वामपंथी सांसदों ने किया अपमान, फिर भी आगे बढ़ाया हाथ, आखिर कौन है ये सांसद ?
सोशल मीडिया पर फ्रांस की एक वीडियो बड़ी ही तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें फ्रांस की संसद में चुनाव के दौरान एक सांसद खड़ा रहता है और बार बार लोगों से हाथ मिलाने के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाता है लेकिन कोई भी सांसद उससे हाथ नहीं मिलाता। सभी सांसद अपना वोट डालते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। ये वीडियो दरअसल इसी साल जुलाई के महीने की है। जब फ्रांस की नेशनल असेंबली में अध्यक्ष के लिए चुनाव हो रहा था और ये जो शख्स खड़ा है। ये नेशनल रैली पार्टी के सबसे कम उम्र के सांसद फ्लैवियन टेरमेट हैं। जिन्हें नेशनल असेंबली के अध्यक्ष के चुनाव के दौरान सचिव बनाया गया था। इसीलिये टेरमेट बैलट बॉक्स के पास खड़े थे और वोट डालने वालों से लगातार हाथ मिलाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन कोई भी सांसद उनसे हाथ नहीं मिला रहा था।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस वीडियो पर अब लोग तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। अमन कुमार नाम के एक शख्स ने लिखा इस धुर दक्षिणपंथी सांसद के लिए सम्मान, जो लगातार अपमान के बावजूद अपने शिष्टाचार नहीं भूले, आकाश सिंह नाम के एक शख्स ने लिखा। हाथ मिलाने से लगातार इंकार करने के बावजूद ये शख्स बार-बार अपने हाथ आगे बढ़ा रहा है, आपका व्यवहार वास्तव में सम्मानजनक है, जिनके पास बुनियादी संस्कार भी नहीं हैं वो अशिक्षित हैं। एक शख्स ने तो तंज मारते हुए यहां तक कह दिया कि और ये यूरोपियन दुनिया को लोकतंत्र सिखाने की बात करते हैं।
फ्रांसीसी सांसद टेरमेट की वीडियो पर एक शख्स ने लिखा। मुझे लगता है कि इन सांसदों में नेतृत्व की कोई अच्छी गुणवत्ता नहीं है क्योंकि अगर वे एक-दूसरे का सम्मान नहीं करते हैं तो वे जनता और पूरी दुनिया का सम्मान कैसे करेंगे, उन्हें नैतिक नैतिकता के बारे में और अधिक सीखना चाहिए, यह पूरे फ्रांस देश के लिए शर्म की बात है क्योंकि पूरे फ्रांस में इस प्रकार के सांसद ही मिलते हैं आपको बता दें फ्रांस की संसद से आई इस तस्वीर में खड़े फ्लैवियन टेरमेट नेशनल रैली पार्टी के धुर दक्षिणपंथी सांसद हैं जबकि जिन सांसदों ने उनसे हाथ मिलाने से इंकार किया। वो सभी वामपंथी सांसद हैं। एक सांसद ने तो सदन में ही फ्लैवियन टेरमेट को चिढ़ाने के लिए रॉक पेपर कैंची का इशारा किया।
आपको बता दें फ्रांस की नेशनल असेंबली में वामपंथी सांसदों ने ये हरकत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान की थी। जहां दक्षिणपंथी और वामपंथी उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर थी। दक्षिणपंथी पार्टियों की ओर से यैल ब्राउन पिवेट चुनाव मैदान में उतरे थे जिन्हें राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों का समर्थन हासिल था। तो वहीं वामपंथी पार्टियों ने आंद्रे चैसेंग्ने को उतारा था और जब चुनावी नतीजे आए तो मैक्रों समर्थक यैल ब्राउन पिवेट ने 220 वोट पाकर जीत हासिल की जबकि वापमंथी उम्मीदवार को 207 वोट ही मिले। बहरहाल फ्रांस के सदन में वामपंथी सांसदों ने एक दक्षिणपंथी सांसद से हाथ मिलाने से जिस तरह से इंकार किया।