कांवड़ियों के लिए जान की बाज़ी लगा रहे आशिक अली के बारे में जानिए
कौन है आशिक अली जो कांवड़ियों के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहा
Uttarakhand : एक तरफ कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी से लेकर Uttarakhand तक पुलिस प्रशासन से लेकर सरकार तक मुस्तैद है, कांवड़ियों की कोई दिक़्क़त ना हो इसका बारीकी से ध्यान रख रही है तो वहीं दूसरी तरफ किसी भी अनहोनी से कांवड़ियों को बचाने के लिए प्रशासन के साथ साथ SDRF की टीमें भी पूरी तरह से घाट पर डटी हुई हैं। अब देखिए एक तरफ़ भोले बाबा की भक्ति में लीन कांवड़िए और दूसरी तरफ़ सावन का सुहावना मौसम जिसमें ना सिर्फ़ आसमान से बारिश बरस रही है बल्कि नदियों का पानी भी उफान पर है। ऐसे में कई इलाक़ों को अलर्ट पर रखा गया है। इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया जिसने कुछ देर के लिए तो सबकी साँसों को अटका दिया था लेकिन फिर राहत की ख़बर लेकर आए जाँबाज़ तैराक आशिक अली।
सावन के महीनें में कांवड़ लेने गए शिवभक्तों की भीड़ दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। ख़ासकर अगर बात करें हरिद्वार की तो यहाँ तो भक्तों का सैलाब उमड़ा हुआ है। ऐसे में गंगा घाट से कांवड़ियों को थोड़ी दूरी बनाने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि कांवड़ियों के डूबने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, हालांकि उनको बचाने के लिए SDRF की टीमें लगातार काम कर रही हैं। इसी कड़ी में SDRF में तैनात हेड कॉन्स्टेबल आशिक अली अब तक एक नहीं दो नहीं बल्कि 40 कांवड़ियों की जान बचा चुके हैं। कौन हैं आशिक अली चलिए आपको विस्तार से बताते हैं।
कौन हैं आशिक अली ?
आशिक अली देहरादून के सहसपुर के रहने वाले हैं। वो साल 2012 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हुए थे। 2021 में वो SDRF में हेड कॉन्स्टेबल बने। SDRF से जुड़ने के बाद से वो लगातार लोगों की जान बचाते आ रहे हैं। SDRF का ये जाँबाज़ अब तक कई कांवड़ियों की जान बचा चुका है। डूबते कांवड़िए को देखते ही तुरंत गंगा नदी में छलांग लगा देते हैं आशिक अली।