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Keshav Maurya ने कांवड यात्रा पर विपक्ष को दिया जवाब, विरोधी जरुर सुन लें

हर दुकान, ठेले पर लगाना होगा सबको नाम, फ़ैसले पर शुरु हुआ विरोध, केशव का आया जवाब
Keshav Maurya ने कांवड यात्रा पर विपक्ष को दिया जवाब, विरोधी जरुर सुन लें

श्रावण मास के दौरान शुरु हो रहे कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार पूरी तरह से सख़्त है, इसीलिए लगातार आदेश पर आदेश जारी हो रहें हैं। ताकि कांवड़ियों को किसी भी तरह की कोई दिक़्क़त परेशानी न हो, यही वजह है कि, कांवड रुट पर आने वाले सभी दुकानों, ठेलों पर नाम लगाने का आदेश जारी कर दिया गया है। चाहे कोई मुस्लिम हो या हिंदू या फिर कोई और धर्म का, सभी को अपनी दुकानों पर नाम जरुर लगाना होगा, हालाँकि इस आदेश के बाद राजनीति भी शुरू हो चुकी है। अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी से लेकर तमाम विरोधी नेता योगी सरकार पर हमलावर है, यहाँ तक तो बात तब भी ठीक थी, लेकिन जब अपने ही साथी सवाल उठाने लगे तो मामला पेचिदा हो जाता है। योगी सरकार में हुए इस फ़ैसले के विरोध में केंद्रीय मंत्री, चिराग़ पासवान, सहयोगी JDU, RLD भी सवाल उठाने लगे है और इस फ़ैसले के विरोध में हैं जिसके बाद कहा जा रहा है कि, ये फ़ैसला बीजेपी के लिए उलटा पड़ा सकता है ।

कांवड यात्रा के दौरान योगी सरकार का ऐलान

इसी बीच अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का भी बयान सामने आया है और कांवड यात्रा को लेकर उन्होंने बड़ी बात बोल दी है।दरअसल पिछले कुछ समय से केशव प्रसाद मौर्य यूपी की राजनीती का अहम केंद्र रहे, क्योंकि जिस तरह से योगी को हटाने की बात चल रही थी, ऐसे में कहा जा रहा था कि केशव मौर्य एक लॉबी तैयार कर खेल करने के जुगाड़ में हैं। यही वजह है कि, कांवड यात्रा के दौरान हुए फ़ैसले पर केशव मौर्य का बयान काफ़ी अहम हो जाता है, क्योंकि उन्होंने जिस तरह से करारा जवाब दिया है उसकी सब चर्चा कर रहें हैं, केशव प्रसाद मौर्य ने अपने बयान में कहा -विपक्ष केवल राजनीती कर रहा है, कांवड़ यात्रा में विपक्ष को भी आना चाहिए, बेवजह की राजनीती नहीं करनी चाहिए।

केशव प्रसाद मौर्य का ये बयान ऐसे समय में आया है जब अखिलेश यादव लगातार केशव मौर्य और सीएम योगी को टारगेट कर रहें हैं। अखिलेश यादव कह रहें हैं- और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे, ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।

इसके अलावा प्रियता गांधी कहती हैं- हमारा संविधान हर नागरिक को गारंटी देता है कि उसके साथ जाति, धर्म, भाषा या किसी अन्य आधार पर भेदभाव नहीं होगा। उत्तर प्रदेश में ठेलों, खोमचों और दुकानों पर उनके मालिकों के नाम का बोर्ड लगाने का विभाजनकारी आदेश हमारे संविधान, हमारे लोकतंत्र और हमारी साझी विरासत पर हमला है। समाज में जाति और धर्म के आधार पर विभाजन पैदा करना संविधान के खिलाफ अपराध है। यह आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और जिन अधिकारियों ने इसे जारी किया है, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

अब योगी का विरोध कर रहें इन्हीं विपक्षियों को केशव प्रसाद मौर्य ने करारा जवाब दिया है और बता दिया है कि योगी सरकार में लिया गया फ़ैसला ग़लत नहीं है।विरोधी बिना वजह बवाल कर रहें हैं, वहीं कांवड के दौरान ऐसा विरोध करने और कांवड़ियों को परेशान करने वालों को योगी ने भी चेतावनी बहुत पहले दे रखी थी।

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