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उत्तराखंड में स्थित मद्महेश्वर धाम और गौरीकुंड का होगा विकास, CM पुष्कर सिंह धामी ने कर दिया ऐलान

मीडिया प्रभारी बीकेटीसी हरीश गौड़ ने अवगत कराया है कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में पंचकेदारों में से द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम को विकसित किया जाएगा। इसके साथ केदारनाथ धाम के अंतिम मोटर पड़ाव गौरीकुंड स्थित मां गौरी के मंदिर का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा।
उत्तराखंड में स्थित मद्महेश्वर धाम और गौरीकुंड का होगा विकास, CM पुष्कर सिंह धामी ने कर दिया ऐलान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के तहत देव भूमि उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक, मद्महेश्वर धाम का विकास कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही केदारनाथ धाम यात्रा के अंतिम मोटर पड़ाव, गौरीकुंड में स्थित मां गौरी के मंदिर का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाना है, बल्कि इन धार्मिक स्थलों के महत्व को और मजबूत करना भी है, जिससे तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हो सके और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल सके ।

क्या है मद्महेश्वर धाम का महत्त्व -

मद्महेश्वर धाम को द्वितीय केदार के नाम से जाना जाता है, यह पवित्र स्थल पंच केदारों में से एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह धाम रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ विकासखंड में मौजूद है जो समुद्र तल से 3,497 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां भगवान शिव की नाभि की पूजा की जाती है, और इसे एक पवित्र धाम माना जाता है। मद्महेश्वर धाम तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 14 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा करनी पड़ती है, जो इसे धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण स्थल बनाता है।

क्या है गौरीकुंड का महत्त्व - 

गौरीकुंड केदारनाथ धाम की यात्रा के अंतिम मोटर पड़ाव के रूप में जाना जाता है, जहाँ से तीर्थयात्री केदारनाथ की पैदल यात्रा शुरू करते हैं। गौरीकुंड का नाम माता गौरी के नाम पर रखा गया है, और यहां मां गौरी का एक प्राचीन मंदिर है, जिसे तीर्थयात्रियों के लिए अत्यधिक पवित्र माना जाता है। केदारनाथ यात्रा पर जाने से पहले श्रद्धालु मां गौरी के दर्शन करना आवश्यक मानते हैं, इसलिए यह मंदिर आध्यात्मिक यात्रा का एक अनिवार्य हिस्सा है।

वहीं धर्मस्व और संस्कृति विभाग के अनु सचिव रमेश सिंह रावत ने इस संबंध में संस्कृति विभाग के निदेशक को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत मद्महेश्वर धाम के विकास और गौरीकुंड स्थित मां गौरी मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए विस्तृत परियोजना आख्या (DPR) तैयार की जाएगी। इस कार्य के लिए लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था के रूप में नामित किया गया है, और उन्हें बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के साथ समन्वय स्थापित करके डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

साथ ही बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। उनका मानना है कि मद्महेश्वर धाम के विकास से तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। क्षेत्र में पर्यटन के बढ़ने से स्थानीय व्यापार, आवास, परिवहन और अन्य सेवाओं में भी वृद्धि की संभावना है, जो क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान देगा।

मद्महेश्वर और गौरीकुंड के धार्मिक स्थलों का यह विकास न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में सुधार करेगा बल्कि इन स्थानों को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर और अधिक उभारने में मदद करेगा।

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