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'अब संपत्ति की होगी जांच...', योगी के आदेश से सरकारी कर्मचारियों में हड़कंप!

उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। योगी सरकार के नए आदेश के मुताबिक, कर्मचारियों और अफसरों की संपत्ति की जांच की जाएगी कि सरकार को उपलब्ध कराया गया संपत्ति का ब्यौरा सही है या गलत। वहीं जिन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी है, उन्हें सितंबर महीने का वेतन नहीं दिया जाएगा।
'अब संपत्ति की होगी जांच...', योगी के आदेश से सरकारी कर्मचारियों में हड़कंप!

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ अपने ही सरकारी कर्मचारियों के ऊपर एक ऐसा तगड़ा एक्शन लेने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है। सरकारी अफसरों पर योगी का चाबुक चलने वाला है। योगी के इस आदेश ने पूरे सरकारी महकमे में हलचल मचा दी है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह अहम कदम उठाया है। अब यह कदम कई सरकारी कर्मचारियों की नींद उड़ा रहा है।

उत्तर प्रदेश के सरकारी अफसरों की अब खैर नहीं, क्योंकि अब इन पर योगी सरकार का चाबुक चलने वाला है। योगी आदित्यनाथ ने आदेश दे दिया है कि सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की संपत्ति की जांच की जाएगी। अब यह देखा जाएगा कि जो भी ब्योरा सरकारी कर्मचारियों की तरफ से दिया गया है, वह सही है या गलत। अब कर्मचारियों के पैन नंबर से लेकर सारी प्रॉपर्टी खंगाली जाएगी। अगर एक भी चीज संदिग्ध दिखी, तो उस पर तगड़ा एक्शन लिया जाएगा।

कैसे होगी जांच?

अब यह काम कैसे किया जाएगा, इस पर भी आपको थोड़ी जानकारी दे देते हैं। इस काम में प्राधिकरण और आवास विकास की मदद ली जाएगी। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कार्मिक विभाग ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया था। और इस दौरान लगभग 97% कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपने-अपने संपत्ति की जानकारी दी। अब इस बात की सरकार जांच करेगी कि पोर्टल पर दिए गए रिपोर्ट कितनी सही है और कितनी गलत।

नहीं मिलेगी सितंबर की सैलरी!

सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने संपत्ति का ब्योरा देने का आदेश दिया था। मुख्य सचिव ने कहा है कि "जिन कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है, सिर्फ उन्हें और उनके DDO को सितंबर महीने की सैलरी दी जाएगी।" ठीक इसी तरह जिन कर्मचारियों ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं डाला है, उन्हें और उनके DDO को सितंबर की सैलरी नहीं मिलेगी; उनकी सैलरी रोक दी जाएगी। प्रदेश में लगभग 40 हजार कर्मचारियों को छोड़कर सभी ने अपना ब्योरा पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। जिन्होंने अपना ब्योरा अपलोड नहीं किया है, उन्हें सितंबर की सैलरी नहीं दी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि मंगलवार की शाम तक फाइनल आंकड़ा सामने आया है, जिसमें यह संख्या 97% तक पहुंच गई है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के जिन भी कर्मचारियों ने अपने चल-अचल संपत्ति का विवरण नहीं दिया है, उन्हें सितंबर महीने का वेतन नहीं दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त उनके प्रभारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही भविष्य में यह जांच भी होगी कि उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरा क्यों नहीं दिया है।

कुल मिलाकर देखे तो योगी के शासन में हर उस व्यक्ति पर कार्रवाई होगी जो अपने काम में लापरवाही बरतेगा। भले ही वह अधिकारी उसी शासन में क्यों न हो।


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