दिल्ली में बिजली बिल जीरो रखने की योजना जारी, जानें कौन उठा रहा फायदा
दिल्ली में बिजली सब्सिडी को लेकर चल रही अटकलों पर अब विराम लग गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ कर दिया है कि दिल्ली में 200 यूनिट तक फ्री बिजली और 201 से 400 यूनिट तक 50% सब्सिडी की योजना पहले की तरह जारी रहेगी। इस फैसले से घरेलू उपभोक्ताओं, 1984 के सिख दंगा पीड़ितों, किसानों और वकीलों को राहत मिलेगी।

दिल्ली की गर्मी में अगर कोई चीज़ लोगों को थोड़ी राहत देती है, तो वो है घर में चलती पंखे की ठंडी हवा और उसका 'जीरो' बिजली बिल. और इस बार चुनावी चर्चाओं के बाद जब हर किसी के मन में यह सवाल घूम रहा था कि "फ्री बिजली योजना बंद हो जाएगी?", तो जवाब लेकर खुद सामने आईं दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता.
रेखा गुप्ता, जो हाल ही में राजधानी की कमान संभाल चुकी हैं, उन्होंने अपनी पहली बड़ी कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा "दिल्ली की जनता को घबराने की जरूरत नहीं है, बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी पूर्ववत जारी रहेगी." यह एलान सिर्फ एक नीतिगत घोषणा नहीं है, बल्कि लाखों दिल्लीवासियों के चेहरे पर लौट आई उम्मीद की रौशनी भी है.
कैबिनेट मीटिंग में क्या हुआ?
यह फैसला उस समय लिया गया जब राजधानी की सियासत गर्म थी, सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, और विपक्ष इसे लेकर हमलावर था. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में साफ तौर पर यह तय हुआ कि 200 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों को पूरी तरह फ्री बिजली मिलेगी. 201 से 400 यूनिट तक खपत करने वालों को 50% की सब्सिडी मिलती रहेगी. इसके अलावा कुछ खास वर्गों जैसे किसान, वकील और 1984 के दंगा पीड़ितों के लिए भी सब्सिडी जारी रहेगी. बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने प्रेस से कहा, "हमने जनहित को सबसे ऊपर रखा है. ये फैसला सरकार की संवेदनशीलता और जनता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है."
राजनीति की गर्मी के बीच बिजली बना मुद्दा
दिल्ली की राजनीति में बिजली हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रही है. जब चुनाव प्रचार चल रहा था, तब आम आदमी पार्टी ने दावा किया कि अगर बीजेपी की सरकार बनी, तो मुफ्त बिजली योजना खत्म कर दी जाएगी. बीजेपी ने इन दावों को "दुष्प्रचार" बताया, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैली में साफ कहा "जनकल्याणकारी योजनाएं बंद नहीं होंगी. सरकार सबका साथ, सबका विकास की भावना से चलेगी." अब जब रेखा गुप्ता सरकार ने फ्री बिजली योजना को जारी रखने का फैसला किया है, तो इसे एक स्पष्ट संदेश माना जा रहा है "जनता से किया वादा निभाया जाएगा."
कौन-कौन उठा रहा है इस योजना का फायदा?
दिल्ली में कुल 68.7 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से फरवरी 2025 में 42 लाख लोगों को जीरो बिजली बिल मिला. यानी 60% से ज्यादा लोग पूरी तरह मुफ्त बिजली का लाभ ले रहे हैं. 1984 सिख विरोधी दंगों के पीड़ित परिवारों को 400 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाती है. करीब 758 परिवार इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं.
इसके अलावा किसानों को 125 यूनिट तक बिजली सब्सिडी और 105 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज पर सब्सिडी मिल रही है. 10,676 किसान इस योजना के तहत आते हैं. दिल्ली में पंजीकृत वकीलों को उनके चैंबर में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 201–400 यूनिट तक 50% सब्सिडी दी जाती है.
इसका लाभ 4,899 वकील उठा रहे हैं.
विपक्ष के आरोपों पर सरकार का जवाब
कुछ विपक्षी दलों और पूर्व नेताओं ने यह दावा किया था कि नई सरकार आने के बाद सब्सिडी खत्म की जाएगी, लेकिन अब इस फैसले ने उन सभी आशंकाओं पर विराम लगा दिया है. ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने कहा "कुछ बेरोजगार नेता झूठ फैलाने की कोशिश कर रहे थे, पर हम साफ करना चाहते हैं दिल्ली की सरकार काम कर रही है, और जनता का भरोसा कायम रहेगा."
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ संकेत दिए हैं कि बिजली वितरण और बिलिंग सिस्टम को और पारदर्शी और डिजिटल बनाने की योजना भी चल रही है. सरकार चाहती है कि आने वाले वक्त में स्मार्ट मीटरिंग, सौर ऊर्जा का बढ़ता उपयोग और ग्रीन पावर ग्रिड को बढ़ावा दिया जाए, ताकि सब्सिडी का बोझ कम हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे.
बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी दिल्ली में केवल एक चुनावी वादा नहीं, यह लाखों परिवारों की जीवनशैली का हिस्सा बन चुकी है. रेखा गुप्ता सरकार के इस फैसले ने दिखा दिया कि लोकप्रिय योजनाएं केवल नारों के लिए नहीं, बल्कि ज़मीनी बदलाव के लिए होनी चाहिए. आने वाले महीनों में सरकार इस योजना में तकनीकी सुधार और पारदर्शिता के और उपाय करेगी या नहीं, ये देखना दिलचस्प होगा. पर अभी के लिए दिल्ली की जनता राहत की सांस ले सकती है,
बिजली की रौशनी जलती रहेगी, और वो भी बिना जेब पर बोझ डाले.