PK ने लॉन्च की पार्टी , जानिए किन मुद्दों पर देंगे Nitish - Tejasvi को चुनौती
चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बुधवार को पटना में आधिकारिक तौर पर अपनी नई राजनीतिक "जन सुराज पार्टी" लॉन्च की. लॉन्च इवेंट में किशोर ने कहा कि पार्टी पिछले 2 सालों से सक्रिय है और हाल ही में इसे भारत के चुनाव आयोग से मंजूरी मिली है.
नए बिहार के संकल्प के साथ पिछले दो सालों से बिहार में पदयात्रा कर रहे चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने Prashant Kishor ने "जन सुराज पार्टी" लॉन्च की कर दी है पीके ने कहा कि पार्टी पिछले 2 सालों से सक्रिय है और हाल ही में इसे भारत के चुनाव आयोग से मंजूरी मिली है। ऐसे में अब यह बड़ा सवाल है कि क्या पीके बिहार में चुनाव से पहले पार्टी लॉन्च कर अरविंद केजरीवाल के जैसा करिश्मा दिखा पाएंगे या नहीं। हालांकि पार्टी के लॉचिंग से पहले पीके ने बार-बार यह दावा किया है कि उनकी पार्टी अन्य दलों के जैसे नहीं होगी। उन्होंने कई मुद्दों पर नीतीश और तेजस्वी से लग रहा बनाई है इसे जनता पसंद करेगी।
2 अक्टूबर बुधवार का दिन बिहार की राजनीति के लिए काफी अहम दिन होने वाला है। बिहार की राजनीति में एक नए राजनीतिक दल का प्रादुर्भाव हो रहा है और उसके शिखर पुरुष कोई और नहीं बल्कि कभी अलग-अलग बड़े राजनीतिक दलों के लिए रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर होंगे। यानी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश - तेजस्वी के लिए एक नया और मजबूत प्रतिद्वंदी भी सक्रिय राजनीति में कदम रख रहा है। जो चुनाव के दौरान इनके लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। हालांकि प्रशांत किशोर के लिए राजनीति की यह आसान नहीं होने वाली है क्योंकि एक तरफ बिहार की राजनीति को समझने वाले और कई बार सत्ता का सुख भोगने वाले ठेठ राजनीतिज्ञ लालू प्रसाद यादव हैं तो वहीं दूसरी तरफ पिछले 20 सालों से अपने राजनीतिक प्रभाव के जरिए बिहार की राजनीति को मथ रहे नीतीश कुमार है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन सबके बीच प्रशांत किशोर कैसे खुद के लिए जगह तलाशेंगे। वैसे प्रशांत किशोर ने कहा है की कई मुद्दों पर उनकी पार्टी की की सबसे अलग राह है। जो नए बिहार का निर्माण करेगी।
पिछले दो सालों में हर वर्ग को जोड़ने का दावा
दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की तरह प्रशांत किशोर ने भी यह दावा किया है कि उनकी राह अन्य राजनीतिक दलों से बिल्कुल अलग होगी। उन्होंने यह दावा किया है कि उनकी पार्टी न केवल प्रबुद्ध जनों को अपने साथ जोड़े की बल्कि नौकरशाह से लेकर समाजसेवियों तक की एक मजबूत श्रृंखला बनाएगी। अन्य विचारों के साथ जन सूरज का सदस्यता अभियान भी इन दिनों जोरो पर है। बिहार विधानसभा के लिए अब कुछ महीनों वक्त बचा है। ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सरकार के दौरान किए गए कार्यों को गिना रहे हैं और डबल इंजन कैसे तेज विकास को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव भी युवाओं को सजाने के लिए रोजगार पर फोकस बनाए हुए हैं। इन सब के बीच शराबबंदी जैसे मुद्दे पर कोई भी सियासी दल मुखर होने से बच रही है। इन्हीं जैसे कई मुद्दों पर फोकस कर पीके ने लालू और नीतीश यादव से एक अलग राह पर बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
जानिए क्या है प्रशांत किशोर का ब्लू प्रिंट
प्रशांत किशोर ने जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार राइट टू रिकॉल की व्यवस्था अपनी पार्टी में लागू करने की बात कर रहे हैं। उनका दावा है कि उनकी पार्टी प्रत्याशियों को टिकट देते समय राइट टू रिकॉल कैसे सहमति पर एक एफिडेविट ले लेगी। इस व्यवस्था से यह होगा कि संबंधित क्षेत्र की एक तिहाई पार्टी कार्यकर्ता जनप्रतिनिधि के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं और अगर यह पास होता है तो संबंधित विधायक को इस्तीफा देना पड़ेगा। इसके साथ ही जशु राज पार्टी के बैनर तले साल 2025 के फरवरी महीने में पटना में एक बड़े कार्यक्रम कराए जाने की तैयारी भी है जिसमें बिहार के 8500 पंचायत के विकास का ब्लूप्रिंट लोगों के सामने रखा जाएगा प्रशांत किशोर का दावा है कि वह पिछले लगभग ढाई सालों में पदयात्रा के दौरान बिहार के 60 फ़ीसदी गांव को कर कर पाए हैं और यह यात्रा अभी जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा है कि हम पदयात्रा के दौरान न केवल लोगों की समस्या को गिन रहे बल्कि उसकी समाधान का एक अलग रास्ता भी तैयार कर रहे हैं। इसके बाद प्रशांत किशोर उसे मुद्दे पर खुलकर बोल रहे हैं जिस पर सभी राजनीतिक दल बोलने से बच रहे हैं वह मुद्दा है शराबबंदी का। प्रशांत किशोर शराबबंदी पर यह कह रहे हैं कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनेगी तो 15 मिनट के अंदर शराबबंदी को खत्म कर दिया जाएगा उनका दावा है कि शराब बंदी खत्म करने से एक तरफ जहां राज्य का राजस्व बढ़ेगा तो वहीं दूसरी तरफ शराब बंदी के नाम पर घर-घर तक शराब तस्करी करने वाले लोगों का काम भी खत्म हो जाएगा क्योंकि बिहार में जब से शराबबंदी हुई है तो पुलिस की मिली भगत से बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी हो रही है। वहीं प्रशांत किशोर ने इस बात का ऐलान कर दिया था कि उनकी पार्टी हर लोकसभा क्षेत्र से कम से कम एक महिला और एक मुसलमान को टिकट जरूर देगी। इस कदम से प्रशांत किशोर महिला और मुसलमान के बीच भी अपनी पैठ को मजबूत कर रहे हैं।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर की पार्टी के लांचिंग के बाद सक्रिय तरीके से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि जिन मुद्दों को लेकर प्रशांत किशोर ने एक नई राई तैयार की है वह नीतीश लालू के लिए बड़ी चुनौती विधानसभा चुनाव में बन सकती है क्योंकि प्रशांत किशोर ने टिकट वितरण के लिए महिला और मुस्लिम का जो फार्मूला तय किया है उससे वह एक बड़े वोट बैंक को जन्म दे सकते है। तबीयत देखना दिलचस्प होगा कि 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर के इस रणनीति का क्या असर पड़ता है।