पहले मोदी फिर Yogi से मुलाकात के बाद पहली बार बोले Keshav Prasad
दिल्ली से आने के बाद भी केशव अपने बयान पर अड़े है, लेकिन तेवर बदल गए है। अब देखना होगा यूपी में होता क्या है।
Yogi : यूपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसा कहने वालों की उस वक्त बोलती बंद हो गई जब योगी के साथ एक मंच पर Yogi के साथ केशव प्रसाद और ब्रजेश पाठक नजर आए।और सिर्फ नजर ही नहीं आए बल्कि किसी बात को लेकर चर्चा करते हुए भी दिखाई दिए।तो जो लोग सपने संजोए बैठे थे कि योगी हटाए जाएंगे और उनकी दुकान चल पड़ेगी तो ऐसा नहीं होगा। उन लोगों की दुकान बंद ही रहेगी। अब तस्वीर साफ है कि यूपी में सब ठीक है। अब सब ठीक है या नहीं। लेकिन सामने सबकुछ ठीक है।वो सब कुछ हुआ है प्रधानमंत्री मोदी के आदेश के बाद। क्योंकि दिल्ली में जो मीटिंग हुई उसमें प्रधानमंत्री ने साफ संदेश दे दिया था कि योगी को लेकर कोई चर्चा नहीं होगी।और जब मीटिंग से पहले ही ये बात कह दी गई तो फिर किसी की हिम्मत नहीं हुई योगी के बारे में बात करने की।तो आपको बता दें कि यूपी में बजट सत्र शुरु हो चुका है।
योगी आदित्यनाथ ने विधायको के साथ बैठक की, मंच पर सबकुछ ठीक नजर आया। केशव प्रसाद ने बदले हुए तेवर के साथ कहा कि यूपी में सब ठीक चल रहा है, संगठन सरकार से बड़ा है और कार्यकर्ता सबसे बड़ा रहेगा। केशव प्रसाद ने जिस वक्त से बांते कही उस वक्त वो मुस्कुराते हुए नजर आए। उनके चेहरे पर कोई चिंता वाली बात दिखाई नहीं दी। ब्रजेश पाठक ने क्या कहा एक बार वो भी सुन लिजिए।
दोनो डीप्टी सीएम बिल्कुल ठीक है या फिर दिखा रहे है। ये भी एख बड़ा सवाल है लेकिन यूपी की राजनीति के लिए तो यही सही है कि सबकुछ सही चलता रहे है। वैसे भी जिस तरहा की राजनीति केशव कर रहे थे, उससे दिल्ली आलाकमान खुश नहीं था, ये बात केशव प्रसाद मोर्या तक पहुंच चुकी थी, और शायद यही कारण था कि केशव को बैकफुट पर आना पड़ा। लेकिन सवाल ये भी है कि वो बैकफुट पर आ गए। अब कब तक आए है वो भी देखना होगा। क्योंकि जो तुफान केशव ने उठाया था, वो भले ही थम गया हो लेकिन मन के भीतर तो चल ही रहा होगा, तो क्या केशव सही समय का इंतजार कर रहे है। और दिल्ली से ऐसा आदेश आया है कि अभी भावनाओं के लहरों पर लगाम लगा कर रखे। तो क्या शाह कुछ और सोच रहे है।
खैर शाह केशव के साथ मिलकर कुछ भी सोच रहे हो। होने वाला कुछ नहीं है। क्योंकि जिस तरहा से योगी ने यूपी को चलाया है वैसे अब तक कोई चला नहीं पाया था। और शायद ना ही चला पाएगा। तो ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि योगी के सामने दिल्ली ने धुटने टेक दिए है। और दिल्ली योगी को हटा नहीं पाएगी इस वात को वो समझ गए है। हालांकि संगठन सरकार से बड़ा है, इस बात पर अटके केशव ने ये इशारा जरुर कर दिया है कि जो चिंगारी है उसका धुंआ जरुर ना दिखाई दे, लेकिन वो चिंगारी जलती रहेगी। और जब जलती रहेगी तो वो भडकेगी भी जरुर, और उस वक्त देखना होगा उसमें जलता कौन है। लेकिन जो बयान सामने आया है उससे विपक्ष में तो बवाल मचना तय है। क्योंकि अब वो अफवाहें नहीं फैला पाएंगे।