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राम मंदिर निर्माण के लिए नहीं मिल रहे मज़दूर, जानिए क्या है वजह

राम मंदिर के भव्य निर्माण कार्य को लेकर इस वक़्त की बड़ी ख़बर सामने आ रही है। मंदिर का निर्माण कार्य देरी की वजह का राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने ख़ुलासा किया हैं। उन्होंने बताया है कि राम मंदिर का कार्य पूरा होने में तीन महीने की देरी हो सकती है और अब यह कार्य पूरा होने की सितंबर 2025 तक संभावना जताई जा रही है।
राम मंदिर निर्माण के लिए नहीं मिल रहे मज़दूर, जानिए क्या है वजह
राम मंदिर के भव्य निर्माण कार्य को लेकर इस वक़्त की बड़ी ख़बर सामने आ रही है। मंदिर का निर्माण कार्य देरी की वजह का राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने ख़ुलासा किया हैं। उन्होंने बताया है कि राम मंदिर का कार्य पूरा होने में तीन महीने की देरी हो सकती है और अब यह कार्य पूरा होने की सितंबर 2025 तक संभावना जताई जा रही है। नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी दी कि पहले मंदिर का निर्माण कार्य जून 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य था, लेकिन वर्तमान में 200 श्रमिकों की कमी के कारण इसमें देरी हो रही है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर की चारदीवारी में इस्तेमाल होने वाले 8.5 लाख घन फुट लाल बंसी पहाड़पुर पत्थर पहले ही अयोध्या पहुंच चुके हैं, लेकिन श्रमिकों की कमी से निर्माण कार्य में बाधाएं आ रही हैं और देरी हो रही है।


मंदिर निर्माण कार्य की विस्तृत जानकारी देते हुए अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले पत्थरों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार पहले तल पर कुछ पत्थरों को कमजोर और पतला पाया गया है जिनकी जगह पर अब मकराना के मजबूत पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।इसके साथ ही मंदिर की अन्य संरचनाओं जैसे सभागार, सीमा और परिक्रमा पथ की निर्माण प्रक्रिया भी लगातार जारी है। उन्होंने ये भी बताया कि मूर्तिकारों ने आश्वासन दिया है कि दिसंबर 2024 तक मंदिर की सभी मूर्तियां पूरी कर ली जाएंगी और दिसंबर के अंत तक ये मूर्तियां अयोध्या पहुंच जाएंगी।


जयपुर में भी चल रहा मंदिर का कार्य 

बताते चले कि राम मंदिर के परिसर में राम दरबार और सात मंदिरों समेत अन्य मूर्तियों का निर्माण कार्य जयपुर में चल रहा है। तय किए गए लक्ष्य के मुताबिक़ इन मूर्तियों को दिसंबर तक अयोध्या लाया जाएगा और फिर यह निर्णय लिया जाएगा कि इन्हें मंदिर में किस स्थान पर स्थापित किया जाएगा। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि रामलला की दो मूर्तियों को पहले से ही ट्रस्ट की ओर से स्वीकृत किया गया है और उन्हें मंदिर में उचित स्थान दिया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर समिति रामलला के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं की सुविधा को भी ध्यान में रखते हुए उनके दर्शन के बाद बाहर निकलने के रास्ते को सुगम बनाने पर विशेष ध्यान दे रहा है। 


मंदिर समिति की लगातार जारी है बैठक 

राम मंदिर के निर्माण और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगातार राम मंदिर निर्माण समिति की बैठकें लगातार जारी हैं और समिति में शामिल सदस्य इसे पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। आगामी कार्यों की योजना के तहत मंदिर की संरचनाओं और मूर्तियों की जल्द ही अंतिम रूप में स्थापना की जाएगी। मिश्र ने यह आश्वासन भी दिया कि सभी निर्माण कार्य समय पर पूरा होंगे, हालांकि श्रमिकों की कमी और सामग्री में बदलाव के कारण समयसीमा में थोड़ी देरी होने की संभावना है। बताते चले की राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण होने के बाद 22 जनवरी 2024 को भव्य उद्घाटन हुआ था जिसमें देश के बड़े-बड़े नामचीन हस्ती शामिल हुए थे। इसके बाद से लगातार लाखों की संख्या में श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए पहुंच रहे है। 
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