मोदी के एक देश-एक चुनाव चुनाव पर अब जनरल वी के सिंह ने दी चौंकाने वाली प्रतिक्रिया
एक देश-एक चुनाव को लेकर अब पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मोदी सरकार ने सदन में एक देश-एक चुनाव को लेकर बिल पेश किया हालाँकि इसे बाद में जेपीसी में भेज दिया गया है लेकिन सरकार द्वारा इस बिल को पेश किए जाने के बाद विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का विरोध करना शुरू किया। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बयानबाज़ी भी हो रही है। बताते चले कि इस बिल को लेकर सरकार की तरफ़ से इस बात का हवाला दिया गया है कि तमाम चुनावों में होने वाले ख़र्च में कमी आएगी,जिस धन को देश के विकास में लगाया जा सकता है। इसी क्रम में पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
एक देश-एक चुनाव को लेकर जनरल वीके सिंह ने कहा कि "वन नेशन, वन इलेक्शन" के विचार पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ है और इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में इस मुद्दे पर गहन मंथन किया गया था। इस विचार पर कार्य करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम किया गया है।उन्होंने आगे कहा कि अब एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की गई है, जो इस विचार को कार्यान्वित करने की प्रक्रिया पर विचार करेगी। यह समिति यह तय करेगी कि इसे कैसे लागू किया जा सकता है और किस प्रकार से इसे प्रारंभ किया जाएगा। इस पहल से भारतीय लोकतंत्र की प्रक्रिया को और भी सशक्त किया जा सकता है।
आपको बताते चलें, 'एक देश, एक चुनाव' विधेयक पर विचार के लिए संसद ने 39 सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता की जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद पीपी चौधरी करेंगे। समिति के 39 सदस्यों में भाजपा के 16, कांग्रेस के पांच, सपा, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के दो-दो तथा शिवसेना, तेदेपा, जदयू, रालोद, लोजपा (रामविलास), जन सेना पार्टी, शिवसेना-यूबीटी, राकांपा-(सपा), माकपा, आप, बीजद और वाईएसआरसीपी के एक-एक सदस्य शामिल हैं। इससे पहले कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने निचलने सदन में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव रखा था।