Ambedkar विवाद पर Chandrashekhar ने Amit Shah या Rahul Gandhi, किसका दिया साथ ?
Ambedkar पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद कांग्रेस जहां सड़क से संसद तक बवाल काट दिया तो वहीं दलितों के युवा नेता और सांसद चंद्रशेखर ने तोड़ी चुप्पी तो कांग्रेस को ही लताड़ दिया !
संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने यही बयान दिया। जिसके बाद तो मानो सड़क से लेकर संसद तक कांग्रेस ने बवाल काट दिया। कभी हाथ में अंबेडकर की फोटो लेकर बीजेपी का विरोध करते रहे। तो कभी नीला कपड़ा पहन कर बीजेपी के खिलाफ सड़कों पर नजर आए। यहां तक कि अक्सर सोशल मीडिया के जरिये अपनी बातों को रखने वालीं दलितों की सबसे बड़ी नेता मानी जाने वालीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आ गईं और बीजेपी पर खूब बरसीं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि
दलितों के वोट पर जीत कर आए सांसद चंद्रशेखर कहां हैं ?
दलितों के युवा नेता चंद्रशेखर आखिर चुप्पी क्यों साधे हैं ?
क्या अंबेडकर विवाद में बीजेपी का साथ दे रहे हैं चंद्रशेखर ?
यूपी की नगीना सीट से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर एक ऐसे नेता हैं जिन्हें मायावती का विकल्प बताया जाता है। जिनकी एक आवाज पर दलितों का जनसैलाब उमड़ जाता है। लेकिन इसके बावजूद हैरानी की बात ये है कि अंबेडकर विवाद पर सांसद चंद्रशेखर जैसे मानो चुप्पी साधे हुए हैं। अपने समर्थकों के साथ ना ही सड़क पर उतरे और ना ही पुराने तेवर और अंदाज की तरह बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं। मीडिया ने जब अमित शाह के बयान को लेकर सवाल किया तो उस वक्त भी चंद्रशेखर का एकदम ठंडा रिस्पॉन्स रहा। और बीजेपी के खिलाफ बयान देने की बजाए उनका बचाव करते नजर आए।
खुद चंद्रशेखर ने ये बयान दिया कि अमित शाह का बयान पूरी तरह से कांग्रेस पर हमला था। अंबेडकर का अपमान करना उनका इरादा नहीं था। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया और सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। जिसे चंद्रशेखर ने महज एक दिखावा बता कर कांग्रेस के अंबेडकर प्यार की हवा निकाल दी।और तगड़ी नसीहत देते हुए कह दिया।अमित शाह के बयान के नाम पर नारे लगा रही विपक्षी पार्टियां जिन राज्यों में सत्ता में हैं वहां अंबेडकर के विचारों के आधार पर सरकार चलाएं तो शायद जय भीम का नारा लगाना सफल हो पाएगा।
युवा सांसद चंद्रशेखर किस मिजाज के नेता हैं ये पूरा देश जानता है। क्योंकि ऐसे कई मौके आए जब चंद्रशेखर सीधे योगी सरकार से भिड़ते नजर आए।और डंके की चोट पर कहते रहे हैं कि उसूलों पे जहां आंच आये तो टकराना जरूरी है जो जिन्दा हों तो फिर जिन्दा नजर आना जरूरी है। लेकिन इस बार जब अंबेडकर विवाद छिड़ा तो चंद्रशेखर उस तेवर और अंदाज के साथ सड़कों पर अमित शाह के खिलाफ नहीं उतरे। क्योंकि ये बात शायद वो भी जानते हैं कि अमित शाह का अधूरा बयान दिखाकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है।जबकि पूरा बयान अमित शाह का क्या है जरा वो भी सुन लीजिये।
ये था संसद में गृहमंत्री अमित शाह का अंबेडकर पर दिया पूरा बयान। जिसके बहाने वो कांग्रेस के अंबेडकर प्रेम को बेनकाब कर रहे थे। शायद यही वजह है कि कांग्रेस बौखला गई और सिर्फ एक क्लिप वायरल कर पूरी कांग्रेस मोदी सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आई और अमित शाह का इस्तीफा मांगने लगी। जबकि दलितों के युवा नेता चंद्रशेखर उनके साथ नहीं खड़े हुए क्योंकि वो ये बात शायद जानते थे कि कांग्रेस अंबेडकर के नाम पर सिर्फ मुद्दा बना रही है। इसीलिये उन्होंने अमित शाह के बयान की सिर्फ आलोचना की। उनके खिलाफ सड़क पर नहीं उतरे।