गाँधी जयंती पर जानिए राष्ट्रपिता की लिखी कौन सी 9 किताबें आपको पढ़नी चाहिए !
2 अक्टूबर को पूरा देश हर साल महात्मा गाँधी जयंती के रूप में मनाता है और इस दिन तमाम तरह के अच्छे कार्य लोगों द्वारा किये जाते हैं ऐसे में आज हम आपको बताएँगे गाँधी जी की लिखी उन 9 किताबों के नाम जिन्हें आपको पढ़नी चाहिए।
2 October Gandhi Jayanti : हर साल की तरह 2 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती मनाई जाएगी, और इसके लिए देशभर में तैयारियां जोरों - शोरों से चल रही हैं। स्कूलों, सरकारी दफ्तरों और सामाजिक संस्थाओं में साफ-सफाई, प्रार्थना सभाएं और गांधीजी के जीवन पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। और इस मौके के दिन हर व्यक्ति कुछ खास करने की सोचता है, ऐसे में चलिए आज इस ख़ास मौके पर गाँधी जयंती पर बात तो करेंगे ही साथ ही उन किताबों के नाम भी आपको बताएँगे जो राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ने लिखी हैं जिन किताबों को आप पढ़ सकते हैं।
हर साल 2 अक्टूबर को मनाया जाता है गाँधी जयंती
सबसे पहले बात करते हैं गाँधी जयंती पर जो हर साल 2 अक्टूबर को धूम - धाम से मनाई जाती है । महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। गाँधीजी ने भारत की आजादी के लिए अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों का पालन किया और देश को अंग्रेज़ों के शासन से मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जीवन सादगी, सत्य और अहिंसा का प्रतीक था। गाँधीजी ने पूरे विश्व को सिखाया कि बिना हिंसा के भी बड़े-बड़े परिवर्तन लाए जा सकते हैं। भारत में यह दिन राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है, और इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी घोषित किया गया है।गांधीजी ने बिना हिंसा के, शांतिपूर्ण तरीके से लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में जोड़ा और देश को एकजुट किया। उनके विचारों और संघर्ष ने भारतीय समाज को जागरूक किया और उन्हें प्रेरित किया कि वे अपने हक के लिए लड़ें। उनके त्याग, प्रेम और सेवा के कारण उन्हें "राष्ट्रपिता" का सम्मान मिला, जो पूरे देश की ओर से उनके प्रति आदर का प्रतीक है।
महात्मा गाँधी जी द्वारा लिखी 9 प्रमुख किताबें -
वैसे तो महात्मा गांधी ने कई किताबें लिखीं, जिनमें उन्होंने अपने विचार, सिद्धांत और अनुभव साझा किए हैं।जिसमें से 9 प्रमुख किताबों के नाम आपको बताते हैं, जिनमें उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं और सिद्धांतों पर चर्चा की है।
1. हिंद स्वराज (Hind Swaraj)
यह पुस्तक 1909 में लिखी गई थी, जिसमें गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता के लिए अपने दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया है। यह गांधी के विचारों पर आधारित है कि स्वतंत्रता केवल राजनीतिक आज़ादी नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता भी है। पुस्तक में अहिंसा, सत्य, और आत्म-निर्भरता के सिद्धांतों पर जोर दिया गया है।
2. सत्य के साथ मेरे प्रयोग (The Story of My Experiments with Truth)
यह आत्मकथा महात्मा गांधी की जीवन यात्रा और उनके व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन के अनुभवों को दर्शाती है। इसमें सत्य, अहिंसा, और नैतिकता के सिद्धांतों का विस्तृत वर्णन है। गांधी ने अपने जीवन के विभिन्न चरणों में किए गए प्रयोगों को साझा किया है, जिससे यह पुस्तक प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
3. भारत का भविष्य (India of My Dreams)
इस पुस्तक में गांधी ने स्वतंत्र भारत के लिए अपने सपनों और दृष्टिकोणों को व्यक्त किया है। उन्होंने समाज में समरसता, सामूहिकता, और एकता की आवश्यकता पर जोर दिया। यह पुस्तक भारत के विकास के लिए गांधी की मूलभूत चिंताओं को उजागर करती है।
4. अहिंसा परमो धर्म (Non-violence in Peace and War)
यह पुस्तक अहिंसा के सिद्धांत और उसके महत्व पर आधारित है। गांधी ने इसे युद्ध और शांति के संदर्भ में प्रस्तुत किया है। उन्होंने अहिंसा को एक शक्तिशाली उपकरण बताया है, जो न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी प्रभावी हो सकता है।
5. यंग इंडिया (Young India)
यह एक साप्ताहिक पत्रिका थी, जिसमें गांधी ने युवाओं के लिए अपने विचार प्रस्तुत किए। इसमें सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक मुद्दों पर लेख और विचार दिए गए हैं। गांधी ने इस माध्यम से युवा पीढ़ी को जागरूक करने और प्रेरित करने का प्रयास किया।
6. दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह का इतिहास (Satyagraha in South Africa)
इस पुस्तक में गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में अपने सत्याग्रह आंदोलन का विवरण दिया है। इसमें उन्होंने उन संघर्षों का वर्णन किया है, जिनके माध्यम से उन्होंने भारतीय समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। यह पुस्तक गांधी के सत्याग्रह के सिद्धांतों की नींव रखती है।
7. गांधीयन अर्थशास्त्र (Gandhian Economics)
इस पुस्तक में गांधी ने अर्थशास्त्र के सिद्धांतों को अपने मूलभूत नैतिक मूल्यों के साथ जोड़ा है। उन्होंने विकास के लिए स्वावलंबन, छोटे उद्योगों, और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया। यह पुस्तक उनके आर्थिक दर्शन को स्पष्ट करती है।
8. विश्वास पर आधारित समाज (Society Based on Faith)
इस पुस्तक में गांधी ने विश्वास और आपसी सहानुभूति के महत्व को समझाया है। उन्होंने एक ऐसा समाज बनाने का आह्वान किया है, जो आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित हो। यह पुस्तक सामूहिकता और मानवता के सिद्धांतों की व्याख्या करती है।
9. कंस्ट्रक्टिव प्रोग्राम (Constructive Programme: Its Meaning and Place)
इस पुस्तक में गांधी ने समाज के विकास के लिए ठोस कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने सामाजिक सुधारों, शिक्षा, और ग्रामीण विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का वर्णन किया है। यह पुस्तक उनके सामाजिक कार्यों और दृष्टिकोण को स्पष्ट करती है।