बुलडोजर एक्शन पर सख्त टिप्पणी करने वाले दोनों जजों के बारे में जानिए
सुप्रीम कोर्ट की सख़्त टिप्पणी: कोई भी आरोपी अगर दोषी भी साबित होता है, तो भी उसके घर पर बुलडोज़र चलाना किसी भी तरह से जायज नहीं है। अगर कोई किसी अपराध में दोषी पाया जाता है, तो भी बिना कानूनी प्रक्रिया को पूरा किए उसके घर को ढहाया नहीं जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट की सख़्त टिप्पणी के बीच यूपी सरकार ने अपने बुलडोज़र एक्शन पर जवाब दाखिल किया। योगी सरकार के हलफनामे को देखकर सुप्रीम कोर्ट ने तारीफ की है। लेकिन अब सवाल यह है कि वे जज कौन हैं जिन्होंने बुलडोज़र एक्शन पर सख़्त टिप्पणी की है। आइए विस्तार से जानते हैं दोनों जजों के बारे में:
जस्टिस केवी विश्वनाथन: जस्टिस विश्वनाथन तमिलनाडु से आते हैं। उनकी पढ़ाई कोयंबटूर से हुई। उन्होंने 1988 में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की। 1990 में सीनियर एडवोकेट और पूर्व अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल के साथ काम किया। 2009 में सीनियर एडवोकेट नियुक्त किए गए। 2013 में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बने। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 2023 में केवी विश्वनाथन को जज बनाने की सिफारिश की, जिसे सरकार ने मंज़ूर कर लिया। 19 मई 2023 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया। अगस्त 2030 में वे देश के 58वें CJI बनेंगे और करीब 10 महीने कुर्सी पर रहेंगे।
जस्टिस बीआर गवई: जस्टिस बीआर गवई महाराष्ट्र के अमरावती से आते हैं। उनके पिता आर.एस. गवई महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के संस्थापक थे। जस्टिस गवई ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में लॉ की प्रैक्टिस शुरू की। 2003 में बॉम्बे हाई कोर्ट के जज नियुक्त किए गए। 2005 में परमानेंट जज बनाए गए। 2019 में उनका तबादला सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज हुआ। वे 14 मई 2025 को CJI बनेंगे और 23 नवंबर 2025 तक कुर्सी पर रहेंगे। जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट के इतिहास के दूसरे CJI होंगे जो शेड्यूल कास्ट से आते हैं।
इन्हीं दोनों जजों ने बुलडोज़र एक्शन पर सख़्त टिप्पणी की और दिशा-निर्देश जारी करने का प्लान बनाया है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने सभी पक्षों को आदेश दिया है कि वे अपने सुझाव जल्दी दें, ताकि सभी राज्यों पर लागू होने वाले दिशानिर्देश तय किए जा सकें। ऐसे में देखना होगा कि बुलडोज़र एक्शन पर आगे क्या फ़ैसला आता है।