जम्मू-कश्मीर चुनाव जीतते ही उमर अब्दुल्ला ने अपने सहयोगी दल कांग्रेस को दी कड़ी चेतावनी
उमर अब्दुल्ला ने दावा किया है कि जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस की सीट बहुमत के 46 आंकड़े तक पहुंच गई है क्योंकि चार निर्दलीय विधायकों ने नेशनल कांफ्रेंस को समर्थन दिया है। उन्होंने बताया कि सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के समर्थन पत्र का वह इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस को एक दिन का वक्त दिया है।
जम्मू कश्मीर में 10 साल के बाद विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। राज्य में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने वाले हैं। इससे पहले उन्होंने बड़ा बयान देते हुए अपने सहयोगी दल कांग्रेस को अल्टीमेटम दे दिया है। उमर अब्दुल्ला ने दावा किया है कि जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस की सीट बहुमत के 46 आंकड़े तक पहुंच गई है क्योंकि चार निर्दलीय विधायकों ने नेशनल कांफ्रेंस को समर्थन दिया है। उन्होंने बताया कि सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के समर्थन पत्र का वह इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस को एक दिन का वक्त दिया है।
विधायक दल के नेता चुने जा चुके है उमर अब्दुल्ला
विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद गुरुवार को नेशनल कांफ्रेंस की विधायक दल की बैठक कोई जिसमें उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुना गया। उमर अब्दुल्ला ने बैठक में मौजूद सभी विधायकों का धन्यवाद देते हुए कहा कि "आप लिए गए फैसले से अवगत है। नेशनल कांफ्रेंस विधायक दल की बैठक हुई, विधायक दल ने अपना नेता तय कर लिया है और मैं ऐसी विधायकों का तहे दिल से शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और मुझे सरकार बनाने का दावा पेश करने का मौका दिया है।" इसके साथ ही उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अब हमें सरकार बनाने का दावा पेश करना है इसके लिए कांग्रेस के समर्थन पत्र का इंतजार कर रहे है। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस से उनके समर्थन पत्र को लेकर बातचीत कर रहे है। एक बार हम जब हमें यह मिल जाएगा तो हम जल्द से जल्द राज्यपाल के पास जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हमने कांग्रेस को समर्थन पत्र देने के लिए सिर्फ एक दिन का समय दिया है। वहीं जम्मू कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा बहाल करने वाले प्रस्ताव को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक बार सरकार बन जाने के बाद इस प्रस्ताव को पारित करेंगे और फिर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य मंत्रियों के साथ इस विषय पर बातचीत करेंगे। अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता के लिए बेहतर काम करना हमारी जिम्मेदारी है सरकार की ओर से उपराज्यपाल के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए हमारी सरकार काम करने पर जोर देगी।
काम पर रहेगा फोकस
जम्मू-कश्मीर में राज्य सरकार और उपराज्यपाल के बीच कैसे सामंजस्य बैठाकर काम करना है इसको लेकर भी उन्होंने अपनी बातें रखते हुए कहा है कि हम नहीं चाहते कि सरकार और लोग के बीच कोई टकराव हो। हमारी पूरी कोशिश यही रहेगी कि शांतिपूर्ण सहयोग और लोगों के लिए तब काम करना है जबकि हम एक राज्य के रूप में अपना सही दर्जा हासिल नहीं कर लेते। उमर अब्दुल्ला ने दावा किया है कि हमें उम्मीद है कि जल्द से जल्द हमारे राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा। माय उमर अब्दुल्ला ने यह भी आश्वासन दिया है कि भविष्य की सरकार सभी व्यक्तियों के लिए काम करेगी चाहे उनकी राजनीतिक सोच उनकी पार्टी के प्रति निष्ठावान हो या नहीं हो। जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए संदेश देते हुए भावी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला नेकहा कि "हम उन लोगों में से नहीं है जो बदल लेते हैं या जिन्होंने हमें वोट नहीं किया उनसे हमें कोई दिक्कत है हम सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे में नेशनल कांफ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को 49 सीट मिली ,जिसमें से अकेले नेशनल कांफ्रेंस के खाते में 42 सीट और कांग्रेस के 6 सीट मिली जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को सीट बंटवारे समझौते के तहत एकमात्र सीट मिली जिसे वह जितने में कामयाब रही। इन सब के बीच नेशनल कांफ्रेंस आप खुद अपने दम पर बहुमत के आंकड़े तक पहुंच गई है क्योंकि विधानसभा चुनाव में चार निर्दल प्रत्याशियों की जीत हुई थी जिन्होंने अपना समर्थन नेशनल कांफ्रेंस को दे दिया है।