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PM Modi ने डोडा रैली में किया राहुल पर तीखा प्रहार, 'मोहब्बत की दुकान' पर उठाए सवाल

जम्मू-कश्मीर के डोडा रैली के दौरान मोदी ने कांग्रेस पर पत्रकारों को निशाना बनाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने इंडिया टुडे के पत्रकार पर हुए हमले का जिक्र किया और कहा, “जो लोग मोहब्बत की बात करते हैं, उन्हीं के कार्यकर्ता पत्रकारों की पिटाई कर रहे हैं। यह दिखाता है कि कांग्रेस का असली चेहरा क्या है।”
PM Modi ने डोडा रैली में किया राहुल  पर तीखा प्रहार, 'मोहब्बत की दुकान' पर उठाए सवाल
जम्मू-कश्मीर के डोडा में आयोजित चुनावी रैली ने न केवल जनता का उत्साह बढ़ाया, बल्कि भारतीय राजनीति में चल रहे तीखे संघर्ष को और भी अधिक गरमा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बड़ी चुनावी रैली ने देश भर में एक नई बहस को जन्म दिया। मोदी ने न केवल अपने विकास कार्यों का जिक्र किया, बल्कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और उनकी हालिया ‘मोहब्बत की दुकान’ वाली बयानबाजी पर भी करारा तंज कसा।
डोडा की चुनावी रैली को संबोधत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे राहुल गांधी को निशाना बनाते हुए कहा, “कुछ लोग मोहब्बत की दुकान खोलने का दावा करते हैं, लेकिन उनका असली चेहरा अमेरिका में नजर आता है।” उनका यह बयान राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के दौरान दिए गए बयानों पर था, जिसमें उन्होंने भारतीय राजनीति और सरकार पर कई आरोप लगाए थे। मोदी ने आगे कहा, “जिन्हें मोहब्बत की दुकान खोलने का दावा है, उन्होंने अमेरिका में जाकर नफरत के बीज बोए हैं। यह जनता अब समझ चुकी है कि उनकी कथनी और करनी में कितना बड़ा फर्क है।”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने राहुल गांधी से सीधा सवाल किया, “जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार होते हैं, तो यह लोग चुप क्यों रहते हैं? क्या उन्हें वहां के हिंदुओं की पीड़ा दिखाई नहीं देती?” मोदी का यह बयान न केवल कांग्रेस पर सवाल उठाने के लिए था, बल्कि लोगों को यह संदेश देने का प्रयास भी था कि भाजपा ही उनके हितों की असली संरक्षक है। प्रधानमंत्री मोदी के इस तीखे हमले के बाद कांग्रेस की ओर से भी प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इसे 'भ्रम फैलाने वाला' करार दिया और कहा कि भाजपा केवल झूठ और नफरत की राजनीति कर रही है।

वैसे आपको बता दें कि हर बार की तरह, इस बार भी मोदी ने अपने भाषण से जनता का दिल जीत लिया और विपक्ष पर तीखे हमले किए। उनके संबोधन में कई मुद्दे उभरकर सामने आए जो न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं मोदी की इस रैली के 10 प्रमुख बिंदु, जिन्होंने सबका ध्यान खींचा।
1. सुरक्षित जम्मू-कश्मीर का वादा: मोदी की गारंटी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में सबसे पहले जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की बात की। उन्होंने कहा, “हम एक सुरक्षित और समृद्ध जम्मू-कश्मीर बनाएंगे, यह मोदी की गारंटी है।” यह वादा उन लोगों के लिए खास संदेश था, जिन्होंने वर्षों से आतंकवाद और अशांति का सामना किया है। उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
2. जम्मू-कश्मीर का भविष्य तय करने वाला चुनाव
मोदी ने कहा कि इस बार का चुनाव जम्मू-कश्मीर का भविष्य तय करेगा। उनका मानना था कि ये चुनाव न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह इस राज्य के विकास और स्थिरता का मार्ग भी प्रशस्त करेंगे। उन्होंने कहा, “यह चुनाव जम्मू-कश्मीर का भाग्य बदलने वाला है।”
3. परिवारवाद पर प्रहार
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में सीधे परिवारवाद पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जिन राजनीतिक दलों पर आपने भरोसा किया, उन्होंने सिर्फ अपने परिवारों का ही विकास किया।” उनका यह बयान नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस जैसी पार्टियों पर था, जिन्होंने लंबे समय से जम्मू-कश्मीर की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाई है।
4. नौजवानों की नई लीडरशिप का समर्थन
मोदी ने युवा नेताओं के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पंचायत और बीडीसी चुनाव कराकर युवाओं को राजनीति में आने का मौका दिया। उन्होंने कहा, “हमने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को राजनीति में आगे लाने का प्रयास किया है, ताकि यहां की राजनीति में नई ऊर्जा आ सके।”
5. आतंकवाद पर कड़ा रुख
मोदी ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने कहा, “जो पत्थर पहले पुलिस और सेना पर फेंके जाते थे, अब उन्हीं पत्थरों से नया जम्मू-कश्मीर बनाया जा रहा है।” यह बयान साफ तौर पर इस बात की ओर इशारा था कि उनकी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और इसमें सफलता भी पाई है।
6. तीन खानदानों का राजनीतिक नियंत्रण खत्म
मोदी ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में वर्षों से चली आ रही 'तीन खानदानों' की सत्ता पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने मिलकर जम्मू-कश्मीर को बर्बाद किया है।” उनका यह बयान स्पष्ट रूप से जनता को यह समझाने का प्रयास था कि अब समय है बदलाव का, और जनता को इन्हीं तीन परिवारों के शासन से बाहर निकलना होगा।
7. कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का वादा
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कश्मीरी पंडितों का जिक्र भी किया और कहा कि उनकी सरकार कश्मीरी हिंदुओं की वापसी और पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने टीका लाल टपलू योजना का ऐलान किया, जो कश्मीरी हिंदुओं को उनका हक दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
8. कांग्रेस पर पत्रकार हमले का आरोप
रैली के दौरान मोदी ने कांग्रेस पर पत्रकारों को निशाना बनाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने इंडिया टुडे के पत्रकार पर हुए हमले का जिक्र किया और कहा, “जो लोग मोहब्बत की बात करते हैं, उन्हीं के कार्यकर्ता पत्रकारों की पिटाई कर रहे हैं। यह दिखाता है कि कांग्रेस का असली चेहरा क्या है।”
9. आर्थिक विकास पर जोर
मोदी ने अपने भाषण में आर्थिक विकास की भी बात की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में राज्य में पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिला है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
10. जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की मजबूती
प्रधानमंत्री ने पंचायत, बीडीसी और डीडीसी चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पहली बार ऐसे चुनाव कराए हैं, जिससे जनता की भागीदारी बढ़ी है और उन्हें अपने क्षेत्र के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का मौका मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी की इस रैली ने साफ कर दिया कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद और परिवारवाद से मुक्त कर एक नई दिशा में ले जाना चाहती है। उनकी बातें न केवल जनता को प्रेरित करने वाली थीं, बल्कि उन्होंने यह भी दिखा दिया कि वह जम्मू-कश्मीर के विकास और सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं। अब यह देखना बाकी है कि आने वाले चुनावों में जनता किस दिशा में अपना फैसला करती है।
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