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नितिन गडकरी ने सड़क और पुलों का डीपीआर बनाने वाली कंपनियों पर कसा तंज

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार “सड़क और पुल निर्माण के क्षेत्र में उभरती नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों’’ का उद्घाटन करते हुए शनिवार को गडकरी ने कहा कि डीपीआर बनाने वाले तो इतने महान लोग हैं कि इन्हें पद्म भूषण और पद्म श्री मिलना चाहिए क्योंकि इंजीनियरिंग के लिहाज से जितने गंदे काम हो सकते है वे करते हैं। घर में बैठकर ही गूगल प्लान तैयार कर लेते हैं। दो पैसे भले ही ज्यादा लो मगर परफेक्ट काम करो।
नितिन गडकरी ने सड़क और पुलों का डीपीआर बनाने वाली कंपनियों पर कसा तंज

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क और पुलों का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने वाली कई कंपनियां पर तंज कसा और कहा कि कई लोग तो घर पर बैठकर ही गूगल से प्लान बना लेते है। 

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार “सड़क और पुल निर्माण के क्षेत्र में उभरती नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों’’ का उद्घाटन करते हुए शनिवार को गडकरी ने कहा कि डीपीआर बनाने वाले तो इतने महान लोग हैं कि इन्हें पद्म भूषण और पद्म श्री मिलना चाहिए क्योंकि इंजीनियरिंग के लिहाज से जितने गंदे काम हो सकते है वे करते हैं। घर में बैठकर ही गूगल प्लान तैयार कर लेते हैं। दो पैसे भले ही ज्यादा लो मगर परफेक्ट काम करो।

उन्होंने सड़क और पुल निर्माण के कार्य से जुड़े इंजीनियर्स को लेकर सवाल किया और कहा कि ये लोग परियोजना पर हस्ताक्षर करने से पहले साइट पर जाते है क्या? वे देखते है कि कहां मंदिर और मस्जिद आ रही है। पूरा रोड बना देते है और मंदिर व मस्जिद सामने आने पर काम रोक देते है। फिर हमारे पास आते है कि इस रोड को कैसे आगे निकालें। इसका कारण वे गूगल पर देखकर प्लान बनाते हैं।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री गडकरी का भोपाल पहुंचने पर राज्य के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने स्वागत किया। गडकरी ने दो दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ किया।

क्या है दो दिवसीय सेमिनार का उद्देश्य?

सेमिनार का उद्देश्य प्रदेश में सड़क और पुल निर्माण की गुणवत्ता को बढ़ाने और नवीनतम तकनीकों से समयबद्ध और टिकाऊ अवसंरचना का विकास सुनिश्चित करना है। सरकारी और निजी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर अनुभवों और नवाचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। इससे प्रदेश की अवसंरचना परियोजनाओं को नई दिशा और मजबूती मिल सकेगी।

सेमिनार के दूसरे दिन 20 अक्टूबर को ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) अनुबंधों की संरचना शेड्यूलिंग, अनुबंध निष्पादन में ठेकेदारों की भूमिका और सहायक अभियंताओं की भूमिका पर विस्तृत चर्चा होगी। इसमें अनुबंधों से जुड़े विवादों और चुनौतियों के समाधान पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। समापन सत्र में विभिन्न विशेषज्ञ और प्रतिनिधि पैनल चर्चा के माध्यम से सड़क और पुल निर्माण में नई तकनीकों के उपयोग पर अपने विचार रखेंगे।

Input: IANS

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