Sambhal कांड पर पाकिस्तानी Danish ने तोड़ी चुप्पी, हिंदुओं का दिया साथ !
एक तरफ पाकिस्तान में बैठे दानिश कनेरिया हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन जैसे सनातनी वकील की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव उन्हें विलेन बनाने पर तुले हैं, जानिए क्या है पूरा मामला ?
उत्तर प्रदेश के जिला संभल में विवादित जामा मस्जिद का जबसे सर्वे हुआ है। देश में जैसे बवाल मचा हुआ है। एक तरफ जहां हिंदुओं का दावा है कि ये जामा मस्जिद नहीं हरिहरनाथ मंदिर है। तो वहीं मुस्लिम समाज इसे जामा मस्जिद बताने पर तुला हुआ है।संभल में छिड़े मंदिर मस्जिद विवाद के बीच अब पाकिस्तान के रहने वाले दानिश कनेरिया ने भी इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है। और ऐसा बयान दिया है जिसे सुनकर मस्जिद के हिमायती ओवैसी भी बौखला जाएंगे।
दरअसल संभल की जिस विवादित मस्जिद को साल 1920 में ही ASI ने अपने कब्जे में ले लिया था। उस जामा मस्जिद में अब ASI को ही नहीं घुसने दिया जा रहा है। ये बात खुद एएसआई ने कोर्ट में हलफनामा देकर बताया। हालात तो यहां तक बिगड़ गये हैं कि 24 नवंबर को जब कोर्ट के आदेश के बाद विवादित मस्जिद का सर्वे कराया गया तो। सर्वे के विरोध के नाम पर दंगाइयों ने संभल को ही दंगे की आग में झोंकने की कोशिश की। जिसमें कई लोगों की जान चली गई। वो तो भला हो योगी सरकार का जिसने तुरंत एक्शन लेते हुए भारी संख्या में सुरक्षा बलों को मैदान में उतार दिया। जिससे दोबारा दंगे जैसी नौबत नहीं आई।मस्जिद के सर्वे के बाद से बिगड़े हालात को लेकर देश में जहां जबरदस्त सियासी माहौल गरमाया हुआ है तो वहीं इसी बीच अब पाकिस्तान में रहने वाले पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने भी इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है।
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो बड़ी ही तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें बताया गया है कि वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई। वाराणसी में ही बिंदू माधव मंदिर को तोड़ कर आलमगीर मस्जिद बनाई गई। अजमेर में सरस्वती मंदिर तोड़ कर ढाई दिन का झोपड़ा मस्जिद बनाई गई। केरल में अराथली मंदिर को तोड़ कर चेरामन जुमा मस्जिद बनाई गई।भोजशाला में सरस्वती मंदिर तोड़ कर कमाल मौला मस्जिद बनाई गई। दिल्ली में राय पिथौरा मंदिर तोड़ कर कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद बनाई गई।बंगाल के मालदा में आदिनाथ मंदिर तोड़ कर आदिना मस्जिद बनाई गई। आंध्र प्रदेश के पेनुकोंडा में वेंकटेश्वर मंदिर तोड़ कर जमिया मस्जिद बनाई गई।श्रीनगर में काली माता मंदिर तोड़ कर खानकाह-ए-मौला मस्जिद बनाई गई।गुजरात के सिद्धपुर में रुद्र महालय मंदिर तोड़ कर जामी मस्जिद बनाई गई । तेलंगाना के बोधन में जैन मंदिर तोड़ कर देवल मस्जिद बनाई गई। अहमदाबाद में भद्र काली मंदिर तोड़ कर जामा मस्जिद बनाई गई। विदिशा में विजय सूर्य मंदिर तोड़ कर बिजामंडल मस्जिद बनाई गई।UP के जौनपुर में अटाला मंदिर को तोड़ कर अटाला मस्जिद बनाई गई।मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि मंदिर तोड़ कर ईदगाह मस्जिद बनाई गई।
जिस हिंदुस्तान में हिंदुओं की सबसे ज्यादा आबादी है। उसी हिंदुस्तान में हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ कर मस्जिदें बनाई गई। जिसे देख कर पाकिस्तान में रह रहे हिंदू क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने लिखा। "यह सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ, आज की पीढ़ी को इन जगहों के बारे में बहुत कम जानकारी है और जब कोई हमारी सांस्कृतिक विरासत को वापस पाने के लिए याचिका दायर करने की कोशिश करता है तो हमारे अपने लोग उन्हें सांप्रदायिक कट्टरपंथी करार देते हैं, यह वाकई शर्मनाक है"
कट्टर इस्लामिक देश पाकिस्तान में बैठे हिंदू दानिश कनेरिया को भी इस बात की चिंता है कि हमारी नई पीढ़ियों को मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाए जाने की जानकारी नहीं है।और जब सांस्कृतिक विरासत लेने के लिए विष्णु शंकर जैन, हरि शंकर जैन जैसा कोई सनातनी वकील इसके लिए लड़ाई लड़ता है तो भारत में रहे कुछ हिंदू ही उनके विरोध में उतर जाते हैं।अखिलेश यादव जैसे नेता भी हरिशंकर जैन जैसे सनातनी वकील का मजाक उड़ाते हुए कहते हैं कि। "न्यायिक प्रक्रिया का आधार ‘साक्ष्य’ होना चाहिए; ‘स्वप्न’ नहीं, इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय संभल हादसे के लिए जिम्मेदार सभी लोगों और स्वप्न पर आधारित सर्वे कराने वालों और उससे जुड़े अधिवक्ताओं के खिलाफ ऐसी दंडात्मक कार्रवाई करे कि इस देश का अमन-चैन छीनने वाले नकारात्मक तत्व फिर कभी सिर न उठा सकें, बार एसोसिएशन से उम्मीद है कि वो भी इस पर दंडात्मक-अनुशासनात्मक कार्रवाई करे। इस मामले में अधिवक्ता संघों को भी आगे आना चाहिए क्योंकि अगर लोगों का विश्वास न्याय से उठ गया तो फिर कोई इंसाफ की उम्मीद में उनके पास नहीं जाएगा, इस बात से, एक पेशेवर होने के नाते, सबसे ज्यादा नुकसान अधिवक्ताओं को ही होगा। ये उनके पेशे के सम्मान का भी विषय है और उनके जीवनयापन का भी"
एक तरफ पाकिस्तान में बैठे दानिश कनेरिया हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन जैसे सनातनी वकील की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव उन्हें विलेन बनाने पर तुले हैं। अब आप ही बताइये भारत के हिंदुओं को किसका साथ देना चाहिए। पाकिस्तानी दानिश कनेरिया का। या फिर संभल दंगे में मारे गये मुस्लिमों को पांच-पांच लाख रुपये देने वाले अखिलेश यादव की।