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PM मोदी ने उस देश में देखी प्रभु श्री राम की लीला, जिस देश नहीं रहता है एक भी हिंदू !

नवरात्रि के दौरान, जहां भारत में मां दुर्गा की पूजा हो रही है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाओस में रामलीला का मंचन देखा। लाओस के रॉयल थियेटर में 'फरा लक फरा राम' नामक रामायण के एक एपिसोड का आयोजन किया गया, जिसे मोदी ने उत्सुकता से देखा और कलाकारों के साथ फोटो भी खिंचवाई। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस अनुभव को साझा करते हुए लिखा कि यह देखकर खुशी होती है कि वहां के लोग रामायण से जुड़े हैं। लाओस में बौद्ध धर्म को मानने वाली जनसंख्या अधिक है, लेकिन इस आयोजन ने भारत और लाओस के बीच पौराणिक सभ्यता के संबंध को और मजबूत किया है।
PM मोदी ने उस देश में देखी प्रभु श्री राम की लीला, जिस देश नहीं रहता है एक भी हिंदू !
आम हो या खास रामलीला देखने के लिए लोग काफी उत्सुक रहते हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रामलीला का मंचन देखा है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को आसियान - भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लाओस पहुंचे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाओस पहुंचे पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। आपको बता दें लाओस एक बौद्ध बहुसंख्यक देश है। जहां पर हिंदुओं की आबादी को लेकर कोई भी सरकारी आंकड़ा नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को देखते हुए दोनों देशों के बीच पौराणिक सभ्यता और सदियों पुरानी विरासत को जोड़ने के लिए रामलीला का आयोजन किया गया।  जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा और रामलीला के पात्रों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोटो भी खिंचवाई। 

लाओस के प्रमुख रॉयल थियेटर ऑफ लुआंग प्रबंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलीला देखी। जहां पर रामायण के एक एपिसोड, फलक - फलाम का आयोजन किया गया था। लाओस में इसे 'फरा लक फरा राम' के नाम से भी जाना जाता है। इस आयोजन का आनंद लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामायण के कलाकारों से बातचीत करते हुए उनके साथ फोटो भी खिंचवाई। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर विदेश सचिव विक्रम मिश्री और अन्य लोग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कार्यक्रम में मौजूद रहे। 

रामलीला के एक मंचन का वीडियो क्लिप अपने सोशल मीडिया एक्सपी प्लेटफार्म पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा "विजयादशमी कुछ दिन दूर है और आज लोआस पीआरडी में मैंने रामायण का एक भाग देखा, जिसमें रावण पर प्रभु श्री राम की जीत पर प्रकाश डाला गया है। यह देखकर खुशी होती है कि यहां के लोग रामायण से जुड़े हुए हैं। प्रभु श्री राम का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे। "

आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौर को लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी है कि लाओस में भारतीय सभ्यता और परंपरा से जुड़े कई चीजों का सदियों से पालन और संरक्षण किया जा रहा है। लाओस और भारत अपनी विरासत को संजोने के लिए काम कर रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामायण का मंचन देखने से पहले विन्यतियाने श्री साकेत मंदिर में बौद्ध संतों के साथ कार्यक्रम में भी हिस्सा लिए थे। 

लाओस में कौन से धर्म की ज्यादा है आबादी

लाओस एक दक्षिण पूर्वी एशियाई देश है। यहां पर बौद्ध धर्म को मानने वाली सबसे ज्यादा आबादी है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक 2023 में लाओस में 79 लाख आबादी रहती है जिसके मुताबिक साल 2015में लाओस में 64.7 प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं वही 1.7 फ़ीसदी ईसाई आबादी है और 31.4% लोग वह है जिनके धर्म का कोई आधिकारिक डाटा नहीं है।  वही 2.2 प्रतिशत ऐसे लोग है जो अन्य धर्म का पालन करते हैं। 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 में आसियान भारत शिखर सम्मेलन में और 19 में पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लाओस पहुंचे हुए हैं। वर्तमान में लाओस आसिया का अध्यक्ष है। वहीं दक्षिण पूर्व एशियाई संघ की स्थापना की अगर बात करें तो इसे 1967 में बनाया गया था जिसके अंतर्गत इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, भारत, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और ब्रूनेई दारस्सलाम शामिल है। इस शिखर सम्मेलन में आसियान के 10 देश और आठ साझेदारी आस्ट्रेलिया ,चीन ,भारत,जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रूस और अमेरिका जैसे विश्व के बड़े देश शामिल हो रहे हैं।



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