One Nation One Election : मोदी सरकार करने जा रही बड़ा खेला ! "वन नेशन वन इलेक्शन" बिल जल्द होगा पास ! जानें सरकार का पूरा प्लान !
केंद्र की मोदी सरकार "वन नेशन वन इलेक्शन" पर बड़ी तेजी से काम कर रही है। बता दें कि आने वाले बजट सत्र या आम सत्र में यह बिल पास हो सकता है।
बीते कई सालों से चल रहे मंथन के बाद अब समय आ गया है। कि ! "वन नेशन वन इलेक्शन" बिल जल्द ही पास हो जाएगा। मोदी सरकार बड़ी तेजी से इस बिल पर काम कर रही है। देश भर में एक साथ चुनाव कराने को लेकर मोदी सरकार तीन विधेयक लाने की तैयारी में है। जिनमें 2 बिल संविधान संशोधन से संबधित होंगे। इनमें संविधान संशोधन में एक विधेयक स्थानीय निकाय चुनाव,लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने को लेकर है। जिसको पास कराने के लिए देश के करीब 50 प्रतिशत राज्यों के समर्थन की जरूरत है। हाल ही में "एक देश,एक चुनाव" योजना को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने इसी महीने में देशव्यापी सहमति बनाने की कवायद शुरू कर दी है। सरकार ने उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकारते हुए कहा कि आने वाले समय में लोकसभा,विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों को एक साथ कराएं जा सकते हैं।
अनुच्छेद 82ए में संशोधन करेगी सरकार
बता दें कि सूत्रों ने उच्च स्तरीय समिति का हवाला देते हुए कहा है कि प्रस्तावित विधेयक में "नियत तिथि" से संबंधित उप-खंड 1 को जोड़कर अनुच्छेद 82 में संशोधन के प्रयास में है। इस अनुच्छेद में लोकसभा, विधानसभा चुनाव को एक साथ समाप्त करने से संबंधित अनुच्छेद 82ए में उप-खंड 2 शामिल किया जाएगा। अनुच्छेद 83(2) में संशोधन करने और इसे भंग किए जाने से संबंधित नए उप-खंड (3) और (4) को शामिल करने का प्रस्ताव है। इसमें विधानसभाओं को भंग करने और "एक साथ चुनाव" शब्द को शामिल करने के लिए अनुच्छेद 327 में भी बदलाव का प्रावधान है।
सिफारिश में इस विधेयक को लेकर कहा गया है कि इस विधेयक को कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता नहीं होगी। बल्कि दूसरे प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयक को कम से कम 50 प्रतिशत राज्य विधानसभा द्वारा अनुसमर्थन की जरूरत होगी। यह राज्य के मामलों से संबंधित विषयों से निपटेगा। वहीं स्थानीय निकायों के चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोगों के परामर्श से निर्वाचन आयोग द्वारा सूची तैयार करने से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों को संशोधन करने का प्रस्ताव जारी करेगा। जानकारी के लिए बता दें कि ईसी और एसईसी अलग-अलग निकाय हैं। ईसी राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति लोकसभा,राज्यसभा, राज्य विधानसभा विधानसभापरिषदों के लिए चुनाव कराता है, जबकि एसईसी के पास नगर पालिकाओं और पंचायतों जैसे स्थानीय निकायों के लिए चुनाव कराने का अधिकार प्राप्त है।
संविधान संशोधन में नया अनुच्छेद 324ए जोड़ा जाएगा
प्रस्तावित दूसरा संशोधन विधेयक एक नया अनुच्छेद जोड़कर बनाया जाएगा। इस नए अनुच्छेद में 324ए जोड़कर लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के साथ नगर पालिका और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने को लेकर है। तीसरा विधेयक केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली,पुंडुचेरी और जम्मू- कश्मीर से संबंधित कानूनों के प्रावधानों में संशोधन करने वाला एक सामान्य विधेयक होगा। ताकि इन सदनों के कार्यकाल विधानसभाओं और लोकसभा के साथ किया जा सके। पहले संविधान संशोधन में जिन कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव है। उनमें राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम-1991, केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम-1963 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम,2019 शामिल हैं। प्रस्तावित विधेयक एक सामान्य कानून होगा। जिसमें बदलाव की कोई जरूरत नहीं होगी। जिनमें राज्यों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता नहीं होगी। संशोधन और प्रविष्टियों की कुल संख्या 18 है। बता दें कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले मार्च में सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में समिति ने "एक देश एक चुनाव" को दो चरणों में लागू करने की सिफारिश की थी। जहां पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की बात कही गई थी। वहीं दूसरे चरण में 100 दिन के भीतर नगर निकाय और पंचायत चुनाव के साथ बाकी चुनाव भी कराने की बात कही गई थी।
सरकार "वन नेशन वन इलेक्शन" पर बड़े ही जोरदार तरीके से काम कर रही है। उम्मीद है कि यह बिल आने वाले बजट सत्र या आम सत्र में पास हो सकता है।