दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को नेता विपक्ष आतिशी ने लिखी चिट्ठी, जानिए पूरा मामला?
बजट पेश होने के बाद अब राजनीति भी शुरू हो गई है।विधानसभा में नेता विपक्ष आतिशी ने सदन के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को चिट्ठी लिखी है। इस पत्र में आतिशी ने बजट पर चर्चा के लिए कम समय रखे जाने का ज़िक्र किया है।

दिल्ली की रेखा सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया। इस बजट में दिल्ली सरकार ने कई बड़े ऐलान किया है। बजट पेश होने के बाद अब राजनीति भी शुरू हो गई है।विधानसभा में नेता विपक्ष आतिशी ने सदन के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को चिट्ठी लिखी है। इस पत्र में आतिशी ने बजट पर चर्चा के लिए कम समय रखे जाने का ज़िक्र किया है। आतिशी ने आरोप लगाया है कि आख़िर बजट में ऐसा क्या है जिसे सरकार छिपाना चाह रही है।
दरअसल, दिल्ली विधानसभा में बजट पर चर्चा के लिए सिर्फ़ एक घंटे का समय रखा गया है। आतिशी ने कहा पहले इकॉनमिक सर्वे पेश नहीं किया और अब दिल्ली सरकार बजट पर चर्चा से बच रही है।
विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को लिखी चिट्ठी को लेकर आतिशी ने कहा "कल दिल्ली विधानसभा में बजट 2025-26 पेश किया गया। लेकिन आज की ‘कार्यसूची’ में बजट पर चर्चा के लिए बमुश्किल एक घंटा दिखाया गया है! पहले तो भाजपा ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं किया। अब वे बजट पर चर्चा कम कर रहे हैं। भाजपा इस बजट में क्या छिपा रही है? इसलिए पत्र के ज़रिए जिसमें बजट पर 2 पूरे दिन चर्चा की मांग की गई है।
Yesterday the Budget 2025-26 was tabled in the Delhi Assembly. But today’s ‘List of Business’ shows barely one hour for discussion on the Budget!
— Atishi (@AtishiAAP) March 26, 2025
First, BJP did not present the Economic Survey. Now they are curtailing discussion on the Budget. What is the BJP hiding in this… pic.twitter.com/0RPacyJ57q
आतिशी ने पूछे सवाल
विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को लिखे पत्र में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने पूछा है कि 70 विधायकों वाले सदन में बजट पर चर्चा के लिए सिर्फ़ एक घंटे का समय क्यों ? क्या इसको 5 अन्य एजेंडा मदों के बीच में रखा जाएगा? आतिशी ने कहा इसे देखकर यह कहा जा सकता है कि सरकार बजट पर विस्तृत चर्च करने से बच रही है। पत्र में उन्होंने आगे कहा " यह बेहद चिंताजनक स्थिति है, पहले तो दिल्ली सरकार बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं किया। और अब चर्चा कई अन्य मुद्दों पर फँस गई है। साथ ही यह जानकारी भी साझा नहीं किया गया कि बजट में चर्चा के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को कितना समय दिया जाएगा।