मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस को लेकर अपनी किताब ‘ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स’ में किए हैरान करने वाले दावे
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता मणिशंकर अय्यर ने अपनी एक बुक ‘ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स’ में कई राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र किया है। किताब में उन्होंने नरेंद्र मोदी को 'चायवाला' कमेंट पर लिखा। प्रणब मुखर्जी, मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी को लेकर भी उन्होंने कई दावे किए हैं।
दिग्गज कांग्रेसी नेता पूर्वी केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार चर्चा की वजह पीएम मोदी पर टिप्पणी नहीं बल्कि उनकी एक किताब है। इस किताब में मणि शंकर अय्यर ने कई बड़े दावे किए हैं। कई सालों से एक्टिव राजनीति से दूर मणिशंकर अय्यर अपनी किताब ‘ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स’ की वजह से लाइम लाइट में आ गए है।
अय्यर ने इस किताब में ऐसे चौंकाने वाले खुलासे और दावे किए है जो कांग्रेस और खासकर सोनिया गांधी पर कई सवाल दाग रहें है। उन्होंने अपनी बुक में राजनीतिक घटनाओं के बारे में जिक्र किया है, और इन दावों ने उनके और कांग्रेस पार्टी के रिश्तों में खटास के साथ साथ कांग्रेस का असली चेहरा सभी के सामने लाकर रख दिया है।
कांग्रेस की हार पर अय्यर की बड़ी बात
‘ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स’ किताब, जो मणिशंकर अय्यर ने लिखा है। इस बुक में 2012 का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि प्रणब मुखर्जी को UPA-2 सरकार की कमान सौंपी जानी थी। और मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जाना था। अय्यर का मानना है कि मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में बनाए रखने के और प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाए जाने से तीसरी बार सरकार बनाने की संभावनाएं को पूरी तरह से खत्म कर दिया। अय्यर ने बताया कि दोनों कार्यकाल के दौरान ये साफ हो गया था कि पीएम और पार्टी अध्यक्ष में गतिहीनता है। उस वक्त शासन का अभाव था। अन्ना हजारे के India Against Corruption को भी सही ठंग से हैंडल नहीं किया गया। इन्हीं कुछ पॉइंट्स को सामने रखते हुए अय्यर कहते है कि जब 2012 में राष्ट्रपति का पद खाली हुआ था तब प्रणब मुखर्जी को पीएम और मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाना चाहिए था। उन्होंने इस फैसले को कांग्रेस की 2014 की हार से भी जोड़ा है। उनका मानना है कि अगर प्रणब मुखर्जी को पीएम बना भी दिया गया होता तो कांग्रेस की हार 2014 में होती पर ये हार उतनी अपमानजनक नहीं होती। कांग्रेस सिर्फ 44 सीटों पर नहीं सिमट जाती।
'मोदी को कभी चायवाला नहीं कहा'
कांग्रेस के दिग्गज नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नेरेंद्र मोदी को लेकर भी बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि मैनें नरेंद्र मोदी को कभी 'चायवाला' नहीं कहा। अपने बुक के जरिए 2014 के आम चुनावों से पहले अपनी टिप्पणियों से उपजे विवाद का भी जिक्र अपनी किताब ‘ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स’ में किया है। उन्होंने बुक में कहा है कि 2014 में बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को आम चुनावों में स्पष्ट विजेता के रूप में जनता के सामने दिखाया जा रहा था। मैं इस बात से बहुत डरा था कि जिस व्यक्ति की छवि गुजरात में 2002 में मुसलमानों के नरसंहार के कारण दागदार है, वह महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के भारत का नेतृत्व करने की आकांक्षा रख सकता है। अय्यर ने अपने कमेंट को लेकर भी बातें कही है। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि ‘भारत के लोग यह कभी स्वीकार नहीं करेंगे।’ फिर मैंने मजाक में कहा था कि अगर चुनाव हारने के बाद भी मोदी चाय परोसना चाहते हैं, तो हम उनके लिए कुछ व्यवस्था कर सकते हैं। अय्यर ने बुक में लिखा कि तब से लेकर अब तक यह कहा जा रहा है कि मैंने कहा था कि मोदी इसलिए प्रधानमंत्री नहीं बन सकते क्योंकि वह 'चायवाले' थे। मैंने कभी मोदी को 'चायवाला' नहीं कहा और न ही कभी यह कहा कि चायवाला होने की वजह से वह कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। वो आगे लिखते है कि नरेंद्र मोदी ने ही खुद को 'चायवाला' कहा था।
‘ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स’ में इन मुद्दों के अलावा भी कई बातों का जिक्र है। बुक के जरिए कांग्रेस की अंदर की बातों को बताया गया है। अय्यर ने राजनीति में अपने शुरुआती दिनों, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के शासनकाल, यूपीए-1 में मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल, राज्यसभा में अपने कार्यकाल और फिर अपनी स्थिति में 'गिरावट। परिदृश्य से बाहर होने। पतन' का जिक्र किया है। दूसरी तरफ उन्होनें PTI को दिए इंटरव्यू में अपने और गांधी परिवार के रिश्तों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनका करियर गांधी परिवार ने बनाया और बर्बाद किया है। उन्होंने कहा कि 10 सालों में उनकी मुलाकात कभी भी सोनिया गांधी या राहुल गांधी से अकेले में नहीं हो पाई। इस खुलासे ने कांग्रेस पार्टी के अंदर और बाहर दोनों ही जगह सवाल खड़े कर दिए है।