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Article 370 पर Omar Abdullah ने मारी पलटी, PM Modi पर दिया बड़ा बयान | Kashmir

जम्मू कश्मीर को 6 मुख्यमंत्री देने वाले अब्दुल्ला परिवार ने चुनाव जीतने के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली को मुद्दा बनाया और इसी वादे के दम पर अब्दुल्ला परिवार चुनाव भी जीत गया लेकिन सत्ता संभालने से पहले ही अब्दुल्ला परिवार अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर पलटी मार गया !
Article 370 पर Omar Abdullah ने मारी पलटी, PM Modi पर दिया बड़ा बयान | Kashmir
Jammu and Kashmir के लिए अनुच्छेद 370 एक अहम मुद्दा रहा है। दिल्ली की सत्ता में बैठी बीजेपी ने जहां जनसंघ के समय से ही घाटी से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प लिया था। तो वहीं कांग्रेस समेत जम्मू कश्मीर की तमाम सियासी पार्टियां घाटी में अनुच्छेद 370 बरकरार रखने के पक्ष में थीं। लेकिन इसके बावजूद मोदी सरकार ने साल 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया। जिसका जबरदस्त विरोध भी हुआ। और जब अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ तो।  ये भी एक बड़ा मुद्दा रहा। यहां तक कि जम्मू कश्मीर को 6 मुख्यमंत्री देने वाले अब्दुल्ला परिवार ने भी चुनाव जीतने के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली को मुद्दा बनाया और। इसी वादे के दम पर अब्दुल्ला परिवार चुनाव भी जीत गया लेकिन। सत्ता संभालने से पहले ही अब्दुल्ला परिवार अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर पलटी मार गया।


दरअसल अनुच्छेद 370 की बहाली के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को जम्मू कश्मीर की जनता ने पूर्ण बहुमत दे दिया। जिसके दम पर जल्द ही एनसी और कांग्रेस गठबंधन मिलकर सरकार भी बनाएगा। और उमर अब्दुल्ला एक बार फिर मुख्यमंत्री के तौर पर जम्मू कश्मीर की सत्ता संभाल सकते हैं। लेकिन सत्ता संभालने से पहले ही उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर ऐसी पलटी मारी। जिसे देख उनके समर्थक भी दंग रह जाएंगे।

चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद उमर अब्दुल्ला ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा " देखिए, हममें से कोई भी इतना मूर्ख नहीं है और न ही हमने मतदाताओं को यह समझाने की कोशिश की कि हम दिल्ली में इस मौजूदा सरकार के साथ अपने 370 एजेंडे पर काम करने जा रहे हैं, हम जानते हैं कि आप इसे उस सरकार से वापस नहीं ले सकते जिसने इसे आपसे छीन लिया है, इसलिए इसे अभी के लिए अलग रखें हमारी तत्काल प्राथमिकता जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाने के लिए दिल्ली में सरकार के साथ काम करना है और मैं प्रधानमंत्री पर विश्वास करता हूं कि वो एक सम्माननीय व्यक्ति हैं, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों से वादा किया है कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, उन्होंने यहां चुनाव प्रचार के दौरान अपने हर भाषण में यह वादा किया था, गृह मंत्री ने भी ऐसा ही वादा किया और इसलिए एक बार सरकार बनने के बाद मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री और अन्य लोगों से बात करने के लिए दिल्ली जाएंगे और अच्छे कामकाजी संबंध स्थापित करेंगे, शत्रुतापूर्ण संबंध जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित में नहीं है और ना ही संघ सरकार के हित में है, मुझे नहीं लगता कि जम्मू-कश्मीर के साथ किसी भी तरह के शत्रुतापूर्ण रिश्ते रखने से भारत सरकार को कोई फायदा होगा, जम्मू कश्मीर में काफी समस्याएं हैं क्योंकि हमारे दोनों तरफ शत्रुतापूर्ण पड़ोसी हैं, ऐसे में हमें भारत सरकार के साथ भी शत्रुतापूर्ण संबंधों की जरूरत नहीं है, इसलिए जम्मू कश्मीर में आने वाली सरकार को मेरी सलाह होगी कि वह अच्छे कामकाजी संबंध बनाने के लिए आगे बढ़े, भारत सरकार और साथ ही राजभवन के साथ कामकाजी संबंध स्थापित करना "

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला का ये बयान बता रहा है कि अनुच्छेद 370 को उनकी पार्टी ने भले ही चुनावी मुद्दा बनाया हो। लेकिन चुनाव जीतने के बाद ये मुद्दा फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। क्योंकि कांग्रेस और एनसी गठबंधन भी ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि जब तक दिल्ली की सत्ता में मोदी सरकार है। कम से कम तब तक जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल होने वाला नहीं है। इसीलिये उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर पलटी मार ली। और मोदी सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार हो गये। तो वहीं पीएम मोदी ने चुनावी नतीजों के बाद एक ट्वीट में उमर अब्दुल्ला की पार्टी को जीत की बधाई देते हुए लिखा। "मैं जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में सराहनीय प्रदर्शन के लिए जेकेएनसी को बधाई देना चाहता हूं "

पीएम मोदी से मिली जीत की बधाई पर उमर अब्दुल्ला ने भी जवाब दिया "आपके बधाई संदेश के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद नरेंद्र मोदी साहब, हम संघवाद की सच्ची भावना में एक रचनात्मक संबंध की आशा करते हैं ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को निरंतर विकास और सुशासन से लाभ मिल सके "

पीएम मोदी और उमर अब्दुल्ला के बीच ये संवाद देख कर लगता है फिलहाल जम्मू कश्मीर और भारत सरकार के बीच कामकाज को लेकर एक अच्छा माहौल देखने को मिल सकता है। वैसे जिस तरह से अनुच्छेद 370 को अब्दुल्ला की पार्टी ने ठंडे बस्ते में डाला है। आपको क्या लगता है क्या कांग्रेस दिल्ली की सत्ता में आते ही अनुच्छेद 370 बहाल कर देगी। 
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