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रूस में PM मोदी और चीन के राष्ट्रपति की हुई मुलाक़ात, 50 मिनट की इस बैठक में जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BRICS शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस के दौरे पर है। इस दौरान यहां पीएम मोदी की कई देशों के राष्ट्रध्यक्षों से मुलाकात भी होनी है। शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने पहली द्विपक्षीय वार्ता चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ की है। पाँच साल बाद हुई इस द्विपक्षीय वार्ता को काफ़ी अहम माना जा रहा है
रूस में PM मोदी और चीन के राष्ट्रपति की हुई मुलाक़ात, 50 मिनट की इस बैठक में जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BRICS शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस के दौरे पर है। इस दौरान यहां पीएम मोदी की कई देशों के राष्ट्रध्यक्षों से मुलाकात भी होनी है। शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने पहली द्विपक्षीय वार्ता चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ की है। पाँच साल बाद हुई इस द्विपक्षीय वार्ता को काफ़ी अहम माना जा रहा है। लगभग 50 मिनट चली इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति श्री जिनपिंग के अलावा दोनों देशों के अधिकारी भी बैठक में मौजूद है। इस बैठक को इसलिए और भी ज्यादा अहमियत दी जा रही है क्योंकि ये उस वक्त हुई है जब भारत और चीन ने देवसांग मैदानी क्षेत्र और डेमचोक क्षेत्र में एक दूसरे को गश्त करने के अधिकार को बहाल करने पर सहमति जताई है। जो पूर्वी लद्दाख के वास्तविक नियंत्रण रेखा के संघर्ष को सुलझाने की कोशिशों में एक सार्थक कदम माना जा रहा है। 


इस बैठक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया एक अकाउंट पर तस्वीर साझा करते हुए कहा कि " कजान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। भारत चीन संबंध हमारे देश के लोगों और क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। सीमा पर सहमति का स्वागत है, मुझे विश्वास है कि हम खुले मन से बातचीत करेंगे और हमारी चर्चा संवेदनशीलता द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेगी।"

शी जिनपिंग ने बैठक को लेकर क्या कहा

भारत और चीन के बीच हुई इस महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता को लेकर चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा "कजान में आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। हमारी यह 5 साल में पहली औपचारिक मुलाकात हुई है। दोनों देशों के लोग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों हमारी बैठक पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं प्रमुख विकासशील देश और ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण सदस्य हैं। इसलिए हम दोनों अपने आधुनिकरण प्रयास के दौर में बहुत महत्वपूर्ण चक्र में है। यही भारत और चीन के लोगों के मौलिक हितों की सबसे अच्छी सेवा करता है।"


कब हुई थी अंतिम बैठक

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर कई बार दोनों देशों के बीच ठनी है। ऐसे में भारत और चीन के बीच आखिरी बैठक साल 2019 के अक्टूबर महीने में हुई थी जहां महाबलीपुरम में एक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की मुलाकात हुई थी, जो पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ की घटना के कुछ ही महीने पहले की थी और जिसने ला के एक्शन गतिरोध को जन्म दिया था। इसके अलावा साल 2022 में बाली और साल 2023 में जोहानिसबर्ग में कुछ छोटी बैठकें हुई थी लेकिन रूस के BRICS सम्मेलन में यह पहली बैठक है, जिसमें दोनों देशों के नेताओं की विस्तृत मुलाकात हुई है। विदेशी मामलों की जानकारी की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की हुई यह मुलाकात 4 साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के दिशा में एक सार्थक कदम बताया जा रहा है। 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की सबसे पहली बैठक ब्राजील के वृक्ष शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। जिसको कूटनीतिक पलकों में काफी अहम माना जाता है क्योंकि इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री और श्री जिनपिंग दोनों देशों के राजनयिक संबंध को स्थापित करने के लिए एक मंच तैयार हो सका था। तभी इन दोनों देशों ने एक दूसरे को सहयोग बढ़ाने के लिए बाते कही थी। किसके पास चीनी राष्ट्रपति की भारत यात्रा 17 सितंबर 2014 को हुई थी यहां पर दोनों नेताओं के बीच व्यापार, असैन्य परमाणु ऊर्जा और संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर चर्चा हुई थी।
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