चाय पर मोदी-राहुल की मुलाकात ने बढ़ा दिया सियासी पारा, गजब खेल गए मोदी!
राहुल गांधी और प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक अदावत कुछ इस प्रकार की है कि राहुल गांधी को मोदी को घेरने के चक्कर में सजा हो चुकी है, सांसदी जा चुकी है, घर भी खाली करवाया जा चुका है। लोकसभा में राहुल और मोदी की तीखी बयानबाजी से तो सब वाकिफ है। राहुल ने तीसरी बार मोदी को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई तक नहीं दी थी। 99 सीट जीतने के बाद राहुल का जो घमंड था, वो सातवें आसमान पर था, लेकिन अब लगता है वो धीरे धीरे नीचे आ रहा है क्योंकि जब लोकसभा के बजट सत्र को अनिश्चितकालीन तक के लिए स्थगित कर दिया गया तब लोकसभा स्पीकर ने सभी सासंदों को चाय की पार्टी पर बुलाया और इस चाय की पार्टी पर मोदी राहुल का भी आमना-सामना हुआ, राहुल-राजनाथ का भी आमना-सामना हुआ और जिस अंदाज में हुआ वो वाकैइ में एक लोकतांत्रिक देश की राजनीति के लिए खुबसुरत तस्वीर है। ये जो तस्वीर आप देख रहे है इसमें मोदी और ओं बिड़ला एक साथ बैठे है, एक तरफ राजनाथ सिंह और अमित शाह बैठे है, दुसरी तरफ राहुल गांधी और किरन रिजिजू बैठे है।
जानकारी के मुताबिक, PM मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक-दूसरे का अभिवादन 'नमस्ते' कहकर दिया। इसके बाद दोनों ही कैमरे की तरफ देख कर हंस पड़े जानकारी ऐसी है कि इस अनौपचारिक बैठक के दौरान राहुल और मोदी ने अलग से मुलाकात भी की दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई और बातचित स्वस्थ रही। साथ ही राहुल गांधी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की और युक्रेन के साथ गाजा में चल रहे युध्द के बारे में भी सवाल पूछे जिसपर राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत इस पर अपनी नजर बनाए हुए है हालांकि पिछले ही दिन सत्र के स्थगित होने से पहले अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी को बांग्लादेश के मुद्दे पर घेरा था और कहा था कि राहुल गांधी ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री को बधाई तो दी लेकिन वहां हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बारे मे बात नहीं की।
बड़े तीखे लहजे में ये बात हुई थी, उससे पहले अगर आपको याद हो तो हिंदू हिंसक है वाले बयान पर मोदी ने राहुल को टोका था, जो पहले कभी नहीं हुआ, मोदी कभी किसी को बीच भाषण में टोकते नहीं है। इस बार के लोकसभा सत्र में मोदी-राहुल, राहुल-शाह, राहुल-शिवराज, राहुल-अनुराग ठाकुर के बीच तीखी नोकझोक देखने को मिली लेकिन उसके बाद ऐसी मुलाकत अपने आप में कई सवाल खड़े करती है, क्योंकि शायद ही स्पीकर की तरफ से ऐसी पहल पहले कभी देखने को मिली हो। अब मुलाकात सियासी लोगों के बीच हुई है तो सियासी मायने भी इसके निकाले जाने लगे है। कांग्रेस समर्थित लोगों का कहना है कि मोदी डर गए और डर के कारण ये चाय पर चर्चा की गई है लेकिन मोदी के पास डरने का कोई कारण बचा नहीं है क्योंकि राहुल का आरक्षण वाला पटाका तो फूट चुका है और कोई मुद्दा कांग्रेस के पास बचा नहीं है तो आखिर इस मुलाकात के पीछे की कहानी क्या है वो अभी तो समझ नहीं आएगी लेकिन आगे जो घटनाक्रम घटेंगे उससे जरुर साफ हो जाएगा कि मुलाकात के मायने क्या है।