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Bangladesh के मुद्दे पर Mayawati ने दिया Modi का साथ, किया बड़ा ऐलान

बांग्लादेश की सत्ता संभाल रहीं प्रधानमंत्री शेख हसीना को जान बचाकर भारत भागना पड़ा। और सेना ने पूरे बांग्लादेश को अपनी मुट्ठी में ले लिया।पड़ोसी मुल्क होने की वजह से बांग्लादेश के बिगड़ते हालात भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। यही वजह है कि मोदी सरकार ने 6 अगस्त को ही सर्वदलीय बैठक बुलाई। जिसमें तमाम विपक्षी दलों के नेता भी मौजूद रहे।तो वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी इस मामले में मोदी सरकार के साथ खड़े होने का ऐलान कर दिया।
Bangladesh के मुद्दे पर Mayawati ने दिया Modi का साथ, किया बड़ा ऐलान
Mayawati : आरक्षण की आग किस तरह से एक अच्छे खासे देश को तबाह कर देती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश ।जो एक वक्त मजबूत अर्थव्यवस्था का बेहतरीन उदाहरण था। लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों को दिये जाने वाले तीस फीसदी आरक्षण के विरोध में उठी आग ने देखते ही देखते पूरे बांग्लादेश को तबाह कर दिया।हालात ये हो गये कि बांग्लादेश की सत्ता संभाल रहीं प्रधानमंत्री शेख हसीना को जान बचाकर भारत भागना पड़ा। और सेना ने पूरे बांग्लादेश को अपनी मुट्ठी में ले लिया। पड़ोसी मुल्क होने की वजह से बांग्लादेश के बिगड़ते हालात भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। यही वजह है कि मोदी सरकार ने 6 अगस्त को ही सर्वदलीय बैठक बुलाई। जिसमें तमाम विपक्षी दलों के नेता भी मौजूद रहे। तो वहीं बीएसपी सुप्रीमो Mayawati ने भी इस मामले में मोदी सरकार के साथ खड़े होने का ऐलान कर दिया।

दरअसल बांग्लादेश में मचे बवाल के बीच मोदी सरकार ने मंगलवार को सुबह सुबह ही सर्वदलीय बैठक बुला ली। जिसमें कांग्रेस। आरजेडी। सपा। शिवसेना यूबीटी जैसी तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए। और सरकार के सामने अपनी चिंता जाहिर की। तो वहीं दूसरी तरफ सत्ता पक्ष की ओर से गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह। के साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। जिन्होंने सरकार की ओर से विपक्ष को बांग्लादेश के हालात को लेकर जानकारी दी। तो वहीं इस बीच बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी इस मामले में मोदी सरकार का साथ देने का ऐलान किया है।उन्होंने एक पोस्ट में बताया।

"पड़ोसी देश बांग्लादेश के तेजी से बदलते हुए राजनीतिक हालात के मद्देनजर आज की सर्वदलीय बैठक अति महत्वपूर्ण थी जिसमें सभी दलों द्वारा सरकार के फैसलों के साथ रहने का निर्णय उचित और जरूरी, बीएसपी भी इस मामले में केन्द्र सरकार के फैसलों के साथ "

बात जब भी देश की आती है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती इसी तरह से राजनीति को किनारे रख कर मोदी सरकार का समर्थन करती हैं। जिस तरह से उन्होंने बांग्लादेश मामले पर मोदी सरकार के फैसले के साथ खड़ी नजर आईं। उसी तरह से साल 2023 में भी मोदी सरकार का साथ दिया था। जब नई संसद के उद्घाटन समारोह का पूरे विपक्ष ने सिर्फ इसलिये बायकॉट कर दिया था।  क्योंकि इसका उद्घाटन पीएम मोदी को करना था।  उस वक्त बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार का साथ देते हुए कहा था 

"केंद्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश और जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है, 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित है, सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है, इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित है, यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था"

मायावती का ये बयान बता रहा है कि देश के मुद्दे पर वो हमेशा से ही राजनीति से उठ कर सरकार का साथ देती रही हैं।  इस बार भी बात जब बांग्लादेश में बवाल का मुद्दा आया तो मायावती ने सरकार का साथ दिया। और सार्वजनिक रूप से ये ऐलान किया कि  बीएसपी भी इस मामले में केन्द्र सरकार के फैसलों के साथ है। 

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