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तिरुपति मंदिर से 18 गैर हिंदू कर्मचारियों को हटाए जाने पर विजय वडेट्टीवार ने ,कहा - "भगवान किसी को धर्म देखकर आशीर्वाद नहीं देते"

तिरुपति मंदिर से 18 गैर हिंदू कर्मचारियों को हटाए जाने पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने ,कहा - "भगवान किसी को धर्म देखकर आशीर्वाद नहीं देते"
तिरुपति मंदिर से 18 गैर हिंदू कर्मचारियों को हटाए जाने पर विजय वडेट्टीवार ने ,कहा - "भगवान किसी को धर्म देखकर आशीर्वाद नहीं देते"
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर धर्म-जाति की राजनीति शुरू करने का आरोप लगाया और कहा कि भगवान किसी का धर्म देखकर आशीर्वाद नहीं देते। 

विजय वडेट्टीवार ने गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा की विचारधारा संविधान को नहीं मानती और मनुस्मृति पर विश्वास करती है। तिरुपति मंदिर ट्रस्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार का मंदिर नहीं बल्कि दान पर आधारित ट्रस्ट है, जहां सभी को सेवा करने का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की बात को गलत बताते हुए कहा कि इस तरह की विचारधारा देश को नुकसान पहुंचाने वाली है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के हिंदू समाज को एक रखने वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वडेट्टीवार ने कहा कि भागवत का काम ही ऐसे बयान देना है और इसमें कुछ नया नहीं है। उन्होंने इस पर अधिक टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के कांग्रेस को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि सपा, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जैसी पार्टियां कांग्रेस से ही निकली हैं। शरद पवार, ममता बनर्जी और अन्य नेता पहले कांग्रेस में थे, लेकिन सत्ता की लालसा के कारण उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। वडेट्टीवार ने कहा कि अगर ये नेता कांग्रेस की विचारधारा के साथ रहते तो आज पार्टी और मजबूत होती, लेकिन उन्होंने सत्ता को सर्वोच्च समझा और विचारधारा को दरकिनार कर दिया।

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार की आर्थिक नीतियां पूरी तरह विफल हो चुकी हैं। उन्होंने डॉलर की कीमत में वृद्धि का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है और यह केंद्र सरकार की नीतियों का नतीजा है।

महाराष्ट्र में लाडली बहन योजना को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार की माली हालत खराब है और यह योजना जल्द ही बंद हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में दलालों, बिल्डरों और डेवलपरों का शासन आ गया है, जिससे आम लोगों का मंत्रालय तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। सरकार ने डिजिटल एडवांस सिस्टम और फेस मैचिंग तकनीक का उपयोग कर मंत्रालय में आम जनता का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे जनता अपनी शिकायतें सीधे नहीं रख पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जनता से डरती है और जवाब देने से बच रही है।

वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि सरकार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि महाराष्ट्र में पैदा होने वाला हर बच्चा 1,52,000 रुपये के कर्ज के साथ जन्म लेता है। महाराष्ट्र और देश की आर्थिक स्थिति बदतर हो रही है और यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो हालात श्रीलंका जैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनता को अब अपनी आंखें खोलनी होगी और सच्चाई को समझना होगा।

 Input: IANS

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