Abhinav Arora पर भड़क गये Modi के गुरु Rambhadracharya, सुनिये क्यों लगाई फटकार ?
दरअसल, जिस उम्र में बच्चे खेलते, कूदते हैं और स्कूल जाते हैं, उस उम्र में बाल संत बन गये अभिनव अरोड़ा कुछ ही दिनों पहले अपने माता-पिता के साथ राम भद्राचार्य के दरबार गये थे, जहां सीधे उनके आसन के पास जाकर कथित तौर पर रील बनवाने लगे। और जैसे ही इस बात का अहसास राम भद्राचार्य को हुआ, उन्होंने तुरंत अपने सेवकों को आदेश दे दिया कि इसे नीचे ले जाओ।
स्वामी राम भद्राचार्य नजरों से भले ही न देख पाते हों, लेकिन उन्होंने मान की आंखों से ही भांप लिया कि अभिनव अरोड़ा मंच पर रील बना रहा है। इसीलिए उन्होंने तुरंत उसे मंच से हटाने के लिए बोल दिया। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर अभिनव अरोड़ा की खूब फजीहत हो रही है।
इंद्रजीत नाम के सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, "हमारे गुड़ुजी रील बनाने के चक्कर में जन्म से श्रेष्ठ गुरु भद्राचार्य के पास जाने लगे, नंबर बनाने के लिए नारे भी लगाए, भद्राचार्य ने कहा नीचे भेजो इसे, धंधा जमाने के लिए बहुत मेहनत कर रहा है अभिनव अरोड़ा।"
अनिका पांडेय नाम की एक यूजर ने लिखा, "राम भद्राचार्य महाराज ने अभिनव अरोड़ा और उसके माता-पिता को मंच से भगा दिया, महाराज जी ने अभिनव और उसके माता-पिता के कपटी चरित्र को अपने अंतर्मन से पहचान लिया। जब यह रील बनाने लगा, तो महाराज जी ने इन सबको मंच से भगा दिया।"
अनुराग शुक्ला नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, "अभिनव अरोड़ा के पिता जी ने इशारा किया और भविष्य का बाबा रील बनाने लगा, लेकिन बड़े वाले बाबा समझ गए कि ये सब रील का चक्कर है, फिर बड़े बाबा ने छोटे बाबा को मंच से उतार दिया, प्रभु की लीला भी धन्य है।"
जैसे ही राम भद्राचार्य ने फटकार लगाकर मंच से उतारा, सोशल मीडिया पर अभिनव अरोड़ा की कुछ इसी तरह से फजीहत हो रही है। वहीं जब मामला बढ़ने लगा, तो इस घटना का जिक्र करते हुए राम भद्राचार्य ने अभिनव अरोड़ा को मूर्ख बता दिया।
अभिनव अरोड़ा को फटकार लगाने वाले स्वामी रामभद्राचार्य के बारे में आपको बता दें, जब वो महज दो महीने के थे, तभी उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। लेकिन इसके बावजूद, अध्यात्म की ताकत से राम भद्राचार्य 22 भाषाओं के जानकार हैं और चार महाकाव्यों की रचना कर चुके हैं। इतना ही नहीं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो स्वामी रामभद्राचार्य को अपना गुरु भी मानते हैं, और चित्रकूट जाकर उनके आश्रम में दर्शन भी कर चुके हैं। ऐसे दिव्य स्वामी रामभद्राचार्य जब बाल संत अभिनव अरोड़ा की आलोचना कर रहे हों, उन्हें अपने मंच से भगा रहे हों, मूर्ख तक कह रहे हों, तो आप समझ सकते हैं कि महज दस साल के बच्चे के जरिये कैसे लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अब तो लोग यहां तक आरोप लगाने लगे हैं कि अभिनव अरोड़ा का परिवार उसका इस्तेमाल कर रहा है।