Nitish और Naidu ने विपक्ष को बता दिया, TDP और JDU बैसाखी नहीं मोदी की ‘साथी’ हैं !
Waqf Amendment Bill पास करवाने के साथ ही पहली परीक्षा में भी मोदी सरकार पास हो गई और इसी के साथ ही नीतीश और नायडू ने विपक्ष को जवाब भी दे दिया कि उनकी पार्टी बैसाखी नहीं सरकार की साथी है !

मोदी के चेहरे पर पहली बार बीजेपी साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उतरी और 282 सीटों पर जीत के साथ पार्टी सत्ता में लौटी।इस प्रचंड बहुमत का असर ये हुआ मोदी सरकार जीएसटी, नोटबंदी जैसे कई बड़े फैसले लिये। और बेखौफ होकर पांच साल तक सरकार भी चलाई। लेकिन जब साल 2019 का लोकसभा चुनाव आया तो ये कहा गया कि सत्ता विरोधी लहर की वजह से बीजेपी इस बार चुनाव हार जाएगी। हालांकि इस बार तो बीजेपी और भी जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 303 सीटों के साथ सत्ता में लौट आई। और सत्ता में लौटते ही मोदी सरकार तीन तलाक के खिलाफ कानून लाई। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया। और अग्निपथ जैसी बड़ी योजना भी लेकर आई। लेकिन जब साल 2024 का लोकसभा चुनाव आया तो इस बार बीजेपी को जबरदस्त झटका लगा। और लगातार दो चुनावों में बहुमत के साथ सत्ता में आई बीजेपी इस बार बहुमत से ही दूर हो गई। क्योंकि देश की जनता ने बीजेपी को सिर्फ 240 सीटें दी। और सरकार बनाने के लिए पीएम मोदी को नीतीश कुमार और नायडू जैसे नेताओं का साथ लेना पड़ा। जिसके दम पर मोदी सरकार सत्ता में तो आ गई । लेकिन इसके बावजूद ये कहा जा रहा था कि मोदी सरकार JDU और TDP की बैसाखियों पर टिकी है। जिस दिन ये बैसाखी हटी। मोदी सरकार गिर जाएगी। यही वजह है कि बात जब सदन से वक्फ बिल पास कराने की आई तो विपक्ष ने सबसे पहले नीतीश की जेडीयू और नायडू की टीडीपी पर डोरे डालने की खूब कोशिश की। जिससे सदन में ही वक्फ बिल गिर जाए।
कांग्रेस ने जहां नीतीश को उनकी सेकुलर छवि को लेकर डराने की कोशिश की। तो वहीं ओवैसी ने मुसलमानों का डर दिखा कर नीतीश और नायडू से वक्फ बिल का विरोध करने की गुहार लगाई। क्योंकि उन्हें ये लग रहा था कि वक्फ बिल को मुस्लिम विरोधी बता कर नीतीश और नायडू को साध लेंगे और वक्फ बिल सदन से पास नहीं हो पाएगा। ऐसे में मोदी सरकार के लिए भी ये एक बड़ी परीक्षा की घड़ी थी। जिसमें पास होने के लिए पीएम मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह को कमान सौंपी। जिन्होंने लोकसभा से लेकर राज्य सभा तक मोर्चा संभाला और विपक्ष के एक एक आरोप का जहां मुंहतोड़ जवाब दिया। तो वहीं डंके की चोट पर दोनों सदनों से वक्फ संशोधन बिल पास करा कर इतिहास भी रच दिया।
जिस वक्त लोकसभा से वक्फ संशोधन बिल पास हुआ। उस वक्त पीएम मोदी सदन में नहीं थे। और जब राज्य सभा से ये बिल पास हुआ तो उस वक्त पीएम मोदी विदेश दौरे पर निकल गये थे। यानि पूरी जिम्मेदारी अमित शाह के कंधे पर थी। और इस जिम्मेदारी को उन्होंने पूरी ताकत के साथ निभाया भी। तभी तो जिस राज्य सभा में वक्फ बिल पास कराने के लिए 119 वोट चाहिये थे। उस राज्यसभा में मोदी सरकार ने 128 वोटों के साथ बिल पास करा लिया। क्योंकि ऐन मौके पर नवीन पटनायक की पार्टी पार्टी बीजू जनता दल ने ऐलान कर दिया कि पार्टी ने कोई व्हिप जारी नहीं किया है। सभी सांसद अपने अंतरमन की आवाज पर वोट करेंगे। जिसका असर ये हुआ खुद सस्मित पात्रा जैसे BJD के दिग्गज सांसद ने वक्फ बिल के समर्थन में वोट दिया।
साल 2024 में हुए ओडिशा विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने नवीन पटनायक की पार्टी को बुरी तरह से हराकर सत्ता हासिल की थी। लेकिन इसके बावजूद बात वक्फ संशोधन बिल की आई तो BJD ने एक विपक्षी पार्टी होने के बावजूद परोक्ष रूप से मोदी सरकार का साथ दिया। क्योंकि पीएम मोदी और नवीन पटनायक के बीच अच्छी दोस्ती मानी जाती है। और ऐसे कई मौके आए जब नवीन पटनायक की पार्टी ने सदन में मोदी सरकार का साथ दिया है। यही वजह है कि इस बार भी उनकी पार्टी बीजेडी ने परोक्ष रूप से मोदी सरकार का साथ दिया। और वक्फ संशोधन बिल 128 वोटों के साथ राज्य सभा से भी पास हो गया। इसी के साथ मोदी सरकार पहली परीक्षा में भी पास हो गई। तो वहीं नीतीश के साथ ही नायडू ने भी सबूत दे दिया कि उनकी पार्टी महज एक बैसाखी नहीं है मजबूती के साथ मोदी सरकार के साथ खड़ी है। और आगे भी इसी तरह से खड़ी रहेगी। विपक्ष भले ही उन पर डोरे डालने की कितनी ही कोशिश क्यों ना कर ले। नीतीश और नायडू मोदी सरकार को छोड़ कर जाने वाले नहीं हैं। वैसे आपको क्या लगता है। नीतीश और नायडू इसी तरह से मोदी सरकार का साथ देते रहेंगे या भविष्य में पलटी मार जाएंगे।