआई के ताबड़तोड़ एक्शन के बीच अमित शाह ने Bangal में कोहराम मचा दिया है। ऐसा एक्शन लिया की ममता बनर्जी की कुर्सी तक हिल गई। दरअसल बंगाल के राज्यपाल के खिलाफ साजिश रचने पर गृहमंत्रालय की तरफ से एक्शन लिया गया है। आरोप है कि 

अफवाह फैलाकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के कार्यालय को कथित तौर पर बदनाम करने की कोशिश की गई। 
गृह मंत्रालय ने पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और एक डीसीपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।
राज्यपाल ने रिपोर्ट में पुलिस अधिकारियों पर लगाया था कि वे इस तरह काम कर रहे हैं जो एक लोक सेवक के लिए पूरी तरह से अनुचित है।


जैसे ही गृहमंत्रालय की तरफ से ये आदेश आया। वैसे ही ममता बनर्जी परेशान हो गई है।और फिर से बीजेपी को केसने बैठ गई। खैर इस मुद्दे पर आएंगे आगे।लेकिन उससे पहले पूरा मामला बताते हैं ।और ये बताते हैं। कि गृहमंत्रालय की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में क्या कुछ आरोप लगाए गए थे। बता दें कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी और अपनी रिपोर्ट में इस मुद्दे को उजागर किया था।


रिपोर्ट में क्या कहा गया ?

कोलकाता पुलिस के अधिकारी चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जबकि उन्होंने इसके लिए उन्हें जरूरी अनुमति दे दी थी।


यानी की बंगाल के पुलिस अधिकारी अपनी मनमानी चला रहे थे।और राज्यपाल को ही तानाशाही दिखा रहे थे । किसकी सह पर वो ऐसा कर रहे थे। जल्द इसका भी खुलासा हो जाएगा। लेकिन ये तानाशाही अब उन्हें महंगी पड़ने वाली है। क्योंकि अब ये मुद्दा गृहमंत्री की नजर में आ चुका है। और अमित शाह बंगाल में बढ़ रही हिंसा।टीएमसी नेताओं की गुंडागर्दी और  पुलिस अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ गुस्से में हैं।और अगला एक्शन इससे भी तगड़ा हो सकता है। फिलहाल तो गृह मंत्रालय ने बंगाल के राज्यपाल बोस की ओर से प्रस्तुत विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर IPS अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है। और शिकायत की कॉपी 4 जुलाई को ममता सरकार को भेजी जा चुकी है। वैसे ही ममता बनर्जी राज में राज्यपाल को ही फंसाने की लाख कोशिश की जा रही है। क्योंकि राज्यपाल लगातार सरकार की नाकामियों को उजागर कर रहे हैं। हिंसा वाली जगहों पर दौरा कर रिपोर्ट केंद्र को भेज रहे हैं। पीड़ितो से मुलाकात कर रहे हैं। और ये बात ममता बनर्जी को पसंद नहीं आ रही है। खैर इसी के साथ राज्यपाल ने इसके आगे और भी तगड़े आरोप लगाए। खुलासा किया कि ।


बंगाल के राज्यपाल ने राजभवन में तैनात अन्य पुलिस अधिकारियों पर भी आरोप लगाए। ऐसा कहा गया कि अप्रैल-मई 2024 के दौरान एक महिला कर्मचारी की ओर से लगाए गए मनगढ़ंत आरोपों को बढ़ावा दिया गया। इन आईपीएस अधिकारियों ने अपने कृत्यों से न केवल राज्यपाल के कार्यालय को कलंकित किया है, बल्कि इस तरह से काम किया है जो एक लोक सेवक के लिए पूरी तरह से अनुचित है।' 


इसी के साथ मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। राज्यपाल आनंद बोस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी एक लेटर लिखा है। जिसमें उन्होने टीएमसी के दो विधायकों की शपथ का मुद्दा उठाया है.. और बताया कि कैसे मनमानी चलाकर टीएमसी की तरफ से उन्हें परेशान किया जा रहा है.. राज्यपाल की तरफ से कहा गया है कि।

विधानसभा अध्यक्ष की ओर से तृणमूल कांग्रेस के 2 नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाना संविधान का उल्लंघन है। 

राज्यपाल ने राष्ट्रपति को पत्र तब लिखा जब विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने टीएमसी के दो विधायकों को शपथ दिलाई,।जबकि बोस ने इस काम के लिए विधानसभा के उपाध्यक्ष को अधिकृत किया था। लेकिन बंगाल में ममता राज में जमकर टीएमसी नेताओंकी। आला अफसरों की मनमानी चल रही है।और इस मनमानी का नतीजा गृहमंत्रालय का तगड़ा एक्शन है। जिससे ममता बनर्जी बुरी तरह बौखला गई हैं।
Advertisement

Related articles

Advertisement