Kolkata Doctor Rape Murder Case: 70 प्द्म विजेता डॉक्टरों ने PM Modi से कर दी बड़ी मांग
कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर उसकी निर्मम हत्या के बाद हर एक देशवासी में आक्रोश है। मृतक पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर है। न सिर्फ डॉक्टर्स ने हड़ताल किया। बल्कि रात भर सड़को पर उसे न्याय दिलाने की मांग की। जस्टिस की मांग सिर्फ प. बंगाल तक नहीं सिमटी रही। ये मांग देशभर में अलग अलग राज्य। अलग अलग शहर। और अलग अलग गांवों से गुंजी। अब इसपर एक या दो नहीं बल्कि 70 प्द्म विजेता डॉक्टरों ने दखल किया है। और पीएम मोदी को पत्र लिख डाला है।
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प्रधानमंत्री के नाम लिखा गया ये पत्र और इसमें की गई मांग ने ये बताया कि किस कदर देश में महिलाओं के साथ अप्रिय घटना घटती है। किस तरह धरती के भगवान माने जाने वाले डॉक्टर्स भी सुरक्षित नहीं है। इन विजेता डॉक्टरों ने पत्र लिखकर पीएम मोदी को तत्काल औऱ व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने की मांग की है। इतना ही नहीं पत्र के माध्यम से अपील की गई है कि केंद्र सराकर तुरंत एक अध्यादेश लाए जिससे स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा में शामिल लोगों के लिए कठोर से कठोर सजा का प्रावधान हो। इस मांग में ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव, दिल्ली एम्स के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया और मेंदाता मेडिसिटी के CMD नरेश त्रेहान जैसे बड़े डॉक्टर्स भी शामिल है।
70 पद्म विजेता डॉक्टरों की अहम मांग
- कानून को सख्त बनाएं केंद्र सरकार
- यौन हिंसा के अपराधियों के लिए सख्त और जल्द सजा
- अस्पताल और क्लिनिक में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
- स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाकर लागू करे सरकार
- स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हिंसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई।
वहीं इस मामले में Indian Medical Association ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। और हस्तक्षेप की मांग की थी। IMA की Action committee के chairman डॉ विनय अग्रवाल ने कहा था कि 'अगर केद्र सरकार Cenral Protection Act लागू करने का आश्वाशन देती है तो हम जूनियर डॉक्टरों को हड़ताल वापस लेने के लिए मना लेंगे'।
इधर इस पूरे मामले ने जब तूल पकड़ा तो जांच CBI को सौंप दी गई। इसके बावजूद देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। विपक्षी दल ममता सरकार पर हमलावर है और भाजपा के साथ साथ राहुल गांधी ने भी प. बंगाल सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। इधर ममता बनर्जी खुद सड़को पर उतरकर विरोध जताती नजर आई। लेकिन उनका ये दांव उन्हीं पर भारी पड़ गया। राजनेताओं से लेकर आम जनता ने ममता की खुब किरकिरी कर दी। सब पुछने लगे की राज्य की CM आप हो, Home Minister आप हो तो प्रदर्शन किसके खिलाफ कर रही हों। इधर इस मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी का भी घुस्सा फूट पड़ा। और उन्होंने भी ममता को लपेट दिया।