Advertisement

महाराष्ट्र चुनाव 2024: अरविंद सावंत के विवादित बयान पर शाइना एनसी का पलटवार कहा- 'महिला हूं, माल नहीं'

महाराष्ट्र चुनाव में इस बार शाइना एनसी और अरविंद सावंत के बीच छिड़ा विवाद राजनीति में महिला सम्मान का मुद्दा बन गया है। शिवसेना उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने शिंदे गुट की उम्मीदवार शाइना एनसी को 'इम्पोर्टेड माल' कहकर विवाद को जन्म दिया। शाइना ने इस पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा, 'महिला हूं, माल नहीं।'
महाराष्ट्र चुनाव 2024: अरविंद सावंत के विवादित बयान पर शाइना एनसी का पलटवार कहा- 'महिला हूं, माल नहीं'
मुंबई में विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस बार की चुनावी फिजा में एक नई हवा है और वो है महिला सशक्तिकरण की। मुंबादेवी सीट पर शिंदे गुट की उम्मीदवार शाइना एनसी के नाम की घोषणा के साथ ही उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत का एक विवादास्पद बयान चर्चा में आ गया है। यह बयान मात्र शब्दों का बखेड़ा नहीं बल्कि महिलाओं के सम्मान का मुद्दा बन चुका है। आइये जानते हैं इस विवाद के पीछे की कहानी आखिर क्या है?

शाइना एनसी का नाम महाराष्ट्र की राजनीति में नया नहीं है। पेशे से फैशन डिजाइनर और मुंबई के ग्लैमर वर्ल्ड की चर्चित हस्ती शाइना एनसी लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) में प्रवक्ता रहीं। राजनीति में उनका अनुभव और उनका बौद्धिक व्यक्तित्व हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहे हैं। लेकिन जब उन्होंने भाजपा को छोड़कर एकनाथ शिंदे की शिवसेना का हाथ थामा और मुंबादेवी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो ये निर्णय उनकी राजनीतिक जीवन का नया मोड़ साबित हुआ।

अरविंद सावंत का विवादित बयान 

शाइना एनसी की उम्मीदवारी पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने अपने बयान में कहा, "यहां इम्पोर्टेड माल नहीं चलेगा।" उनका यह बयान जैसे ही मीडिया में सामने आया, यह मसला और भी गंभीर होता चला गया। शब्दों का चयन, विशेषकर "इम्पोर्टेड माल" का संदर्भ, न केवल राजनीतिक विवाद को जन्म दे गया बल्कि एक महिला के सम्मान का सवाल भी खड़ा कर दिया। सावंत के बयान ने न सिर्फ राजनीतिक वातावरण को गरमा दिया, बल्कि महिला सम्मान के मुद्दे पर बहस को भी हवा दे दी।

महिला हूं, माल नहीं हूं: शाइना एनसी 

सावंत के बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया में शाइना एनसी ने कहा, "महिला हूं, माल नहीं हूं।" शाइना का कहना था कि राजनीति में महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "कोई भी महिला अपने सम्मान को लेकर चुप नहीं बैठेगी।" शाइना ने सावंत के बयान पर गहरी आपत्ति जताते हुए महिलाओं के सम्मान की रक्षा का मुद्दा उठाया। यह बयान, जो एक सहज पलटवार भी था, जल्दी ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसे बड़े पैमाने पर सराहा गया।

इस विवादित बयान के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने भी अपना असंतोष जाहिर किया। उन्होंने सावंत के बयान को 'पीड़ादायक और निंदनीय' बताया और कहा कि राजनीति में महिलाओं के प्रति ऐसी भाषा का प्रयोग अस्वीकार्य है। भाजपा ने इस बयान की तीखी आलोचना की और इसे महिला विरोधी करार दिया।
महाराष्ट्र चुनाव में बदलते समीकरण 
इस विवाद ने 2024 के महाराष्ट्र चुनाव में एक नया आयाम जोड़ दिया है। महिला सशक्तिकरण का मुद्दा अब इस चुनाव में प्रमुख बनता दिख रहा है। जनता इस चुनाव में महिलाओं के साथ होने वाले व्यवहार को भी एक मुद्दा बना सकती है। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि इस विवाद का चुनावी माहौल पर क्या असर पड़ता है।

हालांकि अरविंद सावंत ने बाद में बयान जारी कर कहा कि उनके शब्दों को गलत समझा गया। उन्होंने इसे महज एक राजनैतिक टिप्पणी बताया और कहा कि महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग जैसे मुद्दों पर पहले से ही सहमति बनी हुई थी। सावंत ने कहा कि शाइना का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार अमीन पटेल से होगा, जो कि इस सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं। उनका कहना था कि शाइना एनसी के मुकाबले अमीन पटेल ही असली और अनुभवी उम्मीदवार हैं।

इस विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति में महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण का एक बड़ा मुद्दा खड़ा कर दिया है। शाइना एनसी का यह बयान महिलाओं के प्रति सम्मान के सवाल को उजागर करता है, जो इस चुनाव में एक निर्णायक मुद्दा बन सकता है।

इस बार के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सिर्फ दलों की नहीं, बल्कि सम्मान की लड़ाई भी देखने को मिलेगी। शाइना एनसी की बयानबाजी ने समाज में महिला सशक्तिकरण और राजनीति में उनके योगदान पर नए सिरे से सोचने का अवसर दिया है। हर पार्टी का दायित्व है कि वो चुनावी भाषा और सम्मानजनक व्यवहार को प्राथमिकता दे।

Advertisement

Related articles

Advertisement