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जिस Khalistan के लिए Justin Trudeau ने India से लिया पंगा, उसी ने Canada PM को बेनकाब कर दिया

साल 2023 में जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर कनाडा में मारा गया तो अपनी सरकार को खालिस्तानियों के गुस्से से बचाने के लिए पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर ही उसकी हत्या का आरोप लगा दिया वो भी बिना किसी सबूत के, और अब खालिस्तानियों ने ही जस्टिन ट्रूडो को बेनकाब कर दिया
जिस Khalistan के लिए Justin Trudeau ने India से लिया पंगा, उसी ने Canada PM को बेनकाब कर दिया

कनाडा एक ऐसा देश है जहां सिखों की एक बड़ी आबादी है और उन सिखों में भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो आतंकी संगठन खालिस्तान के समर्थक माने जाते हैं। यही वजह है कि खालिस्तानियों के बीच अपना भौकाल टाइट करने के लिए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अक्सर दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हिंदुस्तान से पंगा लेते रहे हैं क्योंकि उन्हें खालिस्तानियों से ज्यादा अपने वोट बैंक की चिंता होती है। इसीलिए साल 2023 में जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर कनाडा में मारा गया तो अपनी सरकार को खालिस्तानियों के गुस्से से बचाने के लिए पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर ही उसकी हत्या का आरोप लगा दिया, वो भी बिना किसी सबूत के और अब खालिस्तानियों ने ही जस्टिन ट्रूडो को बेनकाब कर दिया

भारत को आंख दिखा रहा कनाडा हुआ बेनकाब

दरअसल साल 2023 के जून महीने में खालिस्तानी संगठन से जुड़े भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में ही सरे इलाके में गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी। सरेआम हुई निज्जर की हत्या से सबसे ज्यादा खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस का सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू बौखलाया हुआ है क्योंकि उसे ये लगता है कि निज्जर की हत्या भारत के किसी एजेंट ने की है। इसीलिए उसने कनाडा सरकार से भारत के खिलाफ एक्शन लेने की मांग कर दी, तो वहीं खालिस्तानियों को खुश करने के लिए पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी मोदी सरकार को आंख दिखानी शुरू कर दी और भारत के छ राजनयिकों को कनाडा से बाहर कर दिया, वो भी तब जब खुद कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ये बात स्वीकार कर चुके हैं कि उनके पास सिर्फ खुफिया जानकारी थी कोई ठोस सबूत नहीं थे।

कनाडाई पीएम ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी निज्जर की हत्या का आरोप तो लगा दिया लेकिन उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं था जिससे एक बात तो साफ हो गई कि ट्रूडो ने सिर्फ खालिस्तानियों को खुश करने के लिए भारत सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर दिया और जैसे ही भारतीय राजनयिकों को कनाडा से निकाला, खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू इस कदर खुश हो गया कि उसने खुद ही कबूल कर लिया कि मैंने ही कनाडा सरकार को भारत के खिलाफ जानकारी दी थी और जस्टिन ट्रूडो से वो संपर्क में था। उसने कनाडाई न्यूज चैनल सीबीसी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में दावा किया कि

प्रधानमंत्री ट्रूडो ने सोमवार को जो सार्वजनिक बयान दिया था, वह न्याय, कानून के शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति कनाडा की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है, न्याय के लिए सिख फॉर जस्टिस प्रधानमंत्री कार्यालय से पिछले 2 से 3 वर्षों से संपर्क में हैं वे सभी जासूसी नेटवर्क का ब्यौरा दे रहे हैं

भारत सरकार ने जिस सिख फॉर जस्टिस खालिस्तानी संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है, उस संगठन का सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू खुद ये बात स्वीकार कर रहा है कि उसका संगठन पिछले तीन सालों से कनाडा प्रधानमंत्री आवास के सीधे संपर्क में है जिसका मतलब साफ है कि कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार सीधे तौर पर आतंकी संगठन को पनाह दे रही है और उसी के फर्जी आरोप के दम पर भारत के छ राजनयिकों को कनाडा से निकाल दिया जबकि खुद ट्रूडो स्वीकर कर चुके हैं कि उनके पास इसका कोई सबूत नहीं है कि भारतीय एजेंट ने ही आतंकी निज्जर की हत्या की है। ऐसे में भारत को भी जबरदस्त पलटवार करते हुए जस्टिन ट्रूडो पर आतंकी संगठन को पनाह देने और उन्हें पालने पोसने के लिए FATF यानि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में डलवाने की मांग करनी चाहिए जिससे आईएमएफ और विश्व बैंक जैसी संस्थाएं उसे बैन कर दें। अब देखना ये है कि भारत सरकार ये एक्शन कब लेता है लेकिन उससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये बात जरूर साफ कर दी है कि भारत सरकार ने कनाडा से अपने राजदूत को वापस बुलाने का सख्त फैसला क्यों लिया गया। एक बयान में उन्होंने बताया कि कनाडा ने हमसे अपने उच्चायुक्त के खिलाफ पुलिस जांच कराने को कहा है और हमने अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाना चुना। यानि भारत सरकार के पास दो विकल्प थे या तो निज्जर मामले में भारतीय उच्चायुक्त की कनाडा पुलिस से जांच करवाता या फिर वापस बुला लेता। भारत ने दूसरा विकल्प चुना क्योंकि ये बात भारत भी जानता है कि आतंकि निज्जर की हत्या में भारत का कोई हाथ नहीं है। पीएम ट्रूडो सिर्फ खालिस्तानी वोट बैंक को खुश करने के लिए भारत पर आरोप लगा रहे हैं


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