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लोको पायलट ने दिखाई समझदारी, Raebareli में टल गया बड़ा रेल हादसा

रायबरेली में एक भीषण रेल दुर्घटना होते-होते बाल-बाल बच गई। यह ट्रेन के लोको पायलट की सूझबूझ की वजह से हो पाया। पायलट ने रेलवे ट्रैक पर रेत का ढेर देखकर पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया था। पूरा मामला रायबरेली जिले के खीरों थाना क्षेत्र के रघुराज सिंह रेलवे स्टेशन का ये बड़ा मामला है।
लोको पायलट ने दिखाई समझदारी, Raebareli में टल गया बड़ा रेल हादसा
योगी के यूपी और Rahul Gandhi के गढ़ में एक बहुत बड़ा हादसा टल गया है। जिहादियों ने एक ट्रेन को निशाना बनाने का फूल प्रूफ प्लान बना लिया था। कोशिश पूरी की गई थी की रात के अंधेरे में एस घिनौनी घटना को अंजाम दे दिया जाए। आम लोगों की जान से खेलने का पूरा मास्टर प्लान था पर उन्हें कहां पता था कि उनके सपनों पर पानी फिर जाएगा।  

दरअसल रायबरेली जिले के खीरों थाना क्षेत्र के रघुराज सिंह रेलवे स्टेशन का ये बड़ा मामला है। रात के अंधेरे में इस बड़ी दुर्घटना के टलने की वजह लोको पायलट की सुझबुझ थी। रेल पटरियों पर विछाए गए जाल को लोको पायलट ने आंक लिया और ट्रेन को वहीं एमरजेंसी ब्रेक लगा कर रोक दिया। जिससे ट्रेन डिरेल होने से बच गई। लोको पायलट ट्रेन में बेठे यात्रियों के लिए संजिवनी साबित हुआ, जिससे यात्रियों की जान बच गई। ट्रेन रोकने के बाद लोको पायलट ने इसकी सूचना दी स्टेशन मास्टर को दी जिसके बाद ट्रैक से मिट्टी को हटाया गया। 

आसपास के लोगों ने बताया कि सड़क बनने का काम चल रहा है। रात के समय डंपर से मिट्टी की ढुलाई का काम होता है। कुछ लोगों ने ये भी बताया कि डंपर से एक व्यक्ति मिट्टी लेकर जा रहा था। और तभी रेलवे ट्रैक पर उसने मिट्टी डाली और डंपर को खीरों की ओर लेकर भाग गया। अब इससे आप समझ सकते है कि ये कोई गलती नहीं एक खतरनाक प्लान था। एक ऐसा प्लान जो न जाने कितनों की जान ले सकता था। लेकिन लोको पायलट की समझदारी ने एस फूल-प्रूफ प्लान को उसी मिट्टी में मिला दिया। जो रेलवे ट्रैक पर बिछाए गए थे। 
 
मामले पर गेटमैन का कहना है कि ट्रेन रघुराज सिंह स्टेशन के आउटर पर आ चुकी थी।इसलिए रफ्तार कम थी । अगर रफ्तार तेज होती तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। ट्रेन डिरेल हो सकती थी। इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा कि छानबीन चल रही है। जल्द ही मामले पर पूरी जानकारी दी जाएगी। 

भगवान का शुक्र है कि समय रहते लोको पायलट ने सूझबूझ दिखाई और ट्रेन को रेक दिया। वरना न जाने कितना बड़ा हादसा हो सकता था। खैर ये पहली बार नहीं है जब रेलवे ट्रैक पर कोई आपत्तिजनक सामान मिला हो। आए दिन खबरे आती है। जहां हम देखते है कि कभी ट्रैक पर सिलेंडर, मिलता है तो कभी कुछ और। लेकिन सबका मकसद एक ही होता है। आम लोगों को नुकसान पहुंचाना। ताकी इसपर राजनीति हो सकें। 

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