मणिपुर लगातार झुलस रहा! बीजेपी कांग्रेस-दफ्तर में लूट, फायरिंग में 1 की मौत NPP ने समर्थन लिया वापस
मणिपुर में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। रविवार को फिर से हालात बेकाबू हो गए। जहां सुरक्षाबलों की फायरिंग में एक शख्स की मौत हो गई। वही एक अन्य शख्स घायल हो गया। उग्र भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षाबलों से हुई फायरिंग में यह घटना घटी। गृहमंत्री अमित शाह ने बिगड़ते हालात पर महाराष्ट्र के राजनीतिक दौरे को रद्द कर दिया है। वह आज दिल्ली में पूर्वोत्तर राज्य में हालात को काबू करने के लिए कई अधिकारियों संग बैठक करेंगे। उग्र भीड़ ने कांग्रेस और बीजेपी दफ्तर में लूटपाट की और कई चीजों को जला डाला।
उग्र भीड़ नियंत्रित करने में सुरक्षा बलों की फायरिंग में एक शख्स की मौत
मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को जिरीबाम में एक शख्स की मौत हो गई। वहीं एक अन्य शख्स घायल है। खबरों के मुताबिक उग्र भीड़ और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने फायरिंग की जिसमें 20 वर्षीय अथौबा नाम के लड़के की मौत हो गई। घटना करीब 11 की बताई जा रही है।
मणिपुर में बीजेपी-कांग्रेस दफ्तर में लूट
रविवार को उग्र भीड़ ने जिरीबाम जिले के बाबूपुरा स्थित भाजपा और कांग्रेस के दफ्तरों में लूटपाट की है। दोनों पार्टी के दफ्तरों से सामानों को निकाल कर जला दिया गया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों ने गोलीबारी की। जहां एक शख्स की मौत हो गई।
हिंसाग्रत इलाकों में सुरक्षाबलों ने 107 चेक पोस्ट स्थापित किए
सुरक्षा बलों ने इलाके में मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। 107 नाके और चेकपोस्ट स्थापित किए हैं। इनमें पहाड़ी और घाटी दोनों इलाके शामिल हैं । हालांकि अभी तक चेक पोस्ट पर किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार के उल्लंघन करते हुए नहीं पाया गया है। सुरक्षा बलों की तैनाती का असर दिखाई दे रहा है। संवेदनशील इलाकों और रास्तों पर सुरक्षा बलों की पैनी नजर है।
मणिपुर के हालातो पर बैठक करेंगे अमित शाह
मणिपुर के हालातो पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। अमित शाह महाराष्ट्र के कई राजनीतिक कार्यक्रमों को रद्द करते हुए दिल्ली पहुंचे हैं। सभी अधिकारियों को पूर्वोत्तर राज्य में हो रहे हिंसा पर काबू करने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश देंगे।
NPP ने अपना समर्थन वापस लिया
बता दें कि नेशनल पीपुल्स पार्टी ने रविवार को सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। दरअसल, समर्थन वापस लेने की बड़ी वजह है कि यहां की सरकार पूर्वोत्तर राज्य में संकट का समाधान करने में पूरी तरीके से नाकाम रही है। हालांकि समर्थन वापसी से सरकार के स्थायित्व पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि भाजपा के पास अपने 32 विधायकों के साथ सदन में पूर्ण बहुमत है।