वक्फ बिल पर झूठा प्रचार करते दिखे मुसलमान, अब होगी तगड़ी कार्रवाई?
एक वीडियो झारखंड से गोड्डा सांसद और बीजेपी के फायरब्रांड नेता निशिकांत दूबे ने अपने X हैंडल पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "वक़्फ़ संशोधन विधेयक संसद की संयुक्त समिति के पास विचाराधीन है। मैं खुद इसका सदस्य हूँ। यह वीडियो देखकर मन विचलित है। पूरे बिल को कम से कम 100 बार पढ़ चुका हूँ। इस बिल की कौन सी धारा में मस्जिद, कब्रिस्तान, दरगाह, मदरसा पर सरकार कब्ज़ा करने का कानून ला रही है? झूठ की बुनियाद, वोट बैंक की राजनीति और मोदी विरोध की अंधी राजनीति ने देश के एक वर्ग विशेष के मन में लगातार नफ़रत पैदा करने की कोशिश की है। काश वक्फ जिसकी बुनियाद पैगंबर मोहम्मद साहब ने गरीबों के लिए रखी, वक्फ की पहली समिति गैर-मुस्लिम ने बनाई, उनके आदेश पर मुस्लिम समाज गरीब मुसलमानों के हित में सोचकर समिति को बताता।"
जैसे ही वीडियो अपलोड किया गया, बवाल मच गया। लोग वीडियो को देखकर तरह-तरह के कमेंट करने लगे, ये कुछ कमेंट्स
- जब सरकार को डराने के लिए अपने मंदबुद्धि ज़ोम्बीज़ को शक्तिप्रदर्शन के लिए सड़कों पर भेजना हो, तो उनके लिए यह स्टैण्डर्ड तरीका है और इसके लिए यही स्टैण्डर्ड भाषा इस्तेमाल की जाती है।
- इस तरह के दुष्प्रचार पर सरकार कार्रवाई क्यों नहीं करती? आखिरकार यह समाज में अस्थिरता पैदा करने वाला माहौल तो बनाया जा रहा है। तो क्यों नहीं ऐसे लोगों पर FIR की जाती और जेल में डाला जाता?
- ये लोग विपक्षी पार्टी के समर्थन में मुसलमानों के दिलों में भाजपा के प्रति नफ़रत का ज़हर घोल रहे हैं, जबकि सच्चाई कुछ और ही है।
- सरकार को अतिशीघ्र संज्ञान में लेना चाहिए, नहीं तो इनकी जहालत देश में फिर अराजकता पैदा कर देगी।
- सर, इन जैसे जाहिल लोगों पर कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जाती? ये लोग जब दंगा फैला देंगे तब सरकार जागेगी।
- आजकल झूठे मनगढ़ंत प्रोपगंडा की रचनायिता ही काबिल माने जाते हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ऐसी नौटंकियां कब तक चलती रहेंगी?
कुछ लोगों को यह वीडियो और ये लोग शायद सही लग रहे होंगे। इसलिए अब मैं आपको वक्फ के संबंध में कुछ अहम बातें बताउंगी, ताकि आप जान सकें कि क्या सच में वक्फ बोर्ड में संशोधन की जरूरत नहीं है और क्या इसकी शक्तियों पर लगाम लगाने की आवश्यकता नहीं है।
वक्फ बोर्ड को लेकर अहम बातें
- भारत में रेलवे और सेना के बाद देश में सबसे ज्यादा ज़मीन वक्फ बोर्ड के पास है।
- अल्पसंख्यक मंत्रालय के अनुसार, वक्फ के पास 8 लाख 65 हजार 646 संपत्तियाँ हैं।
- कुल संपत्ति में से 80 हजार संपत्तियाँ केवल बंगाल में हैं।
वक्फ बोर्ड की ताकत
इस बोर्ड में शामिल कोई भी अधिकारी किसी व्यक्ति को कह देता है कि यह संपत्ति वक्फ की है, तो उस व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि वह संपत्ति उसकी है, न कि बोर्ड की। तमिलनाडू में वक्फ बोर्ड ने राम गोपाल नामक एक व्यक्ति की ज़मीन समेत पूरे गांव की संपत्ति पर अपना दावा ठोक दिया, जिसमें 1500 साल पुराना मंदिर भी था। इसके अलावा, अकेले त्रिचि जिले में 6 गांवों की ज़मीन पर वक्फ ने कब्जा कर लिया। वक्फ एक्ट 1995 का सेक्शन 3 कहता है कि अगर वक्फ सिर्फ सोच ले कि ज़मीन किसी मुसलमान से संबंधित है, तो वह उस पर अपना हक जताएगा। बटवारे के समय पाकिस्तान और बंगलादेश से जो मुसलमान पलायन कर के आए, उनके संपत्तियों को मुसलमानों ने आपस में बांट लिया। लेकिन भारत से पलायन कर के पाकिस्तान जाने वाले मुसलमानों की संपत्तियां वक्फ के पास चली गईं।
इतना ही नहीं, कुछ दिनों पहले पटना से 30 किमी दूर फतुहा में एक गांव जिसका नाम गोविंदपुर है, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने गांव की ज़मीन को अपना बता दिया और ग्रामीणों को नोटिस भेजकर गांव खाली करने को कहा है। वक्फ बोर्ड का कहना है कि यह ज़मीन कब्रिस्तान की है।