Kalraj Mishra के बोल से मचा बवाल, क्या Modi सरकार से करेंगे बगावत ?
दरअसल, कभी बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे सत्यपाल मलिक को मोदी सरकार ने ही बिहार, ओडिशा, गोवा, मेघालय, जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों का राज्यपाल बनाया। लेकिन कुर्सी जाते ही सत्यपाल मलिक ने ऐसी पलटी मारी कि खुद दिल्ली में बैठे पीएम मोदी को भी यकीन नहीं हुआ होगा कि जिन्हें चार राज्यों का राज्यपाल बनाया, वही सत्यपाल मलिक कांग्रेस के सुर में सुर मिलाकर एक दिन सरकार को कठघरे में खड़ा करते नजर आएंगे। बात बात पर मोदी सरकार को कोसने वाले सत्यपाल मलिक क्या कम थे कि अब एक और पूर्व राज्यपाल ने बीजेपी सरकार के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है। जिनका नाम है कलराज मिश्र... जिन्हें पीएम मोदी ने अपनी पहली सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाया, और साल 2019 में दोबारा सत्ता में आने के बाद उन्हें मंत्री पद नहीं दिया तो राजस्थान और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों का राज्यपाल बना दिया। और अब कार्यकाल पूरा होते ही ऐसा लग रहा है वो भी सत्यपाल मलिक की राह पर निकल पड़े हैं। इसीलिए बीजेपी-जेडीयू शासित बिहार में जब बीपीएससी अभ्यर्थियों पर पुलिस वालों ने लाठियां भाजीं तो विपक्ष के साथ-साथ पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र भी एनडीए सरकार को नसीहत देते नजर आए। और एक ट्वीट में उन्होंने लिखा...
बिहार में आंदोलन कर रहे छात्रों पर बर्बरता पूर्वक हुआ लाठीचार्ज ठीक नहीं है, सरकार को छात्रों के साथ बातचीत करके उनकी समस्याओं को सुनना व उसका न्यायोचित समाधान निकाला चाहिए
बीपीएससी परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर बिहार की बीजेपी-जेडीयू सरकार ने लाठीचार्ज किया तो विपक्ष के साथ-साथ कलराज मिश्र भी इसके विरोध में उतर आए, और लाठीचार्ज को गलत बताया। इससे पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी कुछ इसी तरह से बिहार की नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि...
चंद महीने पहले तक NDA के नेता नीतीश कुमार को किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित बता उन्हें मानसिक रूप से अस्वस्थ बताते नहीं थकते थे। अब वही BJP-LJP-HAM के नेता उनके तानाशाही निर्णयों को शिरोधार्य कर BPSC परीक्षार्थियों को पुलिस से पिटवा कर इस गुंडागर्दी को उचित ठहरा रहे हैं, नीतीश कुमार खुद को जेपी का स्वयंघोषित चेला बताते हैं लेकिन छात्रों के लोकतांत्रिक विरोध से नफरत है, सभी स्वार्थी NDA नेताओं का यही हाल है
तेजस्वी के बाद अब जिस तरह से पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी बिहार सरकार पर सवाल उठाया है, उसके बाद तो मानो मोदी विरोधियों को सरकार पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया... कांग्रेस समर्थक सोशल मीडिया हैंडल लुटयंस मीडिया से लिखा गया। आजकल रिटायरमेंट के बाद राज्यपालों की अंतरात्मा जाग जाती है, संयोग या प्रयोग?
प्रकाश सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा... सर बिहार में लोकतंत्र नहीं लाठीतंत्र का शासन चल रहा है। अपनी मांगों को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन को तो लाठीचार्ज होना ही है जब पटना का DM खुलेआम थप्पड़ मारे तो पुलिस प्रशासन को क्या कहा जाए, अब तक जेडीयू को छोड़ सारे राजनीतिक दल पर लाठीचार्ज हो गया है।
तो वहीं कुछ बीजेपी समर्थक भी पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र की पोस्ट से नाराज नजर आए।एक सोशल मीडिया हैंडल से लिखा गया- आप अब सक्रिय राजनीति में नहीं हैं, कृपया राजनैतिक पोस्ट ना करें, अब आर्टिकल्स लिखिए और कुछ जनसेवा।
विष्णु जाखड़ नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने तंज मारते हुए लिखा- मुझे लगता है रिटायरमेंट हो गए राज्यपाल जी।
पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र ने पटना में छात्रों पर लाठीचार्ज का विरोध किया तो सोशल मीडिया पर कुछ इसी तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। वैसे आपको बता दें बिहार में बीजेपी और जेडीयू की गठबंधन सरकार है, और छात्रों का मुद्दा उठा कर पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र कहीं न कहीं सरकार को ही कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करते हुए नजर आए। यही वजह है कि कुछ बीजेपी समर्थक भी उनसे नाराज नजर आए। तो वहीं कांग्रेस समर्थक उनके बयान से खुश नजर आए, और तंज मारने लगे कि आजकल रिटायरमेंट के बाद राज्यपालों की अंतरात्मा जाग जाती है। क्योंकि इससे पहले पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी मोदी सरकार से बगावत कर चुके हैं। तो क्या माना जाए कि उनके बाद अब कलराज मिश्र भी मोदी सरकार से बगावत करने वाले हैं?