अमित शाह के विरोध में अब उतरी बसपा प्रमुख मायावती, कर दिया बड़ा एलान
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान पर अब विपक्षी दलों के विरोध में बसपा सुप्रीमो मायावती की एंट्री भी हो गई है। बयान का विरोध करते हुए मायावती ने अमित शाह पर ज़ोरदार हमला बोला है।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान पर अब विपक्षी दलों के विरोध में बसपा सुप्रीमो मायावती की एंट्री भी हो गई है। बयान का विरोध करते हुए मायावती ने अमित शाह पर ज़ोरदार हमला बोला है। मायावती ने शाह के बयान के विरोध को लेकर बड़ा एलान किया है। मायावती ने साफ़तौर पर अमित शाह को लेकर कहा है की उनके बयान से लोगों की भावनायें आहट हुई है, शाह को अपने बयान पर माफ़ी मांगनी चाहिए अगर शाह ऐसा नहीं करते है तो उनकी पार्टी 24 दिसंबर को देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगी।
मायावती ने शनिवार को सिलसिलेवार तरीक़े से सोशल मीडिया के एक्स पर पांच पोस्ट कर अमित शाह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने अपनी पोस्ट में लिखा "देश के दलित, वंचित व अन्य उपेक्षितों के आत्म-सम्मान व मानवीय हकूक के लिए अति-मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान के रूप में असली ग्रंथ के रचयिता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर भगवान की तरह परमपूजनीय हैं। उनका श्री अमित शाह द्वारा किया गया अनादर लोगों के दिलों को आहत पहुँचाता है। "
1. देश के दलित, वंचित व अन्य उपेक्षितों के आत्म-सम्मान व मानवीय हकूक के लिए अति-मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान के रूप में असली ग्रंथ के रचयिता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर भगवान की तरह परमपूजनीय हैं। उनका श्री अमित शाह द्वारा किया गया अनादर लोगों के दिलों को आहत पहुँचाता है।
— Mayawati (@Mayawati) December 21, 2024
शाह को मांगनी चाहिए माफ़ी
बसपा चीफ़ ने अपने अगले पोस्ट में लिखा "ऐसे महापुरुष को लेकर संसद में इनके द्वारा कहे गए शब्दों से पूरे देश में सर्वसमाज के लोग काफी उद्वेलित, आक्रोशित व आन्दोलित हैं। अम्बेडकरवादी बीएसपी ने इस क्रम में उनसे बयान वापस लेने व पश्चाताप करने की माँग की है, जिसपर अभी तक भी अमल नहीं किया जा रहा है। ऐसे में माँग न पूरी होने पर फिर पूरे देश में आवाज उठाने की बात बीएसपी द्वारा की गई। इसीलिए अब पार्टी ने अपनी इस माँग के समर्थन में 24 दिसम्बर 2024 को देशव्यापी आन्दोलन करने का फैसला लिया है। उस दिन देश के सभी जिला मुख्यालयों पर पूर्णतः शान्तिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।"
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि "दलित/बहुजनों को अपने पैरों पर खड़े होकर आत्म-सम्मान के साथ जीने के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष व आरक्षण सहित उनको अनेकों कानूनी हक दिलाने वाले उनके सच्चे मसीहा बाबा साहब के नहीं रहने पर उनके अनुयाइयों का हित व कल्याण ही उनका सबसे बड़ा सम्मान है, जिसके लिए बीएसपी समर्पित है। अतः कांग्रेस, भाजपा आदि पार्टियां अगर बाबा साहेब का दिल से आदर-सम्मान नहीं कर सकती हैं तो उनका अनादर भी न करें. बाबा साहेब के कारण एससी, एसटी एवं ओबीसी वर्गों को जिस दिन संविधान में कानूनी अधिकार मिले उसी दिन उन्हें सात जन्मों का स्वर्ग भी मिल गया है।"
बताते चले कि अमित शाह ने सदन में संविधान पर चर्चा के दौरान अपने भाषण में कहा था कि "अब ये एक फैशन हो गया है. अंबेडकर, अंबेडकर. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।" शाह के इसी बयान पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के सांसदो ने शाह को माफ़ी मांगने के लिए कहा है। ऐसे में अब बसपा चीफ़ मायावती ने भी जिस तरह से शाह को चुनौती दी है और तमाम दलों ने जैसे बीजेपी और शाह को घेरा है, उसको लेकर बीजेपी आगे क्या क़दम उठती है ये देखना दिलचस्प होगा।