Kejriwal के नेता ने ही फंसा दिया, एक्शन से बिलबिलाई AAP पार्टी !
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद है ।बीते 21 मार्च से और अब जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई ।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद है ।बीते 21 मार्च से और अब जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई ।और सुप्रीम कोर्ट का जो रवैया सुनवाई के दौरान देखने को मिला उसे देखकर ऐसा लगा कि सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल को जमानत देना चाहता है ।क्योंकि पिछली एक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप जमानत के लिए याचिका दाखिल क्यों नहीं कर रहे है। हालाकिं केजरीवाल को जमानत मिलती है या नहीं वो तो मौ मई को फैसला आ जाएगा। लेकिन अगर केजरीवाल को जमानत मिल भी जाती है तो भी केजरीवाल की मुस्लिल कम होने वाली नहीं है। क्योंकि अब NIA केजरीवाल की जांच करेगी।दिल्ली के एलजी ने एनआईए जांच की सिफारिश कर दी है। लेकिन यहां सवाल ये है कि वो कौन लोग है जिन्होने NIA की जांच की मांग की है। क्योकि एलजी खुद तो ऐसा फैसला ले नहीं सकते थे। जो जिन लोगों ने केजरीवाल की मुसीबते बढाई है वो दो लोग है और दो में से एक तो केजरीवाल का ही साथी रहा है।
केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होने आतंकि संगठन सिख फॉर जस्टिस से फंडिग ली है, आतंकि पननू ने खुद विडियों जारी कर कहा था कि 2018 से 2022 के बीच उसके संगठन ने केजरीवाल को फंड किया है। और बदले में आतंकि भूल्लर की रिहाई की बात की गई थी। हालाकिं भूल्लर को केजरीवाल कोई राहत दिलवा नहीं पाए। तो पन्नबू केजरीवाल पर फायर है। हालांकि कुछ दावे ऐसे भी किए जाते है कि पार्टी बनाने से पहले केजरीवाल एक संगठन चलाते थे, जिसका नाम था संपूर्ण परिवर्तन, इस एनजीओं को भी विदेशों से भारी मात्रा में फंड मिला ।और जब ये एनजीओं रडार पर आया तो इस दूसरा एनजीओ बनाया गया, जिसका नाम कबीर रखा गया। उसे भी अमेरिका की CIA से फंड मिलने के सबूत सामने आए थे। हालाकिं पन्नू ने कजरीवाल को पैसे दिए है या नहीं वो अभी जांच से बाद ही साफ होगा। अब आप समझिए की कैसे केजरीवाल के कॉलर तक NIA के हाथ पहुंचे है।
तो इसमें दो लोंगों की भूमिका है, पहला नाम है आशू मोंगिया और दुसरा नाम है डॉक्टर रायजादा। मोंगिया खुद को वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन का महासचिव बताते हैं। और मुनीष रायजादा कभी आम आदमी पार्टी के सदस्य रहे थे। दोनों ने एलजी से केजरीवाल के खिलाफ जांच की मांग की है। और अब एलजी ने गृहमंत्रालय को लेटर लिखकर जांच की सिफारिश कर दी है। मोंगिया का कहना है कि उन्होंने वॉट्सऐप पर एसएफजे के गुरपतवंत सिंह पन्नू का वीडियो देखा था जिसमें उसने दावा किया था कि केजरीवाल ने आतंकी भुल्लर को छोड़ने का वादा करते हुए 16 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की थी। जो लेचर गृहमंत्रालय को भेजा गया है। उसमे मुनीष रायजादा का भी नाम है।रायजादा अमेरिका के शिकागो में डॉक्टर है। और वो 2015 तक केजरीवाल के साथी रहे है। लेकिन संगठन की गतिविधियों को लेकर एक वेबसाइट बनाने की वजह से पार्टी से निकाल दिया था। लेकिन यहां गौर करने वाली बात से है कि एलजी को जो शिकायत की गई है। उसके साथ एक पेन ड्राइव भी सौंप गया है। और कहा जा रहा है कि ये पेन ड्राइव ही केजरीवाल के गले की फांस बनने वाली है। क्योंकि इस पेन ड्राइव को जांच के लिए गृहमंत्रालय भेज दिया गया है। और गृहमंत्रालय जाने का मतलब है कि अब मामला सीधे अमित शाह के हाथ में है। और जब किसी मामले की कमान शाह के हाथ में होती है कि अपराधी का बचना मुस्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है ।