UN में कश्मीर के मुद्दे पर अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान, तुर्की ने भी नहीं दिया इस बार साथ
UNGA के 79वें सत्र में भारत और पाकिस्तान के बयान में अंतर
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने फिर अलापा कश्मीर राग
शरीफ ने पूरे भाषण में 16 बार किया कश्मीर-कश्मीर शब्द का ज़िक्र
जम्मू और कश्मीर में शांति और पाक प्रायोजित आतंकवाद पर भारत की जोरदार कार्रवाई से बौखलाया पाकिस्तान, शहबाज शरीफ ने छेड़ा कश्मीर राग, दी पलटवार की भभकी।
— NMF NEWS (@nmfnewsofficial) September 28, 2024
वहीं भारत ने भी तुरंत ही पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद का विदेश नीति के टूल के रूप में इस्तेमाल पर दिखा दिया आइना, बगलें झांकने ले… pic.twitter.com/H2mMs0XgYr
कश्मीर के मुद्दे पर इस्लामी देशों ने भी नहीं दिया पाक का साथ!
कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को OIC के साथ-साथ अन्य देशों मसलन तुर्की का साथ UNGA में मिलता रहा है। हैरानी की बात है कि तुर्की ने इस बार आम सभा में कश्मीर का नाम तक नहीं लिया वहीं फिलिस्तीन पर उसका बयान आया। तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने अपने भाषण में कश्मीर शब्द का प्रयोग तक नहीं किया। 2019 के बाद यह पहली बार है जब तुर्किये ने कश्मीर पर पाकिस्तान का साथ नहीं दिया।
जानकारों की मानें तो यह बदलाव बदले सियासी माहौल, तुर्की की जरूरत, भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती भूमिका और अर्दोआन का ब्रिक्स में शामिल होने की कोशिश के कारण संभव हुआ है। भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है और अगले महीने रूस में इसकी शिखर बैठक भी होने वाली है। अर्दोआन और तुर्किये के इस रुख की वजह पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। विपक्षी PTI ने इस मामले को लेकर शरीफ सरकार पर तंज़ कसा है और इसे देश की कमजोर स्थिति से जोड़ दिया है।
भारत को UNSC की सदस्यता के मुद्दे पर मिला फ्रांस और ब्रिटेन का भी साथ
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के पीएम कीर रॉडनी स्टार्मर ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की मांग की है। अन्य देशों ने भी UNSC के स्वरूप में बदलाव की मांग की है। भारत लंबे समय से बदले वक्त और चुनौंतियों को देखते हुए इसमें बदलाव की मांग करता रहा है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, दुनिया की सबसे बड़ी आबादी यहां रहती है और वह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे में भारत को परमानेंट मेंबर नहीं बनाना नाइंसाफी है।
क्या है कश्मीर को लेकर UNSC का प्रस्ताव?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 47, कश्मीर संघर्ष के समाधान से संबंधित है। इसे 21 अप्रैल 1948 को अपनाया गया। इस प्रस्ताव में तीन बातें कही गई हैं। पहला ये कि पाकिस्तान जम्मू और कश्मीर से अपने सभी नागरिकों को हटाए। दूसरी बात ये कि भारत कानून व्यवस्था और सुरक्षा के मद्देनज़र न्यूनतम सेना रखे। और तीसरी बात ये कि स्थिति सामान्य होने के बाद UN की निगरानी में जनमत संग्रह हो। चुकि पाकिस्तान ने UNSC के प्रस्ताव को कभी माना ही नहीं, मसलन उसने कश्मीर से अपने नागरिकों POJK से भी नहीं हटाए, आतंकी गतिविधि बंद नहीं की, घुसपैठ नहीं रोकी और डेमोग्राफी में बदलाव कर दिया इसलिए UNSC प्रस्ताव की राग अलापना बेमानी है।