अब कोई ज़मीन नहीं छिनेगी! वक्फ कानून पर पीएम मोदी का बड़ा फैसला
पीएम मोदी ने 2013 में संशोधित वक्फ अधिनियम को 'कट्टरपंथियों और भू-माफियाओं' को खुश करने वाला बताया और कहा कि नया कानून अब गरीब, पिछड़े और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेगा। उन्होंने विकास को बाधित करने वाली 'Delay' संस्कृति पर हमला किया और भारत के तेज़ी से उभरते राष्ट्र बनने की दिशा में किए गए 100 से अधिक मजबूत फैसलों की जानकारी दी।

अब वक्फ का नोटिस डराएगा नहीं, न्याय दिलाएगा' जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राइजिंग भारत समिट 2025’ के मंच से ये शब्द कहे, तो पूरे देश में एक नई बहस शुरू हो गई। खासकर मुस्लिम समुदाय के भीतर वो लोग जो सालों से वक्फ बोर्ड के नोटिस और जमीन विवादों के चलते परेशान थे, उन्हें पहली बार राहत की उम्मीद दिखी। वक्फ कानून में बदलाव कोई सामान्य बात नहीं है, ये उस डर और अन्याय की जड़ पर चोट है जिसने वर्षों से एक समुदाय को मानसिक रूप से बंधक बना रखा था।
भारत में वक्फ संपत्तियों का इतिहास काफी पुराना है। वक्फ यानी ऐसी संपत्ति जो धार्मिक या समाजसेवा के उद्देश्य से किसी मुस्लिम व्यक्ति द्वारा अल्लाह के नाम पर दान की जाती है। यह संपत्ति आमतौर पर मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसे या गरीबों की मदद के लिए होती है। लेकिन समय के साथ, इस संस्था का राजनीतिकरण और भ्रष्टाचार से संबंध बढ़ता गया। खासकर 2013 के बाद जो संशोधन वक्फ अधिनियम में किए गए, उसने आम लोगों को भयभीत करना शुरू कर दिया।
साल 2013 में क्या हुआ था?
2013 में वक्फ अधिनियम में जो बदलाव हुआ, उसने वक्फ बोर्ड को इतना ताकतवर बना दिया कि वह किसी भी संपत्ति को 'वक्फ संपत्ति' घोषित कर सकता था, बिना किसी मुकदमे या जांच के। नतीजा ये हुआ कि हजारों ऐसे परिवार जिन्हें अपने पुश्तैनी घरों पर पूरा हक था, उन्हें नोटिस मिलने लगे कि यह जमीन वक्फ की है। कागज़ात की तलाश में लोग कोर्ट के चक्कर काटते रहे, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। ये कानून कट्टरपंथियों और भू-माफियाओं के लिए वरदान बन गया, जिन्होंने इसका खूब फायदा उठाया।
PM मोदी का 'धुआंधार' हमला
'राइजिंग भारत समिट' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ के इसी डर की मानसिकता पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा — "पहले का वक्फ कानून ऐसा था कि नोटिस आते ही लोग डर के मारे कागज़ ढूंढने में लग जाते थे। क्या यही न्याय है? क्या ये देशभक्ति है कि किसी की पुश्तैनी ज़मीन को अचानक वक्फ घोषित कर दिया जाए?" मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि नया कानून वक्फ की 'पवित्र भावना' की रक्षा करेगा, लेकिन साथ ही गरीब, पिछड़े और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने 2013 के वक्फ संशोधन को कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति का परिणाम बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि "तुष्टिकरण से किसका भला हुआ? कुछ कट्टरपंथी नेताओं की दौलत बढ़ी, कांग्रेस को वोट मिले, लेकिन क्या आम मुसलमान को कुछ मिला?" उनका कहना था कि "आम मुस्लिम को मिला अशिक्षा, बेरोजगारी और उपेक्षा। शाहबानो जैसा अन्याय, और वक्फ जैसे कानूनों का डर।" पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार तुष्टिकरण नहीं, सशक्तिकरण में विश्वास रखती है।
वक्फ बिल पर संसद की ऐतिहासिक बहस
यह कोई साधारण बिल नहीं था। वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद में 16 घंटे से अधिक चर्चा हुई, 38 JPC बैठकें हुईं और 1 करोड़ से अधिक ऑनलाइन सुझाव आए। यह दर्शाता है कि यह विषय केवल कानूनी या राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से बेहद संवेदनशील और व्यापक है। संसद के इतिहास में यह दूसरी सबसे लंबी बहस थी, जिससे पता चलता है कि सरकार ने जल्दबाज़ी में कोई फैसला नहीं लिया।
नए वक्फ कानून के तहत अब कोई भी संपत्ति बिना उचित जांच और न्यायिक प्रक्रिया के वक्फ घोषित नहीं की जा सकेगी। इससे उन करोड़ों लोगों को राहत मिलेगी जिनकी ज़मीनें दशकों से विवादों में फंसी थीं। खासकर उन राज्यों में जहां वक्फ बोर्ड ने भारी संख्या में जमीनों को अपनी संपत्ति घोषित कर रखा है — वहां अब पारदर्शिता और न्याय की उम्मीद बनी है।
PM मोदी का ‘विकसित भारत’ विज़न
प्रधानमंत्री ने कहा “भारत अब न झुकने वाला है, न थमने वाला। Delay is the enemy of development.” मोदी सरकार की सबसे बड़ी नीति यही है कि फैसले समय पर हों, और योजनाएं जमीन पर उतरें। चाहे वो पंबन ब्रिज हो, बोगीबील ब्रिज हो या वक्फ कानून — हर जगह पर उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास का मतलब है समय पर न्याय और समावेशी नीतियां। यह कानून सिर्फ कानूनी सुधार नहीं है, यह एक मानसिक बंधन की समाप्ति है। अब मुस्लिम युवाओं को डर नहीं, आत्मविश्वास मिलेगा। उन्हें लगेगा कि सरकार उन्हें वोट बैंक नहीं, राष्ट्र निर्माण का भागीदार मानती है। मोदी के अनुसार, यही है "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास"।
प्रधानमंत्री का यह बयान कि “अब कोई भी अपनी ज़मीन को लेकर डर में नहीं रहेगा,” दरअसल एक नए भारत की ओर इशारा करता है। एक ऐसा भारत, जो भय से मुक्त है, न्याय आधारित है, और सभी समुदायों को समान अवसर देता है। यह कानून वक्फ की पवित्रता को भी बनाकर रखेगा और उसकी आड़ में होने वाले शोषण पर भी रोक लगाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने राइजिंग भारत समिट 2025 में जो बातें कहीं, वो सिर्फ भाषण नहीं, एक नई दिशा की घोषणा थी। यह न केवल वक्फ कानून को लेकर एक ऐतिहासिक मोड़ है, बल्कि देश में समावेशी विकास की एक नई परिभाषा भी गढ़ता है। अब मुस्लिम समाज को डर नहीं, अधिकार मिलेगा। यही है न्यू इंडिया — जहां हर नागरिक, हर समुदाय और हर विचारधारा को समान अवसर और समान सम्मान मिलेगा।