मुस्लिम महिलाओं और शिया धर्मगुरु ने किया ‘वक्फ संशोधन बिल’ का समर्थन
सोमवार की बैठक में विधेयक पर सुझाव देने के लिए पहली बार मुस्लिम महिला संगठन के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। डॉ. शालिनी अली के नेतृत्व में मुस्लिम महिला बौद्धिक समूह की प्रतिनिधियों ने वक्फ बोर्ड की वर्तमान व्यवस्था और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए केंद्र सरकार द्वारा पेश संशोधनों का जोरदार समर्थन किया।
नई दिल्ली, 4 नवंबर । वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर विचार-विमर्श करने के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक लगातार जारी है। जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में जेपीसी ने सोमवार को मुस्लिम महिलाओं, शिया धर्मगुरु और अन्य मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों से उनके सुझाव लिए। वहीं, नाराज विपक्षी सांसदों ने तय किया है कि मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर वे जगदंबिका पाल की शिकायत करेंगे।
सोमवार की बैठक में विधेयक पर सुझाव देने के लिए पहली बार मुस्लिम महिला संगठन के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। डॉ. शालिनी अली के नेतृत्व में मुस्लिम महिला बौद्धिक समूह की प्रतिनिधियों ने वक्फ बोर्ड की वर्तमान व्यवस्था और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए केंद्र सरकार द्वारा पेश संशोधनों का जोरदार समर्थन किया।
मुस्लिम महिलाओं ने इस बात पर जोर दिया कि वक्फ बोर्ड से यह पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने जनकल्याण के लिए खासतौर से अनाथों, विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और विधवा पुनर्विवाह की इच्छा रखने वाली महिलाओं की मदद के लिए क्या-क्या किया है।
उलमा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं शिया मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कोकब मुजतबा ने 1954 से ही वक्फ संपत्तियों की लूट जारी रहने का आरोप लगाते हुए मांग की कि सरकार को वक्फ संपत्तियों को बर्बाद करने वाले और लूटने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी से कड़ी सजा दिलवानी चाहिए।
उन्होंने वक्फ बोर्ड में बड़े पैमाने पर जारी गड़बड़ियों की बात कहते हुए सरकार से जल्द से जल्द वक्फ संशोधन विधेयक को पारित करने की भी मांग की। शिया मुस्लिम धर्मगुरु ने इसके साथ ही यह भी कहा कि पूरे देश में अभी सिर्फ दो ही राज्यों में शिया वक्फ बोर्ड है। इन दो राज्यों के शिया वक्फ बोर्ड को खत्म करके पूरे भारत के लिए एक ही शिया वक्फ परिषद या शिया वक्फ बोर्ड बना दिया जाए ताकि किसी भी राज्य में किसी भी शिया को परेशानी न हो।
विश्व शांति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष फैज अहमद फैज ने मोटे तौर पर संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए बिल में कलेक्टर को दी गई शक्तियों पर ऐतराज जताया। उन्होंने प्रस्तावित संशोधन विधेयक में महिलाओं और गैर मुस्लिमों को शामिल करने के विपक्षी दलों के ऐतराज को भी गलत करार दे दिया।
हालांकि, जमात-ए-इस्लाम-ए-हिंद-दिल्ली ने वक्फ को मुस्लिम आस्था का विषय बताते हुए बिल का कड़ा विरोध किया।
विपक्षी दलों ने एक बार फिर से जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर जगदंबिका पाल पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर चेयरमैन की मनमानी जारी रही, एकपक्षीय फैसला हुआ और उन्हें अपनी बात रखने का उचित मौका नहीं दिया गया तो वे जेपीसी से ही अपना नाम वापस ले लेंगे।
विपक्षी सांसदों ने अपने पत्र में लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात का समय भी मांगा था। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों के पत्र का संज्ञान लेते हुए उन्हें मंगलवार को मुलाकात का समय दे दिया है। मंगलवार को दोपहर 1:30 बजे के लगभग विपक्षी सांसद लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर सकते हैं।
जेपीसी की बैठक मंगलवार को भी जारी रहेगी। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद और अन्वेषक के अलावा दाऊदी-वोहरा समाज सहित मुस्लिम समाज से जुड़े अन्य कई संगठनों के प्रतिनिधि मंगलवार को जेपीसी की बैठक में वक्फ संशोधन कानून को लेकर अपनी-अपनी बात रखेंगे।
Input: IANS