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कंगाल Pakistan को Modi का खुला ऑफर, मान ली बात तो दुनिया के सामने नहीं फैलाना होगा हाथ !

पाकिस्तान के लिए भी अटल जी ने हमदर्दी दिखाते हुए कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते लेकिन ये बात आतंक की खेती करने वाला पाकिस्तान नहीं समझ पाया और नौबत यहां तक आ गई कि बेचारे पाकिस्तान को IMF के सामने कटोरा लेकर भीख मांगना पड़ रहा है, लेकिन इसी बीच भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को एक बड़ा ऑफर दिया है !
कंगाल Pakistan को Modi का खुला ऑफर, मान ली बात तो दुनिया के सामने नहीं फैलाना होगा हाथ !
कभी देश के पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के महान नेता रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था। हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते। ये बात अटल बिहारी वाजपेयी ने उस Pakistan के लिए कही थी। जिसका मकसद ही भारत में आतंकवाद फैलाना और कश्मीर के नाम पर पूरी दुनिया में बदनाम करना है। ऐसे पाकिस्तान के लिए भी अटल जी ने हमदर्दी दिखाते हुए कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते लेकिन ये बात आतंक की खेती करने वाला पाकिस्तान नहीं समझ पाया। और उसने शांति के रास्ते पर चलने की बजाए आतंक का रास्ता चुना। जिसने पूरे पाकिस्तान को तबाह कर दिया। नौबत यहां तक आ गई कि बेचारे पाकिस्तान को IMF के सामने कटोरा लेकर भीख मांगना पड़ रहा है।


बात चाहे भारत की हो। या फिर पाकिस्तान की। दोनों ही देश। आजाद एक साथ हुए। लेकिन इसके बावजूद भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन आसमान का फर्क है।एक तरफ जहां भारत अस्सी करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन दे रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान दाने दाने को मोहताज हो गया है। और अपनी इस हालात के लिए पाकिस्तान कहीं ना कहीं खुद जिम्मेदार है। जिसने विकास से ज्यादा भारत में आतंकी वारदात को अंजाम देने में वक्त जाया किया।और आज नौबत ये आ गई। भारत जैसा मजबूत पड़ोसी देश होने के बावजूद पाकिस्तान को IMF के सामने कटोरा लेकर भीख मांगना पड़ रहा है।लेकिन इसके बावजूद लगता है बात अभी ज्यादा नहीं बिगड़ी है। इसीलिये मोदी सरकार अभी भी भारत की मदद करने के लिए हाथ बढ़ाना चाहता है। लेकिन शर्त बस एक है कि उसे आतंकवाद का रास्ता छोड़ना होगा। यही वजह है कि मोदी सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद कश्मीर में ये बयान दिया कि। मेरे पाकिस्तानी दोस्तों, हमारे बीच तनावपूर्ण संबंध क्यों हैं, हम पड़ोसी हैं, अगर हमारे बीच अच्छे संबंध होते, तो हम आईएमएफ से अधिक धन देते।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये बड़ा ऐलान कश्मीर की धरती से किया है। जहां से पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की दूरी महज दो सौ किलोमीटर है।यानि इस्लामाबाद में बैठे पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ को कान खोल कर सुन लेना चाहिए कि उनकी सेना भारत में भले ही आतंकी वारदात को अंजाम देने की फितरत रखती हो। लेकिन भारत आज भी पाकिस्तान की आवाम की मदद के बारे में सोचता है। यही वजह है कि खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये ऐलान किया कि अगर हमारे बीच अच्छे संबंध होते, तो हम आईएमएफ से अधिक धन देते। तो वहीं इस ऑफर के बावजूद अगर पाकिस्तान नहीं सुधरा तो राजनाथ सिंह ने उसका इलाज भी इसी कश्मीर की रैली में बता दिया। 

पाकिस्तान को आतंकवाद की खेती बंद करने की नसीहत देने के साथ ही ये बात भी अच्छी तरह से समझा दी कि। भारत सरकार ने कई बार पाकिस्तान के साथ रिश्ते अच्छे करने की कोशिश की। लेकिन कुत्ते की दुम बन चुका पाकिस्तान जैसे सीधे होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जब जब भारत ने दोस्ती के लिए हाथ बढ़ाया। पाकिस्तान ने धोखा ही दिया है।

ये पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की आवाम के लिए बदनसीबी ही है कि उसके पड़ोस में हिंदुस्तान जैसा ताकतवर देश है। जो वक्त आने पर किसी भी तरह से मदद करने की क्षमता रखता है।और कई देशों की मदद भी की है। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान भारत से ही मदद नहीं मांग सकता। क्योंकि भारत ने जब भी दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।पाकिस्तान ने भारत की पीठ में छुरा भोंकने का काम ही किया है। ऐसे में किस मुंह से भारत से वो मदद मांगेगा। लेकिन फिर भी भारत ने उसे मदद करने का ऑफर दिया है।बस शर्त यही है कि उसे आतंकवाद का रास्ता छोड़ना होगा। 

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