पवन कल्याण ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान के हिंदुओं को दी शुभकामनाएं
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने दिवाली के अवसर पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदुओं को शुभकामनाएं दी हैं।
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने इस दिवाली पर पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान में बसे हिंदू समुदाय को विशेष शुभकामनाएं और सहानुभूति का संदेश भेजा है। इस दिवाली पर एक्टर से नेता बने पवन कल्याण ने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से अपनी बात रखते हुए कहा कि वह इन देशों में रह रहे हिंदुओं के लिए सुरक्षा, सम्मान और खुशहाली की कामना करते हैं। उनके संदेश ने उन संघर्षों की ओर इशारा किया जो इन क्षेत्रों में रहने वाले हिंदू समुदाय को अक्सर झेलने पड़ते हैं, खासतौर से धार्मिक उत्पीड़न के चलते।
दिवाली का विशेष संदेश
अपने संदेश में पवन कल्याण ने कहा, "पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान में बसे सभी हिंदू समुदायों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं। खास तौर से बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए मेरी यह बधाई संदेश है कि भगवान श्री राम उन्हें शक्ति और साहस प्रदान करें।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत के लोग उनके साथ हैं, और उनकी खुशहाली के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। पवन कल्याण के इस संदेश ने कई लोगों का ध्यान खींचा है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे इन देशों में हिंदू समुदायों की सुरक्षा और मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
अंतर्राष्ट्रीय अपील और धार्मिक एकता की उम्मीद
पवन कल्याण ने अपने संदेश में इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक समुदाय और विश्व नेता पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ हो रहे व्यवहार पर ध्यान दें और उनके मूलभूत अधिकारों के लिए आवाज़ उठाएं। उन्होंने यह कहा, "आइए इस दिवाली हम सभी बांग्लादेश और पाकिस्तान में बसे हिंदू समुदाय की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करें। उनकी भूमि पर धार्मिक स्वतंत्रता बहाल हो।" इस संदेश में एक संवेदनशीलता और सहानुभूति का भाव था, जो न केवल हिंदू समुदाय के लिए, बल्कि सभी के लिए धार्मिक सहिष्णुता और शांति का संदेश देता है।
सांस्कृतिक संचार और भारत की आत्मा से जुड़ाव
पवन कल्याण का यह संदेश उस समय आया जब सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के एक हिंदू बच्चे का गीत वायरल हो रहा था। इस वीडियो में बच्चे द्वारा गाया गया सिंधी गीत “अलबेलो इंडिया” ने लोगों के दिलों को छू लिया, जिसमें वह अपने पड़ोसी भारत की ओर अपनी भावनाओं को व्यक्त करता है। इस गीत को सुनकर पवन कल्याण ने भी प्रतिक्रिया दी और इसे भारत की आत्मा से जुड़ाव बताते हुए लिखा, "यह गीत भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दर्द और भारतीय संस्कृति से गहरे लगाव की भावना को दर्शाता है।"
यह सिंधी गीत 'मेरा हिंदू पड़ोसी अलबेलो भारत के लिए रवाना हो रहा है' केवल एक संगीत का अंश नहीं है, बल्कि उन लोगों की भावना को भी दिखाता है जो विभाजन के बावजूद अपने भारतीय जड़ों से जुड़े रहने की कोशिश करते हैं। पवन कल्याण ने इस गीत के माध्यम से भारतीय मूल्यों और संस्कृति की महत्ता को उजागर किया।
This song by Hindu child from Pakistan reflects the deep pain of partition. And the longing for reconnect to the soul of Bharat.
— Pawan Kalyan (@PawanKalyan) October 31, 2024
My heartfelt ‘Diwali’ Greetings to Hindus in Pakistan ,Bangaladesh and Afghanistan.
Especially for Hindus in Bangladesh,Lord Sri Rama may give you… https://t.co/cMonJzFm8z
आंध्र प्रदेश और पूरे देश के लिए शुभकामनाएं
इसके अलावा, पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए भी दिवाली की विशेष शुभकामनाएं भेजीं और उनके जीवन में समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा, "दिवाली का यह पर्व आंध्र प्रदेश के हर व्यक्ति के जीवन को प्रकाश और प्रसन्नता से भर दे। यह त्योहार उनके जीवन में नई खुशियां और सफलताएं लेकर आए।" पवन कल्याण का यह कदम, न केवल दिवाली की शुभकामनाओं को एक सीमाहीन संदर्भ में प्रस्तुत करता है, बल्कि यह एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है। उनका संदेश भारत के सदियों पुराने 'वसुधैव कुटुम्बकम्' – "पूरा विश्व एक परिवार है" – सिद्धांत को मजबूती से दिखाता है, जो भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है।
उनकी इस पहल ने उन हिंदू समुदायों में नई आशा जगा दी है, जो उन देशों में अल्पसंख्यक होने की वजह से संघर्ष कर रहे हैं। उनके इस संदेश के बाद उम्मीद की जा रही है कि अन्य नेता और संगठन भी इस विषय में कदम उठाएंगे, और धार्मिक सहिष्णुता और सुरक्षा को और मजबूत बनाएंगे।
पवन कल्याण का यह दिवाली संदेश न केवल एक साधारण बधाई है, बल्कि यह एक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जागरूक करने का प्रयास है। भारत की संस्कृति, एकता और अखंडता को दर्शाते हुए यह संदेश धार्मिक स्वतंत्रता की ओर एक कदम है, जो मानवता के हक में है। उनका यह दृष्टिकोण न केवल भारतीयों बल्कि विश्व के हर इंसान के दिल को छूता है, और एक ऐसे समाज की उम्मीद जगाता है जहां धर्म, संस्कृति और पहचान का सम्मान हो।